Skip to main content

कोविड-19 के 5.3 लाख से ज्यादा लोग ठीक हुए ; देश में सक्रिय मामलों की संख्या 2.9 लाख है ; पिछले 24 घंटों में 19,000 से ज्यादा लोग ठीक हुए


कोविड-19 के 5.3 लाख से ज्यादा लोग ठीक हुए; सक्रिय मामलों की संख्या 2.9 लाख है

ठीक हुए मामलों की संख्या, सक्रिय मामलों की तुलना में 2.4 लाख ज्यादा है

पिछले 24 घंटों में 19,000 से ज्यादा लोग ठीक हुए

परीक्षण दर प्रति दस लाख पर 8396.4 हुई




 

दिनांक : 12 JUL 2020 3:20PM Delhi

 

राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों की सरकार के साथ मिलकर केन्द्र सरकार ने केन्द्रित और समन्वित प्रयास किए। मामलों की जल्द से जल्द से पहचान करने, सही समय पर निदान करने और प्रभावी नैदानिक प्रबंधन जैसे उपाय करने से ठीक होने वाले मामलों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। पिछले 24 घंटों में कोविड-19 के कुल 19,235 रोगी ठीक हुए हैं। इसके परिणामस्वरूप, आज कोविड-19 रोगियों के बीच ठीक होने वाले मामलों की कुल संख्या बढ़कर 5,34,620 हो गई है। वर्तमान में ठीक होने (रिकवरी) की दर बढ़कर 62.93 प्रतिशत हो गई है।


चूंकि, चौतरफा प्रयासों के कारण ज्यादा लोग ठीक हो रहे हैं, इसलिए ठीक होने वाले मामलों की संख्या, सक्रिय मामलों से 2,42,362 से ज्यादा हो चुकी हैं। सभी 2,92,258 सक्रिय मामलों को चिकित्सा निगरानी के अंतर्गत रखा गया है।


कोविड-19 से ​​प्रभावितों लोगों को चिकित्सा निगरानी प्रदान करने के लिए, वर्तमान स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे में 1,370 समर्पित कोविड अस्पताल (डीसीएच), 3,062 समर्पित कोविड स्वास्थ्य केंद्र (डीसीएचसी), और 10,334 कोविड देखभाल केंद्र (सीसीसी) शामिल हैं।


इन सुविधा केंद्रों का संचालन सफलतापूर्वक करने के लिए, केंद्र द्वारा अब तक 122.36 लाख पीपीई किट, 223.33 लाख एन95 मास्क उपलब्ध कराए गए हैं, और 21,685 वेंटिलेटर विभिन्न राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों/केंद्रीय संस्थानों में वितरित किए गए हैं।


कोविड-19 की जांच के लिए सभी बाधाओं को दूर करने और राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा जांच की सुविधा को निरंतर व्यापक बनाने जैसे सुधारात्मक कारकों के कारण, प्रत्येक दिन नमूनों की जांच में निरंतर वृद्धि हो रही है; पिछले 24 घंटों के दौरान 2,80,151 नमूनों की जांच की गई है। अब तक जांच किए गए नमूनों की कुल संख्या 1,15,87,153 हो चुकी है। इन प्रयासों के परिणामस्वरूप, वर्तमान में भारत में प्रति दस लाख पर परीक्षण दर 8396.4 हो चुकी है।


जांच की संख्या में हुई प्रगतिशील वृद्धि का एक महत्वपूर्ण कारक, देशव्यापी नैदानिक प्रयोगशाला नेटवर्क में होने वाला निरंतर विस्तार है, जिसमें वर्तमान समय में सरकारी क्षेत्र की 850 प्रयोगशालाएं और निजी क्षेत्र की 344 प्रयोगशालाएं (कुल 1194 प्रयोगशालाएं) हैं। इनमें शामिल हैं:



  • रियल-टाइम आरटी पीसीआर आधारित परीक्षण प्रयोगशालाएं: 624 (सरकारी: 388+ निजी: 236)

  • ट्रू एनएटी आधारित परीक्षण प्रयोगशालाएं: 472 (सरकारी: 427+ निजी: 45)

  • सीबी नाट आधारित परीक्षण प्रयोगशालाएं: 98 (सरकारी: 35+ निजी: 63)


कोविड-19 से संबंधित तकनीकी मुद्दों, दिशा-निर्देशों और सलाहों के बारे में सभी प्रामाणिक और अद्यतन जानकारी के लिए, नियमित रूप से देखें: https://www.mohfw.gov.in/ और @MoHFW_INDIA


कोविड-19 से संबंधित तकनीकी प्रश्नों को technicalquery.covid19@gov.in पर और अन्य प्रश्नों को ncov2019@gov.in पर ई-मेल और @CovidIndiaSeva पर ट्वीट पूछा जा सकता है।


कोविड-19 से संबंधित किसी भी जानकारी के लिए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के हेल्पलाइन नंबर- : +91-11-23978046 or 1075 (टोल फ्री) पर कॉल करें।


कोविड-19 पर राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों के हेल्पलाइन नंबरों की सूची https://www.mohfw.gov.in/pdf/coronvavirushelplinenumber.pdf पर उपलब्ध है।



Bkk News


Bekhabaron Ki Khabar - बेख़बरों की खबर


Bekhabaron Ki Khabar, magazine in Hindi by Radheshyam Chourasiya / Bekhabaron Ki Khabar: Read on mobile & tablets - http://www.readwhere.com/publication/6480/Bekhabaron-ki-khabar



Comments

मध्यप्रदेश समाचार

देश समाचार

Popular posts from this blog

खाटू नरेश श्री श्याम बाबा की पूरी कहानी | Khatu Shyam ji | Jai Shree Shyam | Veer Barbarik Katha |

संक्षेप में श्री मोरवीनंदन श्री श्याम देव कथा ( स्कंद्पुराणोक्त - श्री वेद व्यास जी द्वारा विरचित) !! !! जय जय मोरवीनंदन, जय श्री श्याम !! !! !! खाटू वाले बाबा, जय श्री श्याम !! 'श्री मोरवीनंदन खाटू श्याम चरित्र'' एवं हम सभी श्याम प्रेमियों ' का कर्तव्य है कि श्री श्याम प्रभु खाटूवाले की सुकीर्ति एवं यश का गायन भावों के माध्यम से सभी श्री श्याम प्रेमियों के लिए करते रहे, एवं श्री मोरवीनंदन बाबा श्याम की वह शास्त्र सम्मत दिव्यकथा एवं चरित्र सभी श्री श्याम प्रेमियों तक पहुंचे, जिसे स्वयं श्री वेद व्यास जी ने स्कन्द पुराण के "माहेश्वर खंड के अंतर्गत द्वितीय उपखंड 'कौमारिक खंड'" में सुविस्तार पूर्वक बहुत ही आलौकिक ढंग से वर्णन किया है... वैसे तो, आज के इस युग में श्री मोरवीनन्दन श्यामधणी श्री खाटूवाले श्याम बाबा का नाम कौन नहीं जानता होगा... आज केवल भारत में ही नहीं अपितु समूचे विश्व के भारतीय परिवार ने श्री श्याम जी के चमत्कारों को अपने जीवन में प्रत्यक्ष रूप से देख लिया हैं.... आज पुरे भारत के सभी शहरों एवं गावों में श्री श्याम जी से सम्बंधित संस्थाओं...

आधे अधूरे - मोहन राकेश : पाठ और समीक्षाएँ | मोहन राकेश और उनका आधे अधूरे : मध्यवर्गीय जीवन के बीच स्त्री पुरुष सम्बन्धों का रूपायन

  आधे अधूरे - मोहन राकेश : पीडीएफ और समीक्षाएँ |  Adhe Adhure - Mohan Rakesh : pdf & Reviews मोहन राकेश और उनका आधे अधूरे - प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा हिन्दी के बहुमुखी प्रतिभा संपन्न नाट्य लेखक और कथाकार मोहन राकेश का जन्म  8 जनवरी 1925 को अमृतसर, पंजाब में  हुआ। उन्होंने  पंजाब विश्वविद्यालय से हिन्दी और अंग्रेज़ी में एम ए उपाधि अर्जित की थी। उनकी नाट्य त्रयी -  आषाढ़ का एक दिन, लहरों के राजहंस और आधे-अधूरे भारतीय नाट्य साहित्य की उपलब्धि के रूप में मान्य हैं।   उनके उपन्यास और  कहानियों में एक निरंतर विकास मिलता है, जिससे वे आधुनिक मनुष्य की नियति के निकट से निकटतर आते गए हैं।  उनकी खूबी यह थी कि वे कथा-शिल्प के महारथी थे और उनकी भाषा में गज़ब का सधाव ही नहीं, एक शास्त्रीय अनुशासन भी है। कहानी से लेकर उपन्यास तक उनकी कथा-भूमि शहरी मध्य वर्ग है। कुछ कहानियों में भारत-विभाजन की पीड़ा बहुत सशक्त रूप में अभिव्यक्त हुई है।  मोहन राकेश की कहानियां नई कहानी को एक अपूर्व देन के रूप में स्वीकार की जाती ...

दुर्गादास राठौड़ : जिण पल दुर्गो जलमियो धन बा मांझल रात - प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा

अमरवीर दुर्गादास राठौड़ : जिण पल दुर्गो जलमियो धन बा मांझल रात। - प्रो शैलेन्द्रकुमार शर्मा माई ऐड़ा पूत जण, जेहड़ा दुरगादास। मार मंडासो थामियो, बिण थम्बा आकास।। आठ पहर चौसठ घड़ी घुड़ले ऊपर वास। सैल अणी हूँ सेंकतो बाटी दुर्गादास।। भारत भूमि के पुण्य प्रतापी वीरों में दुर्गादास राठौड़ (13 अगस्त 1638 – 22 नवम्बर 1718)  के नाम-रूप का स्मरण आते ही अपूर्व रोमांच भर आता है। भारतीय इतिहास का एक ऐसा अमर वीर, जो स्वदेशाभिमान और स्वाधीनता का पर्याय है, जो प्रलोभन और पलायन से परे प्रतिकार और उत्सर्ग को अपने जीवन की सार्थकता मानता है। दुर्गादास राठौड़ सही अर्थों में राष्ट्र परायणता के पूरे इतिहास में अनन्य, अनोखे हैं। इसीलिए लोक कण्ठ पर यह बार बार दोहराया जाता है कि हे माताओ! तुम्हारी कोख से दुर्गादास जैसा पुत्र जन्मे, जिसने अकेले बिना खम्भों के मात्र अपनी पगड़ी की गेंडुरी (बोझ उठाने के लिए सिर पर रखी जाने वाली गोल गद्देदार वस्तु) पर आकाश को अपने सिर पर थाम लिया था। या फिर लोक उस दुर्गादास को याद करता है, जो राजमहलों में नहीं,  वरन् आठों पहर और चौंसठ घड़ी घोड़े पर वास करता है और उस पर ही बैठकर बाट...