Skip to main content

संग्रहालय एवं सांस्‍कृतिक स्‍थल विकास (डीएमसीएस) ने आज एक लघु फिल्म 'अ रे ऑफ जीनियस' के साथ सत्यजीत रे शताब्दी समारोह का शुभारंभ किया

संस्‍कृति मंत्रालय


    संस्कृति मंत्रालय के संग्रहालय एवं सांस्‍कृतिक स्‍थल विकास (डीएमसीएस) ने आज सत्यजीत रे के शताब्दी समारोह का शुभारंभ करते हुए एक लघु फिल्म 'अ रे ऑफ जीनियस' को डिजिटल तरीके से लॉन्‍च किया।





     डीएमसीएस के सीईओ श्री राघवेन्‍द्र सिंह ने इस फिल्म को ऑनलाइन रिलीज करते हुए कहा कि यह लघु फिल्म रे की फिल्म निर्माण प्रतिभा के साथ-साथ साहित्य, कला, संगीत और डिजाइन में उनकी दमदार उपलब्धियों को उजागर करती है जिसे कोलकाता और मुंबई के पेशेवरों इसमें समाहित किया है। पुरस्कार विजेता निर्देशक अनिरुद्ध रॉय चौधरी और संपादक अर्घ्य कमल मित्रा ने संदीप रे और सोसाइटी फॉर द प्रिजर्वेशन ऑफ सत्यजीत रे आर्काइव्स की मदद से यह फिल्म बनाई है। इस फिल्म में निमई घोष द्वारा ली गई शानदार तस्‍वीरों को भी शामिल किया गया है जो इस महान फिल्‍म निर्माता के तीन दशक के काम को क्रमवार दर्शाती हैं। ये तस्‍वीरें दिल्‍ली आर्ट गैलेरी की मदद से हासिल की गईं।


     श्री राघवेन्‍द्र सिंह ने आगे कहा कि, 'सत्यजीत रे पाथेर पांचाली, चारुलता, किशोर कन्या, सोनार केला और अपु त्रिलोगी जैसी फिल्मों के माध्यम से हमारी यादों में बसे हैं।' पाथेर पांचाली (सड़क का गीत) के साथ भारतीय सिनेमा को विश्व मंच पर लॉन्च किया गया था। संस्कृति मंत्रालय के डेवलपमेंट ऑफ म्‍यूजियम्‍स एंड कल्‍चरल स्‍पेसेज ने चलचित्र निर्देशक, लेखक और चित्रकार के रूप में बहुमुखी प्रतिभा के धनी सत्यजीत रे को श्रद्धांजलि देने के लिए 'अ रे ऑफ जीनियस' को प्रस्तुत करते हुए प्रसन्‍नता व्‍यक्‍त की है। उन्‍होंने कहा, 'हम इस स्क्रीनिंग के साथ ही आज यानी 2 मई 2020 को सत्यजीत रे के जन्म शताब्दी समारोह का शुभारंभ करेंगे।'


     इस अवसर पर डीएमसीएस का एक आधिकारिक फेसबुक पेज और यूट्यूब चैनल भी लॉन्च किया गया, जो सत्यजीत रे के शताब्दी समारोह के दौरान अन्य गतिविधियों को प्रदर्शित करेंगे। दर्शक निम्नलिखित लिंक पर लॉग इन करते हुए उन्‍हें देख सकते हैं और लाइक एवं फॉलो कर सकते हैं।


 


फेसबुक पेज:  https://www.facebook.com/A-Ray-of-Genius-Satyajit-Ray-Centenary-Celebrations-110004454032751/


यूट्यूब चैनल:  https://www.youtube.com/channel/UC3fwhFWVAjAXV5-T7q76Aaw/?guided_help_flow=5


ट्विटर हैंडल: https://twitter.com/a_dmcs


 


     भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के अधीन संग्रहालय एवं सांस्‍कृतिक स्‍थल विकास (डीएमसीएस) की स्‍थापना भारत में प्रतिष्ठित संग्रहालयों एवं सांस्कृतिक स्‍थलों पर ध्यान केंद्रित करने के साथ-साथ संग्रहालयों एवं सांस्कृतिक स्‍थलों को आधुनिक बनाने, उन्नत करने और संवारने के लिए की गई है।


Bkk News


Bekhabaron Ki Khabar - बेख़बरों की खबर


Bekhabaron Ki Khabar, magazine in Hindi by Radheshyam Chourasiya / Bekhabaron Ki Khabar: Read on mobile & tablets - http://www.readwhere.com/publication/6480/Bekhabaron-ki-khabar



Comments

मध्यप्रदेश समाचार

देश समाचार

Popular posts from this blog

आधे अधूरे - मोहन राकेश : पाठ और समीक्षाएँ | मोहन राकेश और उनका आधे अधूरे : मध्यवर्गीय जीवन के बीच स्त्री पुरुष सम्बन्धों का रूपायन

  आधे अधूरे - मोहन राकेश : पीडीएफ और समीक्षाएँ |  Adhe Adhure - Mohan Rakesh : pdf & Reviews मोहन राकेश और उनका आधे अधूरे - प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा हिन्दी के बहुमुखी प्रतिभा संपन्न नाट्य लेखक और कथाकार मोहन राकेश का जन्म  8 जनवरी 1925 को अमृतसर, पंजाब में  हुआ। उन्होंने  पंजाब विश्वविद्यालय से हिन्दी और अंग्रेज़ी में एम ए उपाधि अर्जित की थी। उनकी नाट्य त्रयी -  आषाढ़ का एक दिन, लहरों के राजहंस और आधे-अधूरे भारतीय नाट्य साहित्य की उपलब्धि के रूप में मान्य हैं।   उनके उपन्यास और  कहानियों में एक निरंतर विकास मिलता है, जिससे वे आधुनिक मनुष्य की नियति के निकट से निकटतर आते गए हैं।  उनकी खूबी यह थी कि वे कथा-शिल्प के महारथी थे और उनकी भाषा में गज़ब का सधाव ही नहीं, एक शास्त्रीय अनुशासन भी है। कहानी से लेकर उपन्यास तक उनकी कथा-भूमि शहरी मध्य वर्ग है। कुछ कहानियों में भारत-विभाजन की पीड़ा बहुत सशक्त रूप में अभिव्यक्त हुई है।  मोहन राकेश की कहानियां नई कहानी को एक अपूर्व देन के रूप में स्वीकार की जाती हैं। उनकी कहानियों में आधुनिक जीवन का कोई-न-कोई विशिष्

तृतीय पुण्य स्मरण... सादर प्रणाम ।

https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=1003309866744766&id=395226780886414 Bekhabaron Ki Khabar - बेख़बरों की खबर Bekhabaron Ki Khabar - बेख़बरों की खबर Bkk News Bekhabaron Ki Khabar, magazine in Hindi by Radheshyam Chourasiya / Bekhabaron Ki Khabar: Read on mobile & tablets -  http://www.readwhere.com/publication/6480/Bekhabaron-ki-khabar

खाटू नरेश श्री श्याम बाबा की पूरी कहानी | Khatu Shyam ji | Jai Shree Shyam | Veer Barbarik Katha |

संक्षेप में श्री मोरवीनंदन श्री श्याम देव कथा ( स्कंद्पुराणोक्त - श्री वेद व्यास जी द्वारा विरचित) !! !! जय जय मोरवीनंदन, जय श्री श्याम !! !! !! खाटू वाले बाबा, जय श्री श्याम !! 'श्री मोरवीनंदन खाटू श्याम चरित्र'' एवं हम सभी श्याम प्रेमियों ' का कर्तव्य है कि श्री श्याम प्रभु खाटूवाले की सुकीर्ति एवं यश का गायन भावों के माध्यम से सभी श्री श्याम प्रेमियों के लिए करते रहे, एवं श्री मोरवीनंदन बाबा श्याम की वह शास्त्र सम्मत दिव्यकथा एवं चरित्र सभी श्री श्याम प्रेमियों तक पहुंचे, जिसे स्वयं श्री वेद व्यास जी ने स्कन्द पुराण के "माहेश्वर खंड के अंतर्गत द्वितीय उपखंड 'कौमारिक खंड'" में सुविस्तार पूर्वक बहुत ही आलौकिक ढंग से वर्णन किया है... वैसे तो, आज के इस युग में श्री मोरवीनन्दन श्यामधणी श्री खाटूवाले श्याम बाबा का नाम कौन नहीं जानता होगा... आज केवल भारत में ही नहीं अपितु समूचे विश्व के भारतीय परिवार ने श्री श्याम जी के चमत्कारों को अपने जीवन में प्रत्यक्ष रूप से देख लिया हैं.... आज पुरे भारत के सभी शहरों एवं गावों में श्री श्याम जी से सम्बंधित संस्थाओं