Skip to main content

मेरे प्रिय लेखक प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा - कारूलाल जमड़ा


मेरे प्रिय लेखक और साहित्यकार
-- डॉ.शैलेन्द्र कुमार शर्मा --
जन्म - 20अक्टूबर 1966, उज्जैन
----------------------------------------------



विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन में कुलानुशासक और हिन्दी विभागाध्यक्ष आदरणीय डॉ.शैलेन्द्र कुमार शर्मा उस शख़्सियत का नाम है जो शिक्षा, साहित्य और संस्कृति की त्रिवेणी में गहराई तक पैठ बना चुके राजनीतिक पंक के मध्य से साहित्य-सृजन की पवित्र गंगा के अजस्त्र प्रवाह को लेकर आगे बढ़ते हैं और उसकी पवित्रता से अपने सम्पर्क में आने वाले हर अनुरागी को नित लाभान्वित करते जाते हैं |

यह आपके भीतर गहराई तक बसी हुई संवेदनाओं या यूँ कहे कि भावुकता का शाश्वत प्रवाह ही है कि इस साहित्य गंगा के निर्मल औदार्य को ग्रहण कर आपने उसे संपूर्ण भारत ही नहीं अपितु विश्व के अनेक देशों में प्रसाद की तरह वितरित किया है | मेरे विचार में डॉ.शैलेन्द्र कुमार शर्मा अपने देश और देश के बाहर भी (निर्विवाद रूप से) उज्ययिनी और विक्रम विश्वविद्यालय के सांस्कृतिक राजदूत कहे जा सकते हैं |



📕हिन्दी भाषा और साहित्य से संबंधित विश्वविद्यालय स्तर की कई किताबों का लेखन और संपादन, देश-विदेश की महत्वपूर्ण और श्रेष्ठतम संस्थाओं से सम्बद्धता,देश-विदेशों में विभिन्न विषयों पर सैकड़ों व्याख्यान और परिसंवाद,75 से अधिक विद्यार्थियों को शोध निर्देशन,कई ख्यात सम्मानों और पुरस्कारों से विभूषित "डॉ.शैलेन्द्रकुमार शर्मा" का मालव माटी से होना हम सभी के लिए आनंद और गौरव की बात है |🎊


💟यह मेरे प्रति आत्मीय अनुराग ही था कि एक संक्षिप्त सी भेंट और छोटी सी विनती पर ही आपने मेरे दोनों काव्य संग्रहों "वह बजाती ढोल" (2015),और भाग -2 "सफर संघर्षों का"(2017)के विमोचन पर अपना गौरवमयी आतिथ्य प्रदान किया तथा अपने ओजस्वी और महत्वपूर्ण वक्तव्य से श्रोताओं को भाव-विभोर कर दिया|आपका प्रिय होना मेरे लिए सौभाग्य की बात है|🌹




📝मुख्य कृतियाँ--📚📚 "मालवा का लोक नाट्य माच और अन्य विधाएँ", "देवनागरी विमर्श", "शब्द शक्ति संबंधी भारतीय और पाश्चात्य अवधारणा तथा हिन्दी काव्यशास्त्र", "हिंदी भाषा और नैतिक मूल्य"आदि प्रमुख ग्रंथों सहित निबंध, आलोचना, भाषाशास्त्र, मालवी बोली आदि विषयों पर लगभग 35 पुस्तकें| इनके अतिरिक्त आपने "केन्द्रीय हिन्दी संस्थान" आगरा का "हिंदी-भीली अध्येता कोश" तैयार करने में भी संपादक के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है |





🏆🏆मुख्य सम्मान/पुरस्कार--🔰🔰 "आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी सम्मान", "राष्ट्रीय कबीर सम्मान", "हिंदी सेवी सम्मान", "भाषा- भूषण सम्मान", "अक्षर आदित्य सम्मान", "साहित्य सिंधु सम्मान", "विश्व हिन्दी सेवा सम्मान" सहित कई महत्वपूर्ण एवं ख्यात सम्मान और पुरस्कार|⌛




🎉🎉🎉आदरणीय डॉ.शैलेन्द्रकुमार शर्मा जी का आत्मीय अभिनंदन और स्वस्थ एवं सुदीर्घ जीवन की असीम मंगलकामनाएँ!
🙏🙏🙏🙏🙏





- कारूलाल जमड़ा


Bkk News


Bekhabaron Ki Khabar - बेख़बरों की खबर


Bekhabaron Ki Khabar, magazine in Hindi by Radheshyam Chourasiya / Bekhabaron Ki Khabar: Read on mobile & tablets - http://www.readwhere.com/publication/6480/Bekhabaron-ki-khabar


Comments

मध्यप्रदेश समाचार

देश समाचार

Popular posts from this blog

आधे अधूरे - मोहन राकेश : पाठ और समीक्षाएँ | मोहन राकेश और उनका आधे अधूरे : मध्यवर्गीय जीवन के बीच स्त्री पुरुष सम्बन्धों का रूपायन

  आधे अधूरे - मोहन राकेश : पीडीएफ और समीक्षाएँ |  Adhe Adhure - Mohan Rakesh : pdf & Reviews मोहन राकेश और उनका आधे अधूरे - प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा हिन्दी के बहुमुखी प्रतिभा संपन्न नाट्य लेखक और कथाकार मोहन राकेश का जन्म  8 जनवरी 1925 को अमृतसर, पंजाब में  हुआ। उन्होंने  पंजाब विश्वविद्यालय से हिन्दी और अंग्रेज़ी में एम ए उपाधि अर्जित की थी। उनकी नाट्य त्रयी -  आषाढ़ का एक दिन, लहरों के राजहंस और आधे-अधूरे भारतीय नाट्य साहित्य की उपलब्धि के रूप में मान्य हैं।   उनके उपन्यास और  कहानियों में एक निरंतर विकास मिलता है, जिससे वे आधुनिक मनुष्य की नियति के निकट से निकटतर आते गए हैं।  उनकी खूबी यह थी कि वे कथा-शिल्प के महारथी थे और उनकी भाषा में गज़ब का सधाव ही नहीं, एक शास्त्रीय अनुशासन भी है। कहानी से लेकर उपन्यास तक उनकी कथा-भूमि शहरी मध्य वर्ग है। कुछ कहानियों में भारत-विभाजन की पीड़ा बहुत सशक्त रूप में अभिव्यक्त हुई है।  मोहन राकेश की कहानियां नई कहानी को एक अपूर्व देन के रूप में स्वीकार की जाती हैं। उनकी कहानियों में आधुनिक जीवन का कोई-न-कोई विशिष्

तृतीय पुण्य स्मरण... सादर प्रणाम ।

https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=1003309866744766&id=395226780886414 Bekhabaron Ki Khabar - बेख़बरों की खबर Bekhabaron Ki Khabar - बेख़बरों की खबर Bkk News Bekhabaron Ki Khabar, magazine in Hindi by Radheshyam Chourasiya / Bekhabaron Ki Khabar: Read on mobile & tablets -  http://www.readwhere.com/publication/6480/Bekhabaron-ki-khabar

खाटू नरेश श्री श्याम बाबा की पूरी कहानी | Khatu Shyam ji | Jai Shree Shyam | Veer Barbarik Katha |

संक्षेप में श्री मोरवीनंदन श्री श्याम देव कथा ( स्कंद्पुराणोक्त - श्री वेद व्यास जी द्वारा विरचित) !! !! जय जय मोरवीनंदन, जय श्री श्याम !! !! !! खाटू वाले बाबा, जय श्री श्याम !! 'श्री मोरवीनंदन खाटू श्याम चरित्र'' एवं हम सभी श्याम प्रेमियों ' का कर्तव्य है कि श्री श्याम प्रभु खाटूवाले की सुकीर्ति एवं यश का गायन भावों के माध्यम से सभी श्री श्याम प्रेमियों के लिए करते रहे, एवं श्री मोरवीनंदन बाबा श्याम की वह शास्त्र सम्मत दिव्यकथा एवं चरित्र सभी श्री श्याम प्रेमियों तक पहुंचे, जिसे स्वयं श्री वेद व्यास जी ने स्कन्द पुराण के "माहेश्वर खंड के अंतर्गत द्वितीय उपखंड 'कौमारिक खंड'" में सुविस्तार पूर्वक बहुत ही आलौकिक ढंग से वर्णन किया है... वैसे तो, आज के इस युग में श्री मोरवीनन्दन श्यामधणी श्री खाटूवाले श्याम बाबा का नाम कौन नहीं जानता होगा... आज केवल भारत में ही नहीं अपितु समूचे विश्व के भारतीय परिवार ने श्री श्याम जी के चमत्कारों को अपने जीवन में प्रत्यक्ष रूप से देख लिया हैं.... आज पुरे भारत के सभी शहरों एवं गावों में श्री श्याम जी से सम्बंधित संस्थाओं