Skip to main content

लॉकडाउन 31 मई, 2020 तक बढ़ाया गया , विस्तृत जानकारी ।


राज्य ही विभिन्न जोन के साथ-साथ इन जोन में अनुमति दी जाने वाली गतिविधियों के बारे में निर्णय लेंगे ; कुछ गतिविधियां अब भी पूरे देश में प्रतिबंधित रहेंगी

कोविड-19 के प्रबंधन से जुड़े राष्ट्रीय निर्देश अब भी पूरे देश में लागू रहेंगे ***

रात में कर्फ्यू अब भी जारी रहेगा




24 मार्च, 2020 से ही लागू लॉकडाउन के उपायों से ‘कोविड-19’ के फैलाव को रोकने में काफी मदद मिली है। अत: इसे ध्‍यान में रखते हुए लॉकडाउन को 31 मई, 2020 तक और बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। भारत सरकार के गृह मंत्रालय (एमएचए) ने आज इस संबंध में आपदा प्रबंधन (डीएम) अधिनियम, 2005 के तहत एक आदेश (ऑर्डर) जारी किया। नए दिशा-निर्देशों की मुख्य बातें निम्‍नलिखित हैं:


राज्य ही विभिन्न जोन तय करेंगे


नए दिशा-निर्देशों के तहत अब राज्य और केंद्र शासित प्रदेश ही स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा साझा किए गए मापदंडों को ध्यान में रखते हुए रेड, ग्रीन और ऑरेंज जोन का सीमांकन करेंगे। ये जोन दरअसल एक जिला या एक नगर निगम/नगर पालिका या यहां तक कि इससे भी छोटी प्रशासनिक इकाइयां जैसे कि उप-मंडल (सब-डिवीजन) इत्यादि हो सकते हैं, जैसा कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा तय किया जाएगा।


रेड और ऑरेंज जोन के अंतर्गत,  कंटेनमेंट एवं बफर जोन का सीमांकन स्थानीय अधिकारियों द्वारा स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशा-निर्देशों को ध्यान में रखते हुए किया जाएगा।


कंटेनमेंट जोन के भीतरकेवल आवश्यक गतिविधियों या कार्यों की ही अनुमति होगी। तय परिधि या दायरा संबंधी सख्त नियंत्रण को बनाए रखा जाएगा, और चिकित्सा आपात स्थिति तथा आवश्यक वस्तुओं एवं सेवाओं की आपूर्ति को बनाए रखने के अलावा यहां लोगों की आवाजाही की अनुमति नहीं दी जाएगी। बफर जोन दरअसल प्रत्येक कंटेनमेंट जोन से सटे हुए ऐसे क्षेत्र हैं, जहां कोविड के नए मामले सामने आने की अधिक संभावना है। बफर जोन में कहीं अधिक सावधानियां बरतने की जरूरत है।


देश भर में निषिद्ध गतिविधियां


पूरे देश में कुछ गतिविधियों पर रोक जारी रहेगी। इनमें शामिल है : 


• केवल घरेलू चिकित्सा सेवाओं, घरेलू एयर एम्बुलेंस और सुरक्षा उद्देश्यों अथवा गृह मंत्रालय द्वारा जिन उद्देश्यों के लिए अनुमति दी गई है उन्‍हें छोड़करयात्रियों की सभी घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय हवाई यात्राएं;


• मेट्रो रेल सेवाएं;


• स्कूल, कॉलेज, शैक्षणिक और प्रशिक्षण / कोचिंग संस्थान चलाना;


• बस डिपो, रेलवे स्टेशनों और हवाई अड्डों में कैंटीन चलाने को छोड़कर होटल, रेस्तरां और अन्य आतिथ्य सेवाएँ;


• सिनेमा, शॉपिंग मॉल, व्यायामशाला मनोरंजन पार्क, आदि जैसे बड़ी संख्‍या में लोगों के एकत्र होने के स्थान;


• सामाजिक, राजनीतिक, सांस्कृतिक और इसी तरह की अन्‍य सभाएँ और अन्य बड़े समागम; औरजनता की धार्मिक स्थलों / पूजा स्थलों तक पहुंच।


 


हालाँकि, ऑनलाइन / डिस्टेंस लर्निंग की अनुमति है और इसे प्रोत्साहित किया जाएगा; तथा रेस्‍तरां को खाद्य पदार्थों की होम डिलीवरी के लिए रसोई चलाने की अनुमति होगी।


खेल गतिविधियों को खोलना


खेल परिसरों और स्टेडियमों को केवल खेल गतिविधियों के लिए खोलने की अनुमति होगी। हालांकि, इन परिसरों में दर्शकों को अनुमति नहीं दी जाएगी।


 


प्रतिबंधों के साथ गतिविधियों की अनुमति


व्यक्तियों की आवाजाही को सुगम बनाने के लिए, परिवहन के विभिन्न साधन पहले ही खोले जा चुके हैं। 11.05.2020 के आदेश के जरिये गृह मंत्रालय ट्रेनों से लोगों के आवागमन की अनुमति पहले ही दे चुका है। इसके अलावा, भारत से विदेशी नागरिकों को निकालने, विदेश से फंसे हुए भारतीय नागरिकों की वापसी, भारतीय नाविकों के साइन-ऑन और साइन-ऑफ और फंसे हुए व्यक्तियों को बस और ट्रेन द्वारा राज्य के भीतर और एक राज्‍य से दूसरे राज्य में जाने की अनुमति जारी रहेगी।


संबंधित राज्यों / संघ राज्य क्षेत्रों की आपसी सहमति से वाहनों और बसों को एक राज्‍य से दूसरे राज्‍य में आने-जानेकी अनुमति दी गई है। राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों द्वारा वाहनों और बसों के एक राज्‍य से दूसरे राज्‍य में आने-जाने का निर्णय लिया जा सकता है।


 


कोविड-19 के प्रबंधन के लिए राष्ट्रीय निर्देश


दिशा-निर्देशों में कोविड-19 के प्रबंधन के लिए राष्ट्रीय निर्देशों को स्‍पष्‍ट रूप से बताया गया है, जो सार्वजनिक स्‍थलों और कार्य स्थलों पर लागू होंगे।


इन दिशानिर्देशों के अंतर्गत फेस कवर पहनना अनिवार्य है; थूकना जुर्माने सहित दंडनीय होगा, जिनका निर्धारण राज्य/संघ शासित क्षेत्र के स्थानीय विभागों द्वारा अपने कानूनों, नियमों या विनियमनों के तहत किया जा सकता है; और सार्वजनिक स्थलों पर और परिवहन के दौरान सभी व्यक्तियों को सामाजिक दूरी का पालन करना होगा। विवाह से संबंधित समारोह में 50 से ज्यादा मेहमान नहीं होंगे। अंतिम संस्कार के लिए अधिकतम 20 लोगों को जाने की अनुमति होगी। सार्वजनिक स्थलों में शराब, पान, गुटखा और तम्बाकू आदि के सेवन की अनुमति नहीं होगी।


राष्ट्रीय दिशानिर्देशों में कार्य स्थलों के लिए भी अतिरिक्त आवश्यकताओं का वर्णन किया गया है। जहां तक संभव हो वर्क फ्रॉम होम (घर से काम) की व्यवस्था अपनाई जानी चाहिए; सभी कार्यालयों और अन्य प्रतिष्ठानों के मामले में काम के अलग-अलग घंटे अपनाए जाने चाहिए। तापमान की जांच, हाथ धोने और सभी प्रवेश तथा निकासी बिंदुओं के साथ ही सामान्य क्षेत्रों स्वच्छ करने (सैनिटाइज) का प्रावधान किया जाना चाहिए; और सभी कार्य स्थलों और अन्य संवेदनशील क्षेत्रों को नियमित रूप से सैनिटाइज किया जाना चाहिए। कार्य स्थलों में कर्मचारियों के बीच पर्याप्त दूरी, पालियों के बीच पर्याप्त अंतर, कर्मचारियों के मध्याह्न भोजन के समय में अंतर आदि के माध्यम से सामाजिक दूरी सुनिश्चित की जाएगी।


दुकानों और बाजारों के लिए नियम


स्थानीय अधिकारियों को सुनिश्चित करना चाहिए कि दुकान और बाजार अलग-अलग समय पर खुलें, जिससे सामाजिक दूरी सुनिश्चित हो सके। सभी दुकानों को भी ग्राहकों के बीच छह फुट (दो गज) की दूरी सुनिश्चित करनी होगी और एक समय में पांच से ज्यादा लोगों पर रोक लगानी होगी।


 


रात में कर्फ्यू


गैर आवश्यक गतिविधियों के लिए शाम 7 बजे से सुबह 7 बजे तक लोगों की आवाजाही पर रोक के लिए रात का कर्फ्यू जारी रहेगा।


अति संवेदनशील लोगों के लिए सुरक्षा


आवश्यक जरूरतों और स्वास्थ्य उद्देश्यों को छोड़कर 65 वर्ष की उम्र से ज्यादा के लोग, सह-बीमारियों से पीड़ित लोग, गर्भवती महिलाओं और 10 साल से कम के बच्चों जैसे अति संवेदनशील लोगों को घरों के भीतर ही रहना होगा।


सीमित संख्या में निषिद्ध या प्रतिबंधित चीजों के अलावा सभी गतिविधियों को अनुमति प्रदान की जाएगी


अन्य सभी गतिविधियों को अनुमति दी जाएगी सिवाए इन दिशानिर्देशों के अंतर्गत आने वाले विशेष प्रतिबंधित चीजों के अलावा। हालाँकि, कंटेनमेंट जोन में, केवल आवश्यक गतिविधियों को ही अनुमति प्रदान की जाएगी, जैसा कि पहले उल्लेख किया गया है।


 


राज्य सरकारों द्वारा विभिन्न जोनों के अंदर गतिविधियों के संदर्भ में निर्णय लिया जाएगा


राज्य/ केंद्र शासित प्रदेश, स्थिति का आकलन करके अपने अनुसार, विभिन्न जोनों में कुछ अन्य गतिविधियों को प्रतिबंधित कर सकते हैं, या आवश्यक समझे जाने वाले प्रतिबंधों को लागू कर सकते हैं।


आरोग्य सेतु का उपयोग


आरोग्य सेतु मोबाइल एप्लिकेशन, भारत सरकार द्वारा बनाया गया एक शक्तिशाली उपकरण है जो कोविड-19 से संक्रमित व्यक्तियों या जिनसे संक्रमित होने का खतरा है उनकी त्वरित पहचान करने की सुविधा प्रदान करता है, इस प्रकार से यह लोगों और समुदायों के लिए एक ढाल के रूप में काम करता है। कार्यालयों और कार्य स्थलों पर लोगों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से, सर्वोत्तम प्रयास के रूप में नियोक्ताओं को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि इस ऐप के लिए संगत मोबाइल फोन रखने वाले सभी कर्मचारियों द्वारा इस ऐप को अपने मोबाइल पर इंस्टॉल किया जाए।


जिला अधिकारियों से कहा गया है कि वे लोगों को संगत मोबाइल फोन पर आरोग्य सेतु एप इंस्टॉल करने और इस ऐप पर नियमित रूप से अपने स्वास्थ्य संबंधित जानकारी को अपडेट करने की सलाह दें। इससे उन लोगों के लिए पर समय पर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध हो सकेगी, जो खतरे में हैं। राज्य/ केंद्र शासित प्रदेश की सरकारों द्वारा लॉकडाउन के दिशा-निर्देशों का कठोरता से लागू करना जारी रखा जाएगा और वे आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के अंतर्गत जारी किए गए इन दिशा-निर्देशों को किसी भी प्रकार से कमजोर नहीं होने देंगी।


 


लॉकडाउन बढ़ाने से संबंधित आदेश और संशोधित राष्ट्रीय दिशा-निर्देशों के बारे में जानकारी के लिए यहां क्लिक करें


Bkk News


Bekhabaron Ki Khabar - बेख़बरों की खबर


Bekhabaron Ki Khabar, magazine in Hindi by Radheshyam Chourasiya / Bekhabaron Ki Khabar: Read on mobile & tablets - http://www.readwhere.com/publication/6480/Bekhabaron-ki-khabar


Comments

मध्यप्रदेश समाचार

देश समाचार

Popular posts from this blog

खाटू नरेश श्री श्याम बाबा की पूरी कहानी | Khatu Shyam ji | Jai Shree Shyam | Veer Barbarik Katha |

संक्षेप में श्री मोरवीनंदन श्री श्याम देव कथा ( स्कंद्पुराणोक्त - श्री वेद व्यास जी द्वारा विरचित) !! !! जय जय मोरवीनंदन, जय श्री श्याम !! !! !! खाटू वाले बाबा, जय श्री श्याम !! 'श्री मोरवीनंदन खाटू श्याम चरित्र'' एवं हम सभी श्याम प्रेमियों ' का कर्तव्य है कि श्री श्याम प्रभु खाटूवाले की सुकीर्ति एवं यश का गायन भावों के माध्यम से सभी श्री श्याम प्रेमियों के लिए करते रहे, एवं श्री मोरवीनंदन बाबा श्याम की वह शास्त्र सम्मत दिव्यकथा एवं चरित्र सभी श्री श्याम प्रेमियों तक पहुंचे, जिसे स्वयं श्री वेद व्यास जी ने स्कन्द पुराण के "माहेश्वर खंड के अंतर्गत द्वितीय उपखंड 'कौमारिक खंड'" में सुविस्तार पूर्वक बहुत ही आलौकिक ढंग से वर्णन किया है... वैसे तो, आज के इस युग में श्री मोरवीनन्दन श्यामधणी श्री खाटूवाले श्याम बाबा का नाम कौन नहीं जानता होगा... आज केवल भारत में ही नहीं अपितु समूचे विश्व के भारतीय परिवार ने श्री श्याम जी के चमत्कारों को अपने जीवन में प्रत्यक्ष रूप से देख लिया हैं.... आज पुरे भारत के सभी शहरों एवं गावों में श्री श्याम जी से सम्बंधित संस्थाओं...

आधे अधूरे - मोहन राकेश : पाठ और समीक्षाएँ | मोहन राकेश और उनका आधे अधूरे : मध्यवर्गीय जीवन के बीच स्त्री पुरुष सम्बन्धों का रूपायन

  आधे अधूरे - मोहन राकेश : पीडीएफ और समीक्षाएँ |  Adhe Adhure - Mohan Rakesh : pdf & Reviews मोहन राकेश और उनका आधे अधूरे - प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा हिन्दी के बहुमुखी प्रतिभा संपन्न नाट्य लेखक और कथाकार मोहन राकेश का जन्म  8 जनवरी 1925 को अमृतसर, पंजाब में  हुआ। उन्होंने  पंजाब विश्वविद्यालय से हिन्दी और अंग्रेज़ी में एम ए उपाधि अर्जित की थी। उनकी नाट्य त्रयी -  आषाढ़ का एक दिन, लहरों के राजहंस और आधे-अधूरे भारतीय नाट्य साहित्य की उपलब्धि के रूप में मान्य हैं।   उनके उपन्यास और  कहानियों में एक निरंतर विकास मिलता है, जिससे वे आधुनिक मनुष्य की नियति के निकट से निकटतर आते गए हैं।  उनकी खूबी यह थी कि वे कथा-शिल्प के महारथी थे और उनकी भाषा में गज़ब का सधाव ही नहीं, एक शास्त्रीय अनुशासन भी है। कहानी से लेकर उपन्यास तक उनकी कथा-भूमि शहरी मध्य वर्ग है। कुछ कहानियों में भारत-विभाजन की पीड़ा बहुत सशक्त रूप में अभिव्यक्त हुई है।  मोहन राकेश की कहानियां नई कहानी को एक अपूर्व देन के रूप में स्वीकार की जाती ...

दुर्गादास राठौड़ : जिण पल दुर्गो जलमियो धन बा मांझल रात - प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा

अमरवीर दुर्गादास राठौड़ : जिण पल दुर्गो जलमियो धन बा मांझल रात। - प्रो शैलेन्द्रकुमार शर्मा माई ऐड़ा पूत जण, जेहड़ा दुरगादास। मार मंडासो थामियो, बिण थम्बा आकास।। आठ पहर चौसठ घड़ी घुड़ले ऊपर वास। सैल अणी हूँ सेंकतो बाटी दुर्गादास।। भारत भूमि के पुण्य प्रतापी वीरों में दुर्गादास राठौड़ (13 अगस्त 1638 – 22 नवम्बर 1718)  के नाम-रूप का स्मरण आते ही अपूर्व रोमांच भर आता है। भारतीय इतिहास का एक ऐसा अमर वीर, जो स्वदेशाभिमान और स्वाधीनता का पर्याय है, जो प्रलोभन और पलायन से परे प्रतिकार और उत्सर्ग को अपने जीवन की सार्थकता मानता है। दुर्गादास राठौड़ सही अर्थों में राष्ट्र परायणता के पूरे इतिहास में अनन्य, अनोखे हैं। इसीलिए लोक कण्ठ पर यह बार बार दोहराया जाता है कि हे माताओ! तुम्हारी कोख से दुर्गादास जैसा पुत्र जन्मे, जिसने अकेले बिना खम्भों के मात्र अपनी पगड़ी की गेंडुरी (बोझ उठाने के लिए सिर पर रखी जाने वाली गोल गद्देदार वस्तु) पर आकाश को अपने सिर पर थाम लिया था। या फिर लोक उस दुर्गादास को याद करता है, जो राजमहलों में नहीं,  वरन् आठों पहर और चौंसठ घड़ी घोड़े पर वास करता है और उस पर ही बैठकर बाट...