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कलेक्टर ने जनरल प्रेक्टिशनर, फेमिली फिजिशियंस के क्लिनिक्स को निर्धारित शर्तों के अधीन खोलने के निर्देश दिये

उज्जैन 26 मई। कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री आशीष सिंह ने द एपिडेमिक डिजिज एक्ट-1897 की धारा 2.3 एवं 4 के तहत प्रदत्त अधिकारों के तहत उज्जैन शहर में कोरोना संक्रमण से निजात पाने के लिये एवं उज्जैन शहर के निवासियों के समुचित इलाज के लिये उज्जैन जिले में नागरिकों की सुविधा व सामान्य बीमारियों से पीड़ित जनता के समुचित इलाज के लिये जनरल प्रेक्टिशनर, फेमिली फिजिशियंस (एलोपैथिक एवं आयुष) के क्लिनिक को निर्धारित शर्तों का पालन करते हुए खोलने के आदेश जारी किये हैं। कलेक्टर ने कहा है कि आपदा प्रबंधन अधिनियम-2005 की धारा-2, म.प्र.डिजिज कोविड-19 रेगुलेशन-2020 के प्रावधानों के बिन्दु क्रमांक-3 एवं 4 तथा आपदा प्रबंधन अधिनियम-2005 की धारा 33 एवं 34 के तहत जारी किये गये निर्देशों का पालन किया जाना अनिवार्य होगा। आदेश का उल्लंघन द एपिडेमिक डिजिज एक्ट-1897 के सुसंगत प्रावधान एवं अन्य प्रावधानों के तहत अपराध की श्रेणी में माना जायेगा।


कलेक्टर द्वारा जारी किये गये आदेश अनुसार जनरल प्रेक्टिशनर्स, फेमिली फिजिशियंस के क्लिनिक को निर्धारित शर्तों का पालन करते हुए खोला जायेगा। निर्धारित शर्तें इस प्रकार हैं- कंटेनमेंट एरिया में कोई भी क्लिनिक नहीं खोलेगा, न ही कंटेनमेंट एरिया में रहने वाला व्यक्ति क्लिनिक में चिकित्सक या कर्मचारी हो सकेगा। यदि कोई पेशेंट कोविड पॉजीटिव निकलता है तो तुरन्त ही स्वास्थ्य विभाग को इसकी सूचना देना अनिवार्य होगा। पूर्व में अपाइंटमेंट फोन के माध्यम से देने का प्रयास किया जाये, ताकि भीड़ एकत्रित न हो।


सभी जनरल प्रेक्टिशनर्स एवं फेमिली फिजिशियंस प्रतिदिन कोविड-19 से सम्बन्धित लक्षण सहित पेशेंट के नाम, मोबाइल नम्बर, ईमेल, मरीज के लक्षण एवं पते की सूची बनायेंगे और स्वास्थ्य विभाग को भेजेंगे। साथ ही सम्बन्धित एप पर भी जानकारी दर्ज करेंगे। सभी एन-95 ट्रिपल सर्जिकल मास्क, फेसशिल्ड, हैंड ग्लब्ज का नियमित उपयोग करेंगे। प्रत्येक पेशेंट को प्रवेश पर सेनीटाइज करें, थर्मल गन से बुखार देखें, यह सुनिश्चित किया जाये कि पेशेंट के साथ केवल एक ही साथी रहे। वेटिंग रूम में एक समय में अधिकतम चार पेशेंट्स मास्क लगाकर बैठे हों, जिनमें दो मीटर से अधिक की दूरी बनाई रखी जाये। एसी को अत्यावश्यक होने पर ही चलाया जाये, वह भी 25 से 27 डिग्री और 40 से 70 प्रतिशत हुमिडिटी पर। पल्स ऑक्सीमीटर का उपयोग अनिवार्य रूप से किया जाये एवं हर उपयोग के पश्चात उसको सेनीटाइज किया जाये। एरोसोल बनाने वाली नेबुलाइजर जैसी क्रियाओं का उपयोग न किया जाये। वेटिंग रूम में किताब, अखबार, खिलौने जैसी सामग्री न रखी जाये।


क्लिनिक्स में सफाई एवं संक्रमण दूर करने के लिये एक प्रतिशत सोडियम हाइपोक्लोराइड या 70 प्रतिशत एल्कोहल का उपयोग किया जाये। संक्रमित अपशिष्ट निपटान के लिये प्रोटाकाल अनुसार थैली का उपयोग किया जाये एवं यह अपशिष्ट पूर्व में तयशुदा एजेन्सी को ही सौंपा जाये। सभी क्लिनिक्स में जमीन, टायलेट को दो बार साफ किया जाये। पेशेंट के बेड, टेबल, बीपी इंस्ट्रूमेंट, स्टेथो, पेन, कॉलबेल, बिजली के स्वीच, रेलिंग व अन्य सामग्री साफ की जाये। वेटिंग रूम में हाथों की सफाई, मुंह पर कपड़ा लगाना, खांसने थूकने पर सावधानी के पोस्टर लगाये जायें। ओपीडी के समय को कम करने के लिये प्रत्येक पेशेंट को 15 मिनिट से अधिक समय न दिया जाये। डॉक्टर्स से कहा गया है कि हर बार अलग प्रीस्क्रप्शन बनाया जाये। पेशेंट की कागज रिपोर्ट को कम से कम हाथ लगायें। यथासंभव डिजिटल पेमेंट का उपयोग किया जाये। ऐसे चिकित्सक को 60 वर्ष से अधिक आयु के हों व जिन्हें डायबिटिज, हृदय रोग, किडनी, कैंसर, स्टेरॉइड लगने वाली अन्य बीमारी हो वे अपने सुविधा, सुरक्षा और क्षमता अनुरूप पेशेंट को देखें। क्लिनिक के कर्मचारी के बीमार होने की स्थिति में उन्हें काम पर न आने दें। क्लिनिक पर देखा गया पेशेंट यदि कोविड पॉजीटिव मिलता है तो क्लिनिक छह घंटे बन्द रखकर सेनीटाइज किया जाये।



फ्लू पेशेंट के लिये प्रोटोकाल निर्धारित


दोपहर 12 से 1 के बीच का समय निर्धारित


कलेक्टर द्वारा जारी किये गये आदेश के अनुसार फ्लू पेशेंट्स के लिये पृथक से प्रोटोकाल जारी किया गया है। फ्लू पेशेंट को देखने के लिये दोपहर 12 से एक बजे का समय निर्धारित किया गया है। जारी किये गये आदेश के अनुसार 10 दिन से कम अवधि के खांसी, बुखार और श्वास में मामूली तकलीफ के पेशेंट को जिनका एसपीओ2 94 प्रतिशत से अधिक है और जिनमें कोविड की शंका नहीं है, उनको आवश्यक होने पर सामान्य जांचें कराकर कुछ एंटिबायोटिक्स दिये जा सकते हैं। तकलीफ होने पर चिन्हित फीवर क्लिनिक में भेजा जाये। साथ ही कहा गया है कि कंटेनमेंट क्षेत्र के आईएलआई (इंफ्लुएंजा लाईक इलनेस) पेशेंट्स को सेम्पलिंग हेतु माधव नगर अस्पताल जिला चिकित्सालय में भेजा जाये। नॉन कंटेनमेंट क्षेत्र के आईएलआई पेशेंट्स को क्लिनिक पर आवश्यक दवाईयां उपलब्ध कराई जायें। इसी तरह सारी (SARI - सीवियर एक्यूट रेस्परेटरी इलनेस) पेशेंट को अनिवार्यत: अस्पताल में हॉस्पिटलाईजेशन करने के निर्देश दिये गये हैं। पॉजीटिव पेशेंट को तुरन्त कोविड हेतु चिन्हांकित अस्पताल में भेजा जाना होगा। कलेक्टर ने सभी चिकित्सकों से दिये गये निर्देशों का पालन सुनिश्चित करने के लिये कहा है। सम्बन्धित एसडीएम द्वारा समय-समय पर इस सम्बन्ध में निरीक्षण किया जायेगा एवं निर्देशों का उल्लंघन पाये जाने पर वैधानिक कार्यवाही की जायेगी।


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