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भोपाल एम्स के नर्सिंग स्टाफ की जान पर भारी, नौकरी का डर - एनएसयूआई


रवि परमार ने एम्स के डायरेक्टर पर लगाए गंभीर आरोप


भोपाल - : भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन( एनएसयूआई ) के मेडिकल विंग प्रदेश समन्वयक रवि परमार ने बताया कि भोपाल एम्स के कोरोना योद्धओं की जान जोखिम में है, ना ही उन्हे कोरोना से लड़ने वाले आवश्यक हथियार (संसाधन) उपलब्ध कराए जा रहे है और ना ही वह आहार जिससे वह अपने शरीर में फैलने वाले इस वायरस से लड़ने के लिए प्रतिरोधक क्षमता बढ़ा सकें।



रवि परमार ने बताया कि सूत्रों के मुताबिक एम्स के डायरेक्टर के भी संज्ञान में पूरा मामला है लेकिन बजाय दोषियों पर कार्यवाही करने के उन्होने कोरोना योद्धओं पर ही दोषारोपण कर   कहा कि नर्सिंग स्टाफ (कोरोना योद्धा) काम नहीं करना चाहते है इस लिए ऐसी शिकायतें की जा रही है, जिसके बाद से एम्स प्रबंधन ने इन कोराना योद्धाओं के प्रति अपनी चौकसी बढ़ा दी है और आवाज उठाने वालों तक यह संदेश पहुंचा दिया है कि कल नौकरी तो यही करनी है . 


रवि परमार ने बताया कि  सीधे तौर पर मिली धमकी का मायने है कि अगर अभी आवाज उठाई तो कल नौकरी कैसे करोगे। इसीलिए जो है जैसा है उसी से काम चलाओ, नौकरी पर गाज गिरने की नौबत आ जाने पर सभी कोरोना योद्धाओं ने सिर्फ शांत रहना ही मुनासिफ समझा है। 


रवि परमार (मेडिकल विंग प्रदेश समन्वयक एनएसयूआई, 9669083153) ने चिंता व्यक्त करते हुए बताया कि सवाल यह उठता है कि एम्स प्रबंधन ऐसा क्यूं कर रहा है, क्या एम्स के पास इन कोरोना योद्धाओं की आवश्यकता के लिए फण्ड की कमीं है, या फिर एम्स उस फण्ड को खुद खर्च नहीं करना चाह रहा है या फिर फण्ड खर्च करने के बाद भी सुविधाऐं उपलब्ध नहीं कराई जा रही है।



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