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हम तेजी से डिजिटल जीवन शैली की ओर अग्रसर हो रहे हैं –  डॉ गोयल


विक्रम विश्वविद्यालय द्वारा आत्मनिर्भर भारत - आगे की राह पर तीन दिवसीय व्याख्यानमाला में हुए विशिष्ट व्याख्यान



उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय की आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ (आइक्यूएसी) द्वारा आयोजित त्रि-दिवसीय राष्ट्रीय वेब व्याख्यान शृंखला के दूसरे दिन दो विषय विशेषज्ञों के व्याख्यान सम्पन्न हुए। यह व्याख्यान शृंखला आत्मनिर्भर भारत - आगे की राह पर केंद्रित है। कार्यक्रम की अध्यक्षता  विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन के कुलपति प्रोफेसर बालकृष्ण शर्मा ने की।



मध्यप्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद, भोपाल के वरिष्ठ मुख्य-वैज्ञानिक एवं मैप-आईटी संस्थान के अतिरिक्त परियोजना निदेशक डा. संदीप गोयल ने “अनालोग टू डिजिटल लाइफस्टाइल फॉर आत्मनिर्भर भारत” पर अपना व्याख्यान प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में डिजिटल क्रांति ने प्रभाव छोड़ा है। कई कंपनियां और संस्थाएं डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से सामान्य जन को विभिन्न सुविधाएं उपलब्ध करवा रही हैं। डिजिटल प्लेटफॉर्म पर व्यापार-व्यवसाय को लेकर महत्वपूर्ण शोध कार्य हो रहे हैं। इस कार्य में कम्यूनिकेशन का विशेष महत्व होता है। पिछले तीन वर्षों में ऑनलाइन किराना खरीदी के क्षेत्र में व्यापक प्रगति हुई है। डिजिटल पेमेंट बहुत अधिक बढ़ गया है कोविड-19 के दौरान डिजिटल प्लेटफॉर्म में परिवर्तन आ रहा है। समय की जरूरतों के रहते कई नई दिशाएं खुल रही हैं। आज डेटा की जरूरत बढ़ रही है, वहीं ऑनलाइन शिक्षण के क्षेत्र में चुनौतियां भी आ रही हैं। उन्होंने पावर-पॉइंट प्रस्तुतीकरण के माध्यम से बताया कि हम तेजी से डिजिटल जीवन शैली की ओर अग्रसर हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम सैटेलाइट चित्रों, जी.आई.एस. तकनीकी एवं ड्रोन फोटोग्राफी के समन्वय से शासन की मूलभूत योजनाओं का सफल, सटीक एवं त्वरित सर्वेक्षण, आकलन, क्रियान्वयन एवं निगरानी कर सकते हैं। 



दूसरे वक्ता डा. एन. पी. राजीवे, उपाध्यक्ष, राष्ट्रीय नवप्रवर्तन प्रतिष्ठान, भारत सरकार ने नवाचार का महत्त्व प्रतिपादित करते हुए कहा कि शिक्षा के विकास के साथ नवाचार को बढ़ावा मिलना चाहिए नवाचार सदैव समाज केंद्रित होने चाहिए टेक्नोलॉजी व्यवसाय और अनुसंधान के माध्यम से नवाचार को बढ़ावा मिल सकता है। उन्होंने शासन की अनेक योजनाओं का उल्लेख किया, जिनके माध्यम से देश में नवाचार को प्रोत्साहित किया जा रहा है। उन्होंने ग्रास-रूट स्तर पर हो रहे नवाचार को रेखांकित करते हुए भारत में नवाचार के प्रति बढ़ती जिज्ञासा की प्रशंसा की। अपने व्याख्यान में उन्होंने विक्रम विश्वविद्यालय को परस्पर सहयोग हेतु आमंत्रित किया। 



कार्यक्रम के अध्यक्ष विक्रम विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति प्रो. बालकृष्ण शर्मा ने व्यक्ति, समाज एवं देश की आत्मनिर्भरता को स्पष्ट करते हुये आत्मनिर्भरता का लक्ष्य प्राप्त करने हेतु दार्शनिक एवं व्यावहारिक प्रयासों को रेखांकित किया।


आई. क्यू. ए. सी. के निदेशक प्रो. प्रमोद के. वर्मा ने विक्रम विश्वविद्यालय द्वारा आत्मनिर्भर भारत अभियान का लक्ष्य प्राप्त करने हेतु विश्वविद्यालय द्वारा आरंभ की जाने वाली योजनाओं के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने फोकल फॉर लोकल, वोकल फॉर लोकल एवं लोकल टू ग्लोबल को स्पष्ट करते हुए स्थानीय संसाधनों को चिन्हित कर उन्हें वैश्विक स्तर पर प्रोत्साहित करने की आवश्यकता पर बल दिया।



प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा, कुलानुशासक, विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन ने जानकारी देते हुए बताया कि, गूगल मीट  प्लेटफॉर्म  पर  संपन्न  हो रहे इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में देश के विभिन्न संस्थानों से जुड़े शिक्षाविदों, विक्रम विश्वविद्यालय परिक्षेत्र के महाविद्यालयों, संस्थानों और अध्ययनशालाओं  के शिक्षकों एवं अध्येताओं ने सहभागिता की।


कार्यक्रम का सफल संचालन डा. स्वाति दुबे, प्रमुख, भौतिकी अध्यनशाला ने किया। कार्यक्रम के अंत में वक्ताओं एवं श्रोताओं का आभार प्रदर्शन डा. राम कुमार अहिरवार, संकायाध्यक्ष, विद्यार्थी कल्याण विभाग ने किया। राष्ट्रीय वेब व्याख्यानमाला में 29 मई 2020 को दो व्याख्यान होंगे।





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