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मुख्यमंत्री श्री चौहान ने तेंदूपत्ता संग्राहकों को बोनस राशि वितरण का प्रारंभ किया

तेंदूपत्ता संग्राहकों को कुल बोनस राशि 184 करोड़ का भुगतान होगा
11 समितियों को 12.82 करोड़ रूपये अंतरित किए
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने तेंदूपत्ता संग्राहकों से किया संवाद
 


भोपाल : शनिवार, मई 23, 2020, 18:31 IST


मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान ने आज मंत्रालय से सिंगल क्लिक के माध्यम से प्रदेश के तेंदूपत्ता संग्राहकों को तेंदूपत्ता विक्रय वर्ष 2018 की बोनस राशि कुल 184 करोड़ रूपए के भुगतान का प्रारंभ किया। आज पूर्व मंडला वन मंडल की 11 समितियों को 12.82 करोड़ रूपए का भुगतान किया गया। शेष सभी संग्राहकों को समितियों के माध्यम से शीघ्र राशि प्राप्त होगी।


मुख्यमंत्री श्री चौहान ने प्रदेश के कुछ तेंदूपत्ता संग्राहकों से वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से बातचीत की। इस अवसर पर प्रमुख सचिव वन श्री अशोक वर्णवाल तथा प्रधान मुख्य वन संरक्षक भी उपस्थित थे।


लघु वनोपज का मूल्य डेढ़ गुना तक बढ़ाया


मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश सरकार ने आदिवासियों की आमदनी बढ़ाने के उद्देश्य से विभिन्न वनोपजों का मूल्य 19 से 53 प्रतिशत तक बढ़ा दिया है, जिससे उन्हें संकट की इस घड़ी में कुछ राहत मिल सके। सरकार लघु वनोपज संघ के माध्यम से समर्थन मूल्य पर इनका संग्रहण कर रही है। इसके अलावा सभी क्षेत्रों में मनरेगा के कार्य भी बड़े पैमाने पर चलाए जा रहे हैं। सभी को रोजगार दिया जाएगा।


महुआ फूल विक्रय के मिलेंगे 50 करोड़ रूपए


मुख्यमंत्री ने कहा कि महुआ फूल का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाने के बाद हमने व्यापारियों एवं लघु उपज संघ द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य एवं उससे अधिक दर पर लगभग 1 लाख 25 हजार क्विंटल महुआ फूल क्रय कर लिया है, जिससे सीजन समाप्त होने पर 50 करोड़ रूपये से अधिक की आमदनी आप सभी बहनों-भाईयों को प्राप्त होगी।


32 लाख संग्राहकों को 26.38 करोड़ का नगद भुगतान


मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि हमने लगभग 11 लाख परिवारों के 32 लाख संग्राहकों के माध्यम से 9.74 लाख मानक बोरा से अधिक तेंदूपत्ता संग्रहण कर तेंदूपत्ता संग्राहकों को 26.38 करोड़ रूपये नगद भुगतान कर दिया है। राज्य में तेंदूपत्ते की संग्रहण दर 250 रूपए प्रति सैकड़ा है। इस वर्ष 16 लाख 29 हजार मानक बोरा तेंदूपत्ते का संग्रहण प्रस्तावित है, जिससे लगभग 400 करोड़ रूपए की राशि का वितरण तेंदूपत्ता संग्राहकों को किया जाएगा। प्रदेश में अब तक 09 लाख 05 हजार मानक बोरा तेंदूपत्ता संग्रहण कर लिया गया है।


मामाजी पानी की कुप्पी अभी भी चल रही है


मुख्यमंत्री श्री चौहान को उत्तर बालाघाट जिले के ग्राम भारी की संग्राहक बहन श्रीमती विमला उईके ने कहा कि मामाजी आपके द्वारा दी गई साड़ी एवं पानी की कुप्पी अभी भी चल रही है। इस पर मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि बहन आपका मामा फिर मुख्यमंत्री बन गया है, वह आप सबका पूरा ध्यान रखेगा। आप सभी सुखी रहें, निरोग रहें, आप सबका मंगल हो, कोरोना के इस दौर में पूरी सावधानी रखें। अभी आपके क्षेत्र में कोरोना नहीं आया है। आगे भी सब मिलकर ऐसे प्रयास करें कि कोरोना आपके क्षेत्र में आ ही न पाए।


मुख्यमंत्री तेंदूपत्ता संग्राहक योजना में 901 संग्राहकों को लाभ


मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बताया कि प्रदेश में तेंदूपत्ता संग्राहकों की सुरक्षा के लिए मुख्यमंत्री तेंदूपत्ता संग्राहक योजना चलाई जा रही है। इस योजना में हमारे तेंदूपत्ता संग्राहकों को सामान्य मृत्यु पर 10 हजार रूपये, आंशिक अपंगता पर 20 हजार रूपये, पूर्ण अपंगता पर 50 हजार रूपये एवं दुर्घटना में मृत्यु पर 2 लाख रूपये की राशि प्रदान की जाती है। इस योजना अंतर्गत 901 संग्राहकों को 4 करोड़ रूपये से अधिक राशि का भुगतान किया जा चुका है।


एकलव्य शिक्षा योजना में 2200 विद्यार्थी लाभान्वित


मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बताया कि आदिवासी भाई-बहनों के बच्चे अच्‍छी शिक्षा प्राप्त कर सकें इसके लिए प्रदेश में एकलव्य शिक्षा योजना चलाई जा रही है। इस योजना में 9वीं कक्षा से स्नातक तक के विद्यार्थियों को 12 हजार से लेकर 50 हजार रूपये तक प्रतिवर्ष प्रदान किये जाते हैं। अभी तक लगभग 2200 विद्यार्थियों को 2.32 करोड़ रूपये की राशि का भुगतान किया जा चुका है।


आप सबको मजदूरी मिल गई कि नहीं


मुख्यमंत्री श्री चौहान ने पूर्व मण्डला जिले के ग्राम अहमदपुर के तेंदूपत्ता संग्राहक श्री शिवकुमार झारिया, पश्चिम बैतूल के भीमपुर के श्री धनु, उत्तर शहडोल के ग्राम सेमारीटोली के श्री दीपनारायण साहू तथा छतरपुर के ग्राम पिपरा के श्री पंचू परमलाल अहिरवार से भी वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से संवाद किया। मुख्यमंत्री ने सभी से पूछा कि उन्हें तेंदूपत्ता संग्रहण की मजदूरी मिल गई कि नहीं तथा उन्हें कार्य में कोई परेशानी तो नहीं आ रही। सभी ने बताया कि मामाजी तेंदूपत्ता संग्रहण की मजदूरी हमें नियमित रूप से मिल रही है तथा कार्य में कोई भी परेशानी नहीं आ रही है। अब आप मुख्यमंत्री बन गए हैं तो हमें किस बात की चिंता।


वनोपज संग्रहण का समर्थन मूल्य



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