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तंबाकू छोड़ने का सुनहरा अवसर है लॉकडाउन


कोरोना वायरस (कोविड 19) के कारण घर से बाहर निकलने पर पाबंदी लगा दी गई है जिसे तंबाकू का सेवन करने वालों को इसे छोड़ने के लिए एक अवसर के रूप में देखा जा रहा है। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, नई दिल्ली के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया का मानना है कि बीड़ी सिगरेट पीने और तंबाकू की आदत से छुटकारा पाने का लॉकडाउन एक अवसर प्रदान कर रहा है। संस्थान द्वारा जारी एक वीडियो के माध्यम से डॉ. गुलेरिया ने कहा है कि तंबाकू के खाने या सेवन करने से अनेक तरह के कैंसर हो सकते हैं। इससे


हृदय रोग की समस्या भी बढ़ सकती है। उन्होने विश्वास व्यक्त किया है कि यदि लॉकडाउन के दौरान तंबाकू का सेवन करने की आदत छोड़ने में सफल होते हैं, तो हैं तो ऐसे व्यक्तियों में निश्चित ही ऊर्जा और आत्मविश्वास का संचार होगा।



     वीडियो में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, नई दिल्ली के डॉ. रवीन्द्र राव ने बताया है कि बीड़ी सिगरेट पीना या तम्बाकू खाना बंद करने पर चिड़चिड़ापन, तंबाकू पीने या खाने की तलब, अधिक नींद आना, उदास रहना और किसी काम में मन नहीं लगना जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। उन्होने सुझाव दिया है कि जब तलब लगे तो अपने आपको व्यस्त रखने की कोशिश करें। इसके लिए टी.वी. देखें, पुस्तकें पढ़ें, परिवार के साथ समय बिताएँ, बागवानी करें या अपनी पसंद के गाने या संगीत सुने। उन्होने बताया है कि तंबाकू की आदत को छुड़ाने के लिए निकोटीन रिप्लेसमेंट प्रोडक्ट या निकोटीन रिप्लेसमेंट थेरेपी भी मौजूद है। इसके अलावा जब तलब लगे तब कैंडी, टाफी, मिश्री, ईलायची चबाएंगे तो इनसे बीड़ी - सिगरेट पीने या तंबाकू खाने की ईच्छा नहीं होगी। यह वीडियो केंद्रीय स्वास्थ्य एवं  परिवार कल्याण मंत्रालय की वेबसाईट पर उपलब्ध है। 


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