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उज्जैन जिले में 22 अप्रैल से समर्थन मूल्य पर गेहूं उपार्जन का कार्य प्रारम्भ होगा, गेहूं उपार्जन केन्द्रों पर सावधानियां बरतने के दिशा-निर्देश जारी ।


उज्जैन 19 अप्रैल। कलेक्टर श्री शशांक मिश्र ने बताया कि रबी विपणन वर्ष 2020-21 में पंजीकृत किसानों से समर्थन मूल्य पर गेहूं का उपार्जन कार्य बुधवार 22 अप्रैल से प्रारम्भ होगा। उपार्जन केन्द्रों पर कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिये जिले के समस्त राजस्व अनुविभागीय अधिकारियों को सावधानियां बरतने के लिये दिशा-निर्देश जारी किये जा चुके हैं।



कलेक्टर ने सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि यदि संभव हो तो मंडियों के उपार्जन केन्द्र नजदीक के ग्रामीण क्षेत्र में किसानों की सुविधा अनुसार स्थानान्तरित कर संचालित कराये जा सकते हैं। उपार्जन केन्द्र पर केवल एसएमएस प्राप्त किसानों से ही उपज की तौल की जाये, ताकि केन्द्र पर अधिक भीड़ न हो। इसका कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिये हैं। एक उपार्जन केन्द्र पर गेहूं की तुलाई हेतु प्रारम्भ में छह किसानों को प्रतिदिन एसएमएस प्रेषित किये जायें, जिसमें प्रथम पाली में प्रात: 10 बजे से दोपहर 1.30 बजे तक तीन किसानों और दूसरी पाली में अपराह्न 2 बजे से शाम 5.30 बजे तक तीन किसानों की उपज की तौल की जा सके। लघु एवं सीमान्त कृषकों को प्राथमिकता देते हुए एनआईसी भोपाल द्वारा एसएमएस प्रेषित किये जायेंगे। एसएमएस प्राप्त किसानों के नाम एवं मोबाइल नम्बर उपार्जन केन्द्र के लॉगइन में प्रदर्शित कराये गये हैं। उपार्जन केन्द्र प्रभारी एसएमएस प्राप्त किसानों के मोबाइल पर उन्हें फोन कर उनकी उपज विक्रय करने के लिये उपार्जन केन्द्र पर अकेले उपस्थित होने की सूचना दी जायेगी। यह भी सूचना दी जायेगी कि उपार्जन केन्द्रों पर वृद्ध, बच्चों, अस्वस्थ को न लायें। ग्रामीण क्षेत्र के उपार्जन प्रभारियों द्वारा एसएमएस प्राप्त किसानों की सूची पटवारी, पंचायत सचिव या रोजगार सहायक को उपलब्ध कराई जाये तथा उनके माध्यम से एसएमएस प्राप्त किसान ही उपज विक्रय के लिये उपार्जन केन्द्र पर आयें।



उपार्जन केन्द्रों पर जाने हेतु मात्र उन किसानों को ही अनुमति दी जाये, जिनके मोबाइल पर खाद्य विभाग द्वारा उस दिन आने की सूचना भेजी गई हो। उपार्जन केन्द्रों पर जाने के मार्गों पर पुलिस व्यवस्था लगाकर नियंत्रण किया जाये। किसानों को यह भी समझाईश दी जाये कि यदि किसी कारण से वे निर्धारित तिथि को उपार्जन केन्द्र पर नहीं पहुचे हैं तो उन्हें शीघ्र ही पुन: अवसर दिया जायेगा। कलेक्टर ने निर्देश दिये हैं कि उपार्जन केन्द्र निर्धारित समय एवं नियमित रूप से संचालित हों, ताकि किसानों को अपनी उपज की तौल हेतु अधिक समय तक उपार्जन केन्द्र पर इंतजार न करना पड़े। उपार्जन केन्द्रों पर किसानों एवं उपार्जन केन्द्र पर कार्यरत कर्मचारियों के मध्य न्यूनतम तीन मीटर की दूरी बनाये रखने हेतु अवगत कराया जाये। उपार्जन केन्द्र पर मास्क का उपयोग आवश्यक रूप से किया जाये तथा अपने हाथ सेनीटाइजर अथवा साबुन से समय-समय पर साफ कराये जायें।



कलेक्टर ने निर्देश दिये हैं कि किसानों से समर्थन मूल्य पर गेहूं उपार्जन का कार्य निर्बाध रूप से सुनिश्चित किया जाये। उपार्जन केन्द्रों पर किसानों को असुविधा न हो, इस हेतु पंचायत सचिव, रोजगार सहायक, पटवारी आदि को स्पेशल पुलिस आफिसर के अधिकार देकर उनकी नामजद ड्यूटी लगाई जाये। प्रत्येक केन्द्र पर नोडल अधिकारी नियुक्त कर उपार्जन की मॉनीटरिंग की जाये। कलेक्टर ने समस्त एसडीएम को निर्देश दिये हैं कि पर्यवेक्षण हेतु 10-15 केन्द्रों पर एक वरिष्ठ अधिकारी को सेक्टर प्रभारी नियुक्त किया जाये। उपार्जन केन्द्र के अमले एवं किसानों के स्वास्थ्य परीक्षण के लिये जनपद स्तरीय चिकित्सकीय टीम का गठन किया जाये।


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