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जिला स्तरीय क्राइसिस मैनेजमेंट की बैठक सह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग आयोजित

उज्जैन 02 मई।  कोरोना वायरस संक्रमण के लिए गठित की गई जिला स्तरीय क्राइसिस मैनेजमेंट टीम की बैठक आज बृहस्पति भवन में आयोजित की गई।


            बैठक के दौरान विभिन्न जनप्रतिनिधियों से वीडियो कांफ्रेंस के जरिए सुझाव प्राप्त किए गए। बैठक में कलेक्टर श्री शशांक मिश्र, पुलिस अधीक्षक श्री  सचिन अतुलकर अपर कलेक्टर श्री क्षितिज सिंघल,  ए  डी  एम श्री आरपी तिवारी, ए एसपी श्री रुपेश दिवेदी सहित विभिन्न अधिकारी मौजूद थे।


 


जनप्रतिनिधि   वीडियो कांफ्रेंस के जरिये  शामिल  हुए


          वीडियो  कॉन्फ्रेंस  के  माध्यम से सांसद श्री अनिल फिरोजिया, विधायक श्री पारस जैन, महापौर श्रीमती मीना जोनवाल, नगर निगम अध्यक्ष श्री सोनू गहलोत ,श्री विवेक जोशी ,बहादुर सिंह  बोरमुंडला आदि ने अपने सुझाव दिए. विधायक   डॉ  मोहन यादव ने वीडियो कांफ्रेंस में जुड़ने का प्रयास किया किंतु प्रॉपर कनेक्टिविटी नहीं होने के कारण वे  जुड़  नहीं पाए.


          बैठक में कलेक्टर शशांक मिश्र ने भारत सरकार की गाइडलाइन के अनुसार रेड जोन में की जा सकने वाली विभिन्न गतिविधियों के बारे में चर्चा की एवं जनप्रतिनिधियों को जानकारी दी । बैठक में विचार विमर्श एवं जनप्रतिनिधियों के विभिन्न सुझावों के आधार पर उज्जैन  शहर  एवम अन्य स्थानों के  कंटेंनमेंट एरिया को छोड़कर जिले के विभिन्न भागों एवं शहर के कुछ हिस्से में  दी  जाने वाली छूट  एवम  गतिविधियों  के  संचालन के बारे में सहमति बनाई गई । सहमति के आधार पर  निर्णय लिया गया कि  कंटेंटमेंट क्षेत्र में किसी तरह की गतिविधि की अनुमति नहीं दी जाएगी।  भारत सरकार द्वारा दिए गए दिशा-निर्देश के अनुसार रेड जोन में जो जो गतिविधियां  चलाने की अनुमति दी गई है इनकी अनुमति दी जाएगी।  इसके  तहत  ग्रामीण क्षेत्र में ऐसी  औद्योगिक इकाइयां जिनके खुद के स्थानीय लेबर हैं को तथा ऐसे  कंस्ट्रक्शन कार्य  जिनके लेबर भी मौके पर ही रह कर काम करेंगे को अनुमति प्रदान की जाएगी । नगरी क्षेत्रों में किसी तरह के बाजार नहीं खुलेंगे । विभिन्न आवासीय कालोनियों में उनकी लोकेशन के आधार पर  इक्का दुक्का दुकानें खोलने की अनुमति दी जा सकेगी ।  शासकीय कार्यालयों में ऐसे कार्यालय जिन की अत्यधिक आवश्यकता है को 33 प्रतिशत कर्मचारियों की उपस्थिति  रखते  हुए  खोलने  की  अनुमति  प्रदान की जाएगी।औद्योगिक   क्षेत्र में आवश्यक वस्तुओं के निर्माण की अनुमति    लेबर  के  वही  रहने  की  स्तिथि  में  दी  जाएगी । इस  सम्बंध में  विस्तृत दिशानिर्देश   शीघ्र जारी किए  जा रहे  है  ।



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