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श्री महाकाल भगवान की सवारी मार्ग में परिवर्तन ; श्रावण मास में कावड़ यात्रियों का शहर में प्रवेश रहेगा प्रतिबंध

कोरोना महामारी में आमजन के स्वास्थ्य सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए श्री महाकाल भगवान की सवारी मार्ग में परिवर्तन


श्रावण मास में कावड़ यात्रियों का शहर में प्रवेश रहेगा प्रतिबंध


9 से 10 हजार श्रद्धालु श्रावण मास में प्रीबुकिंग से प्रात: 5.30 बजे से रात्रि 9 बजे तक दर्शन कर सकेंगे


कलेक्टर की अध्यक्षता में मन्दिर प्रबंध समिति की बैठक सम्पन्न



उज्जैन 30 जून। कोविड-19 वैश्विक महामारी को दृष्टिगत रखते हुए आमजन के स्वास्थ्य सुरक्षा के सम्बन्ध में श्रावण मास-भादौ मास में निकलने वाली श्री महाकालेश्वर भगवान की सवारी के मार्ग में संशोधन किया गया है। श्रावण मास में कावड़ यात्रियों का शहर में प्रवेश प्रतिबंध रहेगा। श्री महाकालेश्वर मन्दिर में श्रावण मास में भस्म आरती का समय परिवर्तन होने के कारण दर्शनार्थियों को भगवान महाकाल के दर्शन प्रात: 5.30 बजे से रात्रि 9 बजे तक हो सकेंगे। श्रावण मास में 9 से 10 हजार दर्शनार्थी प्रीबुकिंग के माध्यम से दर्शन कर सकेंगे। वर्तमान में चार हजार दर्शनार्थी दर्शन लाभ ले रहे हैं। इस दौरान श्री महाकालेश्वर मन्दिर गर्भगृह में प्रवेश पूर्णत: प्रतिबंधित रहेगा। नागपंचमी पर्व पर भगवान श्री नागचंद्रेश्वर के स्क्रीन के माध्यम से लाईव दर्शन होंगे। नागचंद्रेश्वर मन्दिर में दर्शनार्थियों के प्रवेश पर प्रतिबंध रहेगा। श्री महाकालेश्वर मन्दिर प्रबंध समिति के द्वारा संचालित नि:शुल्क अन्नक्षेत्र भी पूर्णत: बन्द रहेगा। भगवान महाकाल की सवारी में पालकी को उठाने वाले कहारों को बांह के बैज उपलब्ध कराये जायेंगे। श्री महाकालेश्वर मन्दिर प्रबंध समिति के अध्यक्ष एवं कलेक्टर श्री आशीष सिंह की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में उक्त आशय के निर्णय लिये गये।



सवारी मार्ग


बैठक में निर्णय लिया गया कि कोरोना महामारी को देखते हुए भगवान महाकाल की सवारी के मार्ग में परिवर्तन करते हुए सवारी अब महाकाल मन्दिर से बड़ा गणेश मन्दिर के सामने से होकर हरसिद्धि मन्दिर चौराहा, नृसिंह घाट मार्ग सिद्धाश्रम के सामने से होकर रामघाट पहुंचेगी, जहां पर भगवान श्री महाकाल का शिप्रा नदी के जल से अभिषेक पूजन-अर्चन करने के बाद सवारी रामानुज कोट, हरसिद्धि पाल, हरसिद्धि मन्दिर के सामने, बड़ा गणेश मन्दिर के सामने से होकर पुन: महाकालेश्वर मन्दिर पहुंचेगी। बैठक में निर्णय लिया गया कि श्रावण मास में श्रद्धालुओं की संख्या में वृद्धि की जायेगी। श्रद्धालुओं को दर्शन के लिये एक दिन पूर्व बुकिंग कराना अनिवार्य होगी। इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक श्री मनोज कुमार सिंह, अपर कलेक्टर श्रीमती बिदिशा मुखर्जी, प्रशासक एवं अपर कलेक्टर श्री एसएस रावत, मन्दिर के पुजारी पं.आशीष शर्मा एवं श्री प्रदीप गुरू, महन्त श्री विनीत गिरी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।



श्रावण महोत्सव आयोजित नहीं होगा


बैठक में निर्णय लिया गया कि कोरोना वैश्विक महामारी के दौरान सरकार की गाईड लाइन का अनिवार्य रूप से पालन किया जायेगा। श्रावण मास में प्रति सोमवार के एक दिन पहले यानी रविवार की शाम को आयोजित होने वाला श्रावण महोत्सव इस बार आयोजित नहीं होगा। सभा मण्डप में मौजूद रहने वाले व्यक्तियों की संख्या निर्धारित करते हुए उनको सूचीबद्ध किया जायेगा। सवारी में भी संख्या कम रहेगी।



श्रावण मास की प्रथम सवारी सोमवार 6 जुलाई, द्वितीय सवारी सोमवार 13 जुलाई, तृतीय सवारी सोमवार 20 जुलाई, चतुर्थ सवारी सोमवार 27 जुलाई, पांचवी सवारी सोमवार 3 अगस्त तथा भादौ मास की छठी सवारी सोमवार 10 अगस्त एवं प्रमुख शाही सवारी सोमवार 17 अगस्त को भगवान महाकाल की सवारी निकाली जायेगी। पूजन पश्चात निर्धारित समय 4 बजे सभा मण्डप से सवारी निकलेगी, जहां मन्दिर के मुख्य द्वार पर पुलिस जवानों के द्वारा भगवान महाकाल की पालकी को गार्ड ऑफ ऑनर दिया जायेगा। इस दौरान भी सोशल डिस्‍टेंसिंग का पालन किया जायेगा। कानून व्यवस्था हेतु आवश्यक पुलिस बल एवं अन्य व्यवस्थाओं के संचालन हेतु अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहेंगे। सवारी के क्रम में उद्घोषक वाहन, तोपची, भगवान महाकाल का ध्वज, घुड़सवारी, विशेष सशस्त्र बल, पुलिस बैण्ड, नगर सेना, महाकाल के पुजारी-पुरोहित, ढोलवादक, झांझवादक, चोपदार, चांदी की झाड़ूवाहक, अन्य आवश्यक व्यवस्था में लगने वाले कर्मचारी सीमित संख्या में रहेंगे।



बैठक में नगर निगम आयुक्त श्री क्षितिज सिंघल, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री रूपेश द्विवेदी, उप प्रशासक श्री मूलचन्द जूनवाल, सहायक प्रशासक श्री प्रतीक द्विवेदी, सहायक प्रशासनिक अधिकारी श्री आरके तिवारी, सुरक्षा अधिकारी श्रीमती रूबी यादव आदि उपस्थित थे।


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