Skip to main content

गृह मंत्रालय ने अनलॉक 3 के लिए दिशा-निर्देश जारी किए, संक्रमण प्रभावित क्षेत्रों के बाहर ज्यादा गतिविधियों का संचालन होगा


एमएचए ने अनलॉक 3 के लिए दिशा निर्देश जारी किए, संक्रमण प्रभावित क्षेत्रों के बाहर ज्यादा गतिविधियों का संचालन होगा

संक्रमण प्रभावित क्षेत्रों में 31 अगस्त, 2020 तक सख्ती से लॉकडाउनजारी रहेगा



दिनांक : 29 JUL 2020 7:23PM Delhi


 

एमएचए के नए दिशानिर्देश


गृह मंत्रालय (एमएचए) ने संक्रमण प्रभावित क्षेत्रों (कन्टेनमेंट जोन्स) के बाहर के क्षेत्रों में ज्यादा गतिविधियां शुरू किए जाने के लिए आज नए दिशानिर्देश जारी कर दिए हैं। अनलॉक 3 आगामी 1 अगस्त, 2020 से प्रभावी हो जाएगा, जिसके लिए गतिवधियों को चरणबद्ध तरीके से फिर से खोलने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया गया है। आज जारी नए दिशानिर्देश राज्यों और संघ शासित क्षेत्रों से मिले फीडबैक व केन्द्रीय मंत्रालयों और विभागों के साथ हुए व्यापक विचार विमर्शों पर आधारित हैं।


नए दिशानिर्देशों की मुख्य विशेषताएं



  • रात के दौरान लोगों की आवाजाही पर प्रतिबंध यानी नाइट कर्फ्यू को हटा दिया गया है।

  • योगा संस्थान और जिम को 5 अगस्त, 2020 से खोलने की अनुमति दे दी जाएगी। इस संबंध में, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय (एमओएचएफडब्ल्यू) द्वारा सामाजिक दूरी सुनिश्चित करने और कोविड-19 के प्रसार पर रोकथाम के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की जाएगी।

  • सामाजिक दूरी और मास्क पहनने आदि अन्य स्वास्थ्य प्रोटोकॉल्स के पालन के साथ स्वतंत्रता दिवस समारोह के आयोजन के लिए अनुमति दी जाएगी। इस संबंध में एमएचए द्वारा 21.07.2020 को जारी निर्देशों का पालन करना होगा।

  • राज्यों और संघ शासित क्षेत्रों के साथ व्यापक विचार विमर्श के बाद, यह फैसला लिया गया है कि स्कूल, कॉलेज और कोचिंक संस्थानों को 31 अगस्त, 2020 तक बंद रखा जाएगा।

  • वंदे भारत मिशन के अंतर्गत सीमित रूप में अंतरराष्ट्रीय हवाई यातायात को अनुमति दे दी गई है। इसे आगे और खोलने की प्रक्रिया जांच-परख के बाद ही बढ़ाई जाएगी।

  • संक्रमण प्रभावित क्षेत्रों से बाहर के इलाकों में निम्नलिखित को छोड़कर सभी गतिविधियों को अनुमति होगी :



  1. मेट्रो रेल

  2. सिनेमाघरों, स्वमिंग पूल, मनोरंजन पार्क, थिएटर, बार, ऑडिटोरियम (प्रेक्षाग्रह/ रंगशालाएं), असेंबली हॉल (सभागार) और इसी तरह के अन्य स्थान।



  • iii. सामाजिक/राजनीतिक/खेल/मनोरंजन/शैक्षणिक/सांस्कृतिक/धार्मिक कार्यक्रम और अन्य बड़ी सभाएं।


हालात के आकलन के आधार पर इन गतिविधियों को खोलने की तारीख अलग से निर्धारित की जाएगी।



  • संक्रमण प्रभावित क्षेत्रों में 31 अगस्त, 2020 से लॉकडाउन का सख्ती से कार्यान्वयन जारी रहेगा। एमओएचएफडब्ल्यू द्वारा जारी दिशानिर्देशों को ध्यान में रखते हुए राज्य/ संघ शासित क्षेत्रों की सरकारों को कोविड-19 के प्रसार पर रोकथाम के उद्देश्य से संक्रमण प्रभावित क्षेत्रों (कन्टेनमेंट जोन) सावधानीपूर्वक सीमांकन करना होगा। संक्रमण प्रभावित क्षेत्रों के भीतर, सख्त क्षेत्रीय नियंत्रण लागू करना होगा और सिर्फ आवश्यक गतिविधियों के लिए ही अनुमति होगी।

  • इन संक्रमण प्रभावित क्षेत्रों को संबंधित जिलाधिकारियों की वेबसाइट पर और राज्यों/ संघ शासित क्षेत्रों द्वारा अधिसूचित करना होगा। साथ ही यह जानकारी एमओएचएफडब्ल्यू के साथ साझा करनी होगी।

  • राज्य और संघ शासित क्षेत्रों के अधिकारियों द्वारा संक्रमण प्रभावित क्षेत्रों में होने वाली गतिविधियों की सख्ती से निगरानी करनी होगी। साथ ही इन क्षेत्रों में रोकथाम के उपायों से संबंधित दिशानिर्देशों को सख्ती से लागू किया जाएगा।

  • एमओएचएफडब्ल्यू संक्रमण प्रभावित क्षेत्रों के परिसीमन और रोकथाम के उपायों के कार्यान्वयन की निगरानी करेगा।


संक्रमण प्रभावित क्षेत्रों के बाहर होने वाली गतिविधियों पर राज्य करेंगे फैसला


हालात के आकलन के आधार पर राज्य और संघ शासित क्षेत्र संक्रमण प्रभावित क्षेत्रों के बाहर चुनिंदा गतिविधियों को प्रतिबंधित कर सकते हैं या आवश्यकता पड़ने पर ऐसी बंदिशें लगा सकते हैं। हालांकि, अंतर-राज्यीय और राज्यों के भीतर लोगों व सामान की आवाजाही पर किसी तरह की रोक नहीं होगी। ऐसी आवाजाही के लिए किसी तरह की अलग अनुमति/ स्वीकृति/ ई- अनुमति की आवश्यकता नहीं होगी।


कोविड-19 के प्रबंधन के लिए राष्ट्रीय निर्देश


सामाजिक दूरी सुनिश्चित करने के उद्देश्य से कोविड-19 के प्रबंधन के लिए जारी राष्ट्रीय निर्देशों का देश भर में पालन जारी रहेगा। दुकानों पर ग्राहकों के बीच पर्याप्त सामाजिक दूरी सुनिश्चित रखने की आवश्यकता होगी। एमएचए राष्ट्रीय निर्देशों के प्रभावी कार्यान्वयन की निगरानी करेगा।


कमजोर लोगों की सुरक्षा


65 वर्ष से ज्यादा उम्र के लोगों, बीमार (सह रुग्णता वाले) लोगों, गर्भवती महिलाओं और 10 साल की उम्र से कम के बच्चों जैसे कमजोर लोगों को आवश्यक कार्यों और स्वास्थ्य जरूरतों को छोड़कर घर पर ही रहने की सलाह दी जाती है।


आरोग्य सेतु का उपयोग


आरोग्य सेतु मोबाइल ऐप्लीकेशन के उपयोग के लिए प्रोत्साहन दिया जाता रहेगा।



एमएचए का आदेश और दिशानिर्देश देखने के लिए यहां क्लिक करें (clear quality) 


Comments

मध्यप्रदेश समाचार

देश समाचार

Popular posts from this blog

आधे अधूरे - मोहन राकेश : पाठ और समीक्षाएँ | मोहन राकेश और उनका आधे अधूरे : मध्यवर्गीय जीवन के बीच स्त्री पुरुष सम्बन्धों का रूपायन

  आधे अधूरे - मोहन राकेश : पीडीएफ और समीक्षाएँ |  Adhe Adhure - Mohan Rakesh : pdf & Reviews मोहन राकेश और उनका आधे अधूरे - प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा हिन्दी के बहुमुखी प्रतिभा संपन्न नाट्य लेखक और कथाकार मोहन राकेश का जन्म  8 जनवरी 1925 को अमृतसर, पंजाब में  हुआ। उन्होंने  पंजाब विश्वविद्यालय से हिन्दी और अंग्रेज़ी में एम ए उपाधि अर्जित की थी। उनकी नाट्य त्रयी -  आषाढ़ का एक दिन, लहरों के राजहंस और आधे-अधूरे भारतीय नाट्य साहित्य की उपलब्धि के रूप में मान्य हैं।   उनके उपन्यास और  कहानियों में एक निरंतर विकास मिलता है, जिससे वे आधुनिक मनुष्य की नियति के निकट से निकटतर आते गए हैं।  उनकी खूबी यह थी कि वे कथा-शिल्प के महारथी थे और उनकी भाषा में गज़ब का सधाव ही नहीं, एक शास्त्रीय अनुशासन भी है। कहानी से लेकर उपन्यास तक उनकी कथा-भूमि शहरी मध्य वर्ग है। कुछ कहानियों में भारत-विभाजन की पीड़ा बहुत सशक्त रूप में अभिव्यक्त हुई है।  मोहन राकेश की कहानियां नई कहानी को एक अपूर्व देन के रूप में स्वीकार की जाती ...

खाटू नरेश श्री श्याम बाबा की पूरी कहानी | Khatu Shyam ji | Jai Shree Shyam | Veer Barbarik Katha |

संक्षेप में श्री मोरवीनंदन श्री श्याम देव कथा ( स्कंद्पुराणोक्त - श्री वेद व्यास जी द्वारा विरचित) !! !! जय जय मोरवीनंदन, जय श्री श्याम !! !! !! खाटू वाले बाबा, जय श्री श्याम !! 'श्री मोरवीनंदन खाटू श्याम चरित्र'' एवं हम सभी श्याम प्रेमियों ' का कर्तव्य है कि श्री श्याम प्रभु खाटूवाले की सुकीर्ति एवं यश का गायन भावों के माध्यम से सभी श्री श्याम प्रेमियों के लिए करते रहे, एवं श्री मोरवीनंदन बाबा श्याम की वह शास्त्र सम्मत दिव्यकथा एवं चरित्र सभी श्री श्याम प्रेमियों तक पहुंचे, जिसे स्वयं श्री वेद व्यास जी ने स्कन्द पुराण के "माहेश्वर खंड के अंतर्गत द्वितीय उपखंड 'कौमारिक खंड'" में सुविस्तार पूर्वक बहुत ही आलौकिक ढंग से वर्णन किया है... वैसे तो, आज के इस युग में श्री मोरवीनन्दन श्यामधणी श्री खाटूवाले श्याम बाबा का नाम कौन नहीं जानता होगा... आज केवल भारत में ही नहीं अपितु समूचे विश्व के भारतीय परिवार ने श्री श्याम जी के चमत्कारों को अपने जीवन में प्रत्यक्ष रूप से देख लिया हैं.... आज पुरे भारत के सभी शहरों एवं गावों में श्री श्याम जी से सम्बंधित संस्थाओं...

दुर्गादास राठौड़ : जिण पल दुर्गो जलमियो धन बा मांझल रात - प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा

अमरवीर दुर्गादास राठौड़ : जिण पल दुर्गो जलमियो धन बा मांझल रात। - प्रो शैलेन्द्रकुमार शर्मा माई ऐड़ा पूत जण, जेहड़ा दुरगादास। मार मंडासो थामियो, बिण थम्बा आकास।। आठ पहर चौसठ घड़ी घुड़ले ऊपर वास। सैल अणी हूँ सेंकतो बाटी दुर्गादास।। भारत भूमि के पुण्य प्रतापी वीरों में दुर्गादास राठौड़ (13 अगस्त 1638 – 22 नवम्बर 1718)  के नाम-रूप का स्मरण आते ही अपूर्व रोमांच भर आता है। भारतीय इतिहास का एक ऐसा अमर वीर, जो स्वदेशाभिमान और स्वाधीनता का पर्याय है, जो प्रलोभन और पलायन से परे प्रतिकार और उत्सर्ग को अपने जीवन की सार्थकता मानता है। दुर्गादास राठौड़ सही अर्थों में राष्ट्र परायणता के पूरे इतिहास में अनन्य, अनोखे हैं। इसीलिए लोक कण्ठ पर यह बार बार दोहराया जाता है कि हे माताओ! तुम्हारी कोख से दुर्गादास जैसा पुत्र जन्मे, जिसने अकेले बिना खम्भों के मात्र अपनी पगड़ी की गेंडुरी (बोझ उठाने के लिए सिर पर रखी जाने वाली गोल गद्देदार वस्तु) पर आकाश को अपने सिर पर थाम लिया था। या फिर लोक उस दुर्गादास को याद करता है, जो राजमहलों में नहीं,  वरन् आठों पहर और चौंसठ घड़ी घोड़े पर वास करता है और उस पर ही बैठकर बाट...