नगर निगम द्वारा कराए जा रहे कार्याे का संक्षिप्त विवरण
आज दिनांक 11.04.2020 की स्थिति में
राशन विक्रय
ऽ शहर के विभिनन निम्न स्थानों पर लोडर वाहनो के माध्यम से राशन विक्रय गया।
सिंधी कालोनी, सुदामा नगर, गोपालपुरा, नानाखेड़ा, कालापत्थर, देवास रोड़, नागझिरी, जयसिंगपुरा, इंदिरानगर, गायत्री नगर क्षैत्रों
सब्जी विक्रय
ऽ सब्जी विक्रय हेतु पार्श्वनाथ सिटी, नागझिरी, फ्रीगंज, इंदौर रोड, मंगल सिटी, पिपलिंनाका, गायत्री नगर, मोहन नगर, वृन्दावन धाम, मित्र नगर, अम्बर कालोनी, साईंधाम कालोनी, बजरंग नगर, ढांचा भवन, मंगलनाथ, गांधी नगर, नई सड़क, मदार गेट, तोपखाना, कोट मोहल्ला आदि क्षैत्रों में ढेलों के माध्यम से विक्रय किया गया।
सेनेटाईजेशन, फागींग कार्य
ऽ शनिवार को निम्न स्थानो पर सेनेटाईजेशन, फागींग कार्य किया गया।
इंदिरानगर, हम्मालवाड़ी, हेलावाडी, तलाई फकीरपुरा, दानीगेट, विलोटिपुरा गोंसा दरवाजा,जांसापुरा, कुम्हारवाड़ा, मोची मोहल्ला, बहादुरपुरा, कांकरिया परिसर, विराटनगर, चन्दंन नगर, यादव काॅलोनी एम.आर. 5 ट्रान्सफर स्टेशन, राजेंद्र नगर, नागेश्वार धाम, खंडेलवाल नगर, केडीगेट, कमरी मार्ग, ढाबारोड़, लक्कड़गंज, माधव काॅलेज, बहादुरगंज, दूधतलाई, महाकाल मंदिर के आसपास, सेठीनगर, माधव नगर जिल चिकित्सालय, सिंधी कालोनी, कुष्ठधाम बस्ती, महावीर एवेन्यू, वैकुण्ठधाम, औरापार्क, वल्लभ नगर, लक्ष्मी नगर, महावीर बाग, मोतीनगर, रेतिघाट लोहा पट्टी
पशु आहार
ऽ पशु आहार मंगलनाथ, सिद्धवट, तिलकेश्वर, पिपलीनाका, सोमवारीया, भेरूगढ़, काल भैरव, फ्रीगंज, आगर रोड़ आदि क्षेत्रो में पशुओं को आहार दिया गया।
पानी टेस्टिंग
ऽ पानी टेस्टिंग वार्ड क्रमांक 53 के अलकनंदा नगर, संत कबीर नगर, जवाहर नगर, वार्ड क्रं. 35 एवं 36 के शांति नगर, एकता नगर, विवेकानंद नगर, लोहार पट्टी, सिंधी कॉलोनी, प्रकाश नगर, वार्ड क्रमांक 54 के अंतर्गत त्रिवेणी विहार कॉलोनी मोदी कॉलोनी, वार्ड क्रमांक 50 ऋषि नगर क्षैत्रों में घर-घर जा कर पानी की टेस्टिंग की गई पानी पूर्णतः शुद्ध पाया गया।
ऽ रेन बसेरा व्यवस्था .....
लॉक डाउन की समय अवधि दिनांक 23 मार्च से आज दिनांक तक लगभग 100 व्यक्ति ठहरे हुए हैं 6 रेन बसेरों में प्रत्येक रेन बसेरे में ठहरे हुए व्यक्तियों को सुबह एवं शाम का भोजन गरम पानी होम्योपैथिक गोलियां दैनिक नित्य की चीजें जैसे साबुन तेल कंगा मंजन ब्रश हैंड ग्लव्स मास्क सैनिटाइजर उपलब्ध कराया गया है प्रति दिवस प्रत्येक रेन बसेरे में सैनिटाइज करवाया जा रहा है प्रतिदिन शाम को जिला चिकित्सालय डॉक्टर द्वारा चेक कब हो रहा है सभी सुविधाओं का ध्यान रखा जा रहा है इनमें पंजाब, राजस्थान, गुजरात, छत्तीसगढ,़ महाराष्ट्र, कर्नाटक इत्यादि राज्यों के व्यक्ति ठहरे हुए हैं।
ऽ कन्टेनमेन्ट एरिया:
कन्टेनमेन्ट क्षैत्र जांसापुरा, दानीगेट, भार्गव मार्ग, अम्बर काॅलोनी इत्यादी में सेनेटाईजेशन, फोगींग, विशेष सफाई कार्य एवं विशेष कन्ट्रेल रूम भी बनाए गये है।
ऽ जुर्माना:
लाक डाउन का उल्लंघन कर फालतू घूमने वालो पर कुल 23,900 रू. जुर्माना किया गया।
कन्ट्रोल रूम व्यवस्था
ऽ अब तक शहर में कुल 37 स्थानों पर आम नागरिकों के मार्गदर्शन तथा प्रशासन एवं नागरिकों के मध्य समनवय हेतु टेन्ट शामियाने लगा कर कन्ट्रोल रूम बनाए गए।
ऽ 11 कन्ट्रोल रूम स्थानों पर माईक साउण्ड व्यवस्था की गई।
ऽ विभिन्न 7 वाहनों से शहर में नागरिको को जागरूकता प्रचार किया जा रहा है।
ऽ विभिन्न स्थानों पर आवश्यकतानुसार फ्लेक्स होर्डिंग लगवाए गए।
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आधे अधूरे - मोहन राकेश : पीडीएफ और समीक्षाएँ | Adhe Adhure - Mohan Rakesh : pdf & Reviews मोहन राकेश और उनका आधे अधूरे - प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा हिन्दी के बहुमुखी प्रतिभा संपन्न नाट्य लेखक और कथाकार मोहन राकेश का जन्म 8 जनवरी 1925 को अमृतसर, पंजाब में हुआ। उन्होंने पंजाब विश्वविद्यालय से हिन्दी और अंग्रेज़ी में एम ए उपाधि अर्जित की थी। उनकी नाट्य त्रयी - आषाढ़ का एक दिन, लहरों के राजहंस और आधे-अधूरे भारतीय नाट्य साहित्य की उपलब्धि के रूप में मान्य हैं। उनके उपन्यास और कहानियों में एक निरंतर विकास मिलता है, जिससे वे आधुनिक मनुष्य की नियति के निकट से निकटतर आते गए हैं। उनकी खूबी यह थी कि वे कथा-शिल्प के महारथी थे और उनकी भाषा में गज़ब का सधाव ही नहीं, एक शास्त्रीय अनुशासन भी है। कहानी से लेकर उपन्यास तक उनकी कथा-भूमि शहरी मध्य वर्ग है। कुछ कहानियों में भारत-विभाजन की पीड़ा बहुत सशक्त रूप में अभिव्यक्त हुई है। मोहन राकेश की कहानियां नई कहानी को एक अपूर्व देन के रूप में स्वीकार की जाती हैं। उनकी कहानियों में आधुनिक जीवन का कोई-न-कोई विशिष्
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