Skip to main content

■ 14000 से अधिक भोजन के पैकेट्स नियमित रूप से जरूरत मंद व्यक्तियों को बांटे जा रहे हैं ■ जरूरतमंद परिवार के 3 साल तक के बच्चों के लिए भी दूध के पैकेट्स बांटे जा रहे हैं ■ जनप्रतिनिधियों के सहयोग के अब मीठा और सेव भी बाँटना शुरू हुआ ■ वरिष्ठ भाजपा नेता श्री कैलाश विजयवर्गीय, विधायक श्री पारस चन्द्र जैन, मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट आदि जनप्रतिनिधियों ने दिया जनसेवा के कार्यों में महत्वपूर्ण योगदान ■ इंदौर, उज्जैन, देवास, मक्सी, सांवेर आदि क्षेत्रों के जरूरत मंद व्यक्तियों तक पहुँच रहे हैं भोजन के पैकेट्स

#COVID19 -- #सामाजिक #सरोकार #की #ख़बर 💐💐


■ 14000 से अधिक भोजन के पैकेट्स नियमित रूप से जरूरत मंद व्यक्तियों को बांटे जा रहे हैं


■ जरूरतमंद परिवार के 3 साल तक के बच्चों के लिए भी दूध के पैकेट्स बांटे जा रहे हैं


■ जनप्रतिनिधियों के सहयोग के अब मीठा और सेव भी बाँटना शुरू हुआ


■ वरिष्ठ भाजपा नेता श्री कैलाश विजयवर्गीय, विधायक श्री पारस चन्द्र जैन, मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट आदि जनप्रतिनिधियों ने दिया जनसेवा के कार्यों में महत्वपूर्ण योगदान


■ इंदौर, उज्जैन, देवास, मक्सी, सांवेर आदि क्षेत्रों के जरूरत मंद व्यक्तियों तक पहुँच रहे हैं भोजन के पैकेट्स


🌹🌹🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🌹🌹



भोपाल/इंदौर/उज्जैन, शनिवार, 02 मई, 2020 । इंदौर व  उज्जैन जिला रेड झोन होने से लॉकडाउन के तीसरे चरण में 2  सप्ताह के लिए 4 मई से 17 मई 2020 तक की अवधि का लॉकडाउन सख्ती से लागू होने के आदेश आते ही क्षेत्र के जनप्रतिनिधि, जरूरत मंद लोगो की सेवा में अपनी जान झोखिम में डाल 17 मई 2020 तक भोजन व्यवस्था करने हेतु  जुट गए है ।



इसमे सबसे आगे बढ़कर पहल इंदौर के लोकप्रिय भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव श्री कैलाश विजयवर्गीय ने की है। श्री कैलाश विजयवर्गीय एवं इंडो थाई सिक्योरिटीज इंदौर के एम डी श्री पारस दोसी ने उज्जयिनी सेवा समिति को लगभग 14000 भोजन पेकेट्स में आज मीठी नुक्ती भी देने का आग्रह कर सम्पूर्ण खर्च का सहयोग किया तथा आज इंदौर में 2500 भोजन पेकेट्स मीठी नुक्ती के साथ 250 दूध के पेकेट्स का भी इंदौर में वितरण किया।


उल्लेखनीय है कि, 26 मार्च 2020 से ही बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन से नियमित रूप से 14000 से अधिक भोजन पेकेट्स सुप्रसिद्ध उद्योगपति 93 वर्षीय श्री महावीर प्रसाद मानसिंगका  एवं उज्जैन जिला प्रशासन के सहयोग से बनाकर 10000 भोजन पेकेट्स उज्जैन में, 2500 इंदौर में, 1000 देवास में एवं 1000 मक्सी में जरूरत मंदो के लिए वितरित किये जा रहे है। साथ ही समिति द्वारा जिला जज उज्जैन श्री एस के कुलकर्णी के सहयोग से अमृत योजना के तहत 1200 दूध के पेकेट्स 3 साल तक के बच्चों के लिए वितरीत किये जा रहे है।



         वरिष्ठ भाजपा नेता श्री कैलाश विजयवर्गीय के सहयोग से आज उज्जैन, इंदौर, देवास एवं मक्सी में वितरित होने वाली मीठी नुक्ती बनाने की शुरुआत उज्जैन उत्तर के लोकप्रिय विधायक एवं मध्यप्रदेश शासन के पूर्व मंत्री श्री पारस चन्द्र जैन ने स्वयं मीठी नुक्ती तल कर की। इसके साथ ही लोकप्रिय विधायक श्री पारस चन्द्र जैन द्वारा समिति से सेव बनाने का आग्रह करते हुए इस कार्य में लगने वाली सम्पूर्ण व्यय राशि भी तत्काल ही प्रदान की गई । 


कोरोना संकट के दौरान इंदौर संभाग के प्रभारी मंत्री श्री तुलसी राम  सिलावट द्वारा भी समिति को एक दिन की मीठी बूंदी निर्माण में लगने वाली सम्पूर्ण खाद्य सामग्री प्रदान कर उज्जयिनी सेवा समिति के साथ मिलकर सांवेर में नियमित 500 भोजन पैकेट्स एवं 50 दूध के पेकेट्स का वितरण भी आज से शुरू कर दिया है। 


उज्जैन के सुप्रसिद्ध डॉ पी एम कुमावत जी द्वारा अपनी स्वर्गीय माता श्रीमती शारदा देवी कुमावत जी की स्मृति में 8 मई 2020 को मीठे का समूर्ण खर्च उठाने की इच्छा व्यक्त की गई है।



उज्जैन--आलोट संसदीय क्षेत्र से निर्वाचित भाजपा के सांसद श्री अनिल फिरोजिया एवं उज्जैन नगर पालिका निगम की महापौर श्रीमती मीना जौनवाल ने भी भोजन शाला पहुँचकर भोजन निर्माण में अपना सहयोग दिया है।


पिछले 26 मार्च 2020 से नियमित बिना मीठे और बिना सेव के  भोजन कर रहे जरूरत मंद व्यक्तियों को भी अब सेव और मीठा नियमित रूप से मिलेगा ।


लॉकडाउन के दौरान  घर मे रह कर शासन--प्रशासन का सहयोग करने वाले जिम्मेदार नागरिकों के लिए भी यह सुखद है कि, जन प्रतिनिधि अब स्वयं भी समाज सेवी संस्थाओं के साथ मैदान में उतरकर सहयोग  कर उनके भोजन को स्वादिष्ट बनाने की व्यवस्था में जुट रहे है,  यह सभी के लिए गौरवपूर्ण बात है । सेवा करने वाले जनप्रतिनिधियों के क्षेत्र के मतदाता और नागरिक भी इस क्षण को देख-सुन आनंदित हो गए हैं और स्वयं को भाग्यशाली मानते हैं कि, हमने अच्छे जनप्रतिनिधियों को चुना है जो मानवीय , संवेदनाओं को समझते हैं और फिर उसकी सेवा में सदैव ही जुटे रहते हैं ।



✍ राधेश्याम चौऋषिया
सम्पादक : बेख़बरों की खबर
https://bkknews.page/



Bkk News


Bekhabaron Ki Khabar - बेख़बरों की खबर


Bekhabaron Ki Khabar, magazine in Hindi by Radheshyam Chourasiya / Bekhabaron Ki Khabar: Read on mobile & tablets - http://www.readwhere.com/publication/6480/Bekhabaron-ki-khabar



Comments

मध्यप्रदेश समाचार

देश समाचार

Popular posts from this blog

खाटू नरेश श्री श्याम बाबा की पूरी कहानी | Khatu Shyam ji | Jai Shree Shyam | Veer Barbarik Katha |

संक्षेप में श्री मोरवीनंदन श्री श्याम देव कथा ( स्कंद्पुराणोक्त - श्री वेद व्यास जी द्वारा विरचित) !! !! जय जय मोरवीनंदन, जय श्री श्याम !! !! !! खाटू वाले बाबा, जय श्री श्याम !! 'श्री मोरवीनंदन खाटू श्याम चरित्र'' एवं हम सभी श्याम प्रेमियों ' का कर्तव्य है कि श्री श्याम प्रभु खाटूवाले की सुकीर्ति एवं यश का गायन भावों के माध्यम से सभी श्री श्याम प्रेमियों के लिए करते रहे, एवं श्री मोरवीनंदन बाबा श्याम की वह शास्त्र सम्मत दिव्यकथा एवं चरित्र सभी श्री श्याम प्रेमियों तक पहुंचे, जिसे स्वयं श्री वेद व्यास जी ने स्कन्द पुराण के "माहेश्वर खंड के अंतर्गत द्वितीय उपखंड 'कौमारिक खंड'" में सुविस्तार पूर्वक बहुत ही आलौकिक ढंग से वर्णन किया है... वैसे तो, आज के इस युग में श्री मोरवीनन्दन श्यामधणी श्री खाटूवाले श्याम बाबा का नाम कौन नहीं जानता होगा... आज केवल भारत में ही नहीं अपितु समूचे विश्व के भारतीय परिवार ने श्री श्याम जी के चमत्कारों को अपने जीवन में प्रत्यक्ष रूप से देख लिया हैं.... आज पुरे भारत के सभी शहरों एवं गावों में श्री श्याम जी से सम्बंधित संस्थाओं...

आधे अधूरे - मोहन राकेश : पाठ और समीक्षाएँ | मोहन राकेश और उनका आधे अधूरे : मध्यवर्गीय जीवन के बीच स्त्री पुरुष सम्बन्धों का रूपायन

  आधे अधूरे - मोहन राकेश : पीडीएफ और समीक्षाएँ |  Adhe Adhure - Mohan Rakesh : pdf & Reviews मोहन राकेश और उनका आधे अधूरे - प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा हिन्दी के बहुमुखी प्रतिभा संपन्न नाट्य लेखक और कथाकार मोहन राकेश का जन्म  8 जनवरी 1925 को अमृतसर, पंजाब में  हुआ। उन्होंने  पंजाब विश्वविद्यालय से हिन्दी और अंग्रेज़ी में एम ए उपाधि अर्जित की थी। उनकी नाट्य त्रयी -  आषाढ़ का एक दिन, लहरों के राजहंस और आधे-अधूरे भारतीय नाट्य साहित्य की उपलब्धि के रूप में मान्य हैं।   उनके उपन्यास और  कहानियों में एक निरंतर विकास मिलता है, जिससे वे आधुनिक मनुष्य की नियति के निकट से निकटतर आते गए हैं।  उनकी खूबी यह थी कि वे कथा-शिल्प के महारथी थे और उनकी भाषा में गज़ब का सधाव ही नहीं, एक शास्त्रीय अनुशासन भी है। कहानी से लेकर उपन्यास तक उनकी कथा-भूमि शहरी मध्य वर्ग है। कुछ कहानियों में भारत-विभाजन की पीड़ा बहुत सशक्त रूप में अभिव्यक्त हुई है।  मोहन राकेश की कहानियां नई कहानी को एक अपूर्व देन के रूप में स्वीकार की जाती ...

दुर्गादास राठौड़ : जिण पल दुर्गो जलमियो धन बा मांझल रात - प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा

अमरवीर दुर्गादास राठौड़ : जिण पल दुर्गो जलमियो धन बा मांझल रात। - प्रो शैलेन्द्रकुमार शर्मा माई ऐड़ा पूत जण, जेहड़ा दुरगादास। मार मंडासो थामियो, बिण थम्बा आकास।। आठ पहर चौसठ घड़ी घुड़ले ऊपर वास। सैल अणी हूँ सेंकतो बाटी दुर्गादास।। भारत भूमि के पुण्य प्रतापी वीरों में दुर्गादास राठौड़ (13 अगस्त 1638 – 22 नवम्बर 1718)  के नाम-रूप का स्मरण आते ही अपूर्व रोमांच भर आता है। भारतीय इतिहास का एक ऐसा अमर वीर, जो स्वदेशाभिमान और स्वाधीनता का पर्याय है, जो प्रलोभन और पलायन से परे प्रतिकार और उत्सर्ग को अपने जीवन की सार्थकता मानता है। दुर्गादास राठौड़ सही अर्थों में राष्ट्र परायणता के पूरे इतिहास में अनन्य, अनोखे हैं। इसीलिए लोक कण्ठ पर यह बार बार दोहराया जाता है कि हे माताओ! तुम्हारी कोख से दुर्गादास जैसा पुत्र जन्मे, जिसने अकेले बिना खम्भों के मात्र अपनी पगड़ी की गेंडुरी (बोझ उठाने के लिए सिर पर रखी जाने वाली गोल गद्देदार वस्तु) पर आकाश को अपने सिर पर थाम लिया था। या फिर लोक उस दुर्गादास को याद करता है, जो राजमहलों में नहीं,  वरन् आठों पहर और चौंसठ घड़ी घोड़े पर वास करता है और उस पर ही बैठकर बाट...