Skip to main content

मध्यप्रदेश में मंत्रिमंडल का गठन 15 अप्रैल 2020 को संभावित

■ मध्यप्रदेश में मंत्रिमंडल का गठन 15 अप्रैल 2020 को संभावित


■ नरोत्तम मिश्रा और तुलसी सिलावट हो सकते हैं उपमुख्यमंत्री


■ लगभग दो दर्जन मंत्री ले सकते हैं शपथ




भोपाल, मंगलवार, 07 अप्रैल, 2020 । मध्यप्रदेश में बीजेपी सरकार के बनने और मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के मुख्यमंत्री पद की शपथ 23 मार्च को लेने के बाद से ही मंत्रिमंडल गठन का इंतजार प्रदेशवासियों को हैं ।
अगर सब कुछ ठीक ठाक रहा तो अब लगता है कि, 15 अप्रैल को मध्यप्रदेश मंत्रिपरिषद का गठन हो सकता है ।


ऐसा माना जा रहा है कि, मध्यप्रदेश विधानसभा में भाजपा विधायक दल के मुख्य सचेतक, पार्टी के वरिष्ठ नेता डॉ. नरोत्तम मिश्रा जी को अहम विभागों की जिम्मेदारी के साथ उपमख्यमंत्री बनाया जायेगा साथ ही कांग्रेस से भाजपा में आए श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक 8 पूर्व विधायकों को भी मंत्री बनाये जाने की चर्चा है जिसमें श्री तुलसीराम सिलावट को उपमुख्यमंत्री का पद दिया जा सकता है । उज्जैन उत्तर विधायक व पूर्व मंत्री श्री पारसचन्द्र जैन, श्री गोपाल भार्गव, श्री राजेन्द्र शुक्ल, श्री संजय पाठक, श्री सीतासरन शर्मा सहित भाजपा के कई और बड़े चेहरे भी मंत्रिपरिषद में शामिल होंगे । स्मरण रहे कि, हाल-फिलहाल 14 अप्रैल 2020 को लॉक डाऊन खत्म होने की तारीख है ।


✍ राधेश्याम चौऋषिया
सम्पादक : बेख़बरों की खबर
Bekhabaron Ki Khabar - बेख़बरों की खबर


Tag :


Amit Shah Narendra Modi for 2024 PM
Narendra Modi JP Nadda Shivraj Singh Chouhan Kartikey Shivraj Singh Chauhan CM Madhya Pradesh Jansampark Madhya Pradesh PROjansampark Bhopal नरोत्तम मिश्रा "दादा"
Nitish Tulsiram Silawat Narottam Mishra ( नरोत्तम मिश्रा समर्थक ) Paras Jain Paras Jain Pahalwaan राजेन्द्र शुक्ल रीवा RAJENDRA SHUKLA राजेन्द्र शुक्ल (सर्वे भवन्तु सुखिन:) Rajendra Shukla राजेन्द्र शुक्ल( सर्वे भवन्तु सुखिन: गोपाल भार्गव जी के प्रशंसक
भैया गोपाल भार्गव फैंस क्लब भोपाल Dr Sitasaran Sharma श्री महाकालेश्वर ज्योतिर्लिङ्ग, उज्जैन


Bkk News


Bekhabaron Ki Khabar - बेख़बरों की खबर


Bekhabaron Ki Khabar, magazine in Hindi by Radheshyam Chourasiya / Bekhabaron Ki Khabar: Read on mobile & tablets - http://www.readwhere.com/publication/6480/Bekhabaron-ki-khabar



Comments

मध्यप्रदेश समाचार

देश समाचार

Popular posts from this blog

आधे अधूरे - मोहन राकेश : पाठ और समीक्षाएँ | मोहन राकेश और उनका आधे अधूरे : मध्यवर्गीय जीवन के बीच स्त्री पुरुष सम्बन्धों का रूपायन

  आधे अधूरे - मोहन राकेश : पीडीएफ और समीक्षाएँ |  Adhe Adhure - Mohan Rakesh : pdf & Reviews मोहन राकेश और उनका आधे अधूरे - प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा हिन्दी के बहुमुखी प्रतिभा संपन्न नाट्य लेखक और कथाकार मोहन राकेश का जन्म  8 जनवरी 1925 को अमृतसर, पंजाब में  हुआ। उन्होंने  पंजाब विश्वविद्यालय से हिन्दी और अंग्रेज़ी में एम ए उपाधि अर्जित की थी। उनकी नाट्य त्रयी -  आषाढ़ का एक दिन, लहरों के राजहंस और आधे-अधूरे भारतीय नाट्य साहित्य की उपलब्धि के रूप में मान्य हैं।   उनके उपन्यास और  कहानियों में एक निरंतर विकास मिलता है, जिससे वे आधुनिक मनुष्य की नियति के निकट से निकटतर आते गए हैं।  उनकी खूबी यह थी कि वे कथा-शिल्प के महारथी थे और उनकी भाषा में गज़ब का सधाव ही नहीं, एक शास्त्रीय अनुशासन भी है। कहानी से लेकर उपन्यास तक उनकी कथा-भूमि शहरी मध्य वर्ग है। कुछ कहानियों में भारत-विभाजन की पीड़ा बहुत सशक्त रूप में अभिव्यक्त हुई है।  मोहन राकेश की कहानियां नई कहानी को एक अपूर्व देन के रूप में स्वीकार की जाती ...

खाटू नरेश श्री श्याम बाबा की पूरी कहानी | Khatu Shyam ji | Jai Shree Shyam | Veer Barbarik Katha |

संक्षेप में श्री मोरवीनंदन श्री श्याम देव कथा ( स्कंद्पुराणोक्त - श्री वेद व्यास जी द्वारा विरचित) !! !! जय जय मोरवीनंदन, जय श्री श्याम !! !! !! खाटू वाले बाबा, जय श्री श्याम !! 'श्री मोरवीनंदन खाटू श्याम चरित्र'' एवं हम सभी श्याम प्रेमियों ' का कर्तव्य है कि श्री श्याम प्रभु खाटूवाले की सुकीर्ति एवं यश का गायन भावों के माध्यम से सभी श्री श्याम प्रेमियों के लिए करते रहे, एवं श्री मोरवीनंदन बाबा श्याम की वह शास्त्र सम्मत दिव्यकथा एवं चरित्र सभी श्री श्याम प्रेमियों तक पहुंचे, जिसे स्वयं श्री वेद व्यास जी ने स्कन्द पुराण के "माहेश्वर खंड के अंतर्गत द्वितीय उपखंड 'कौमारिक खंड'" में सुविस्तार पूर्वक बहुत ही आलौकिक ढंग से वर्णन किया है... वैसे तो, आज के इस युग में श्री मोरवीनन्दन श्यामधणी श्री खाटूवाले श्याम बाबा का नाम कौन नहीं जानता होगा... आज केवल भारत में ही नहीं अपितु समूचे विश्व के भारतीय परिवार ने श्री श्याम जी के चमत्कारों को अपने जीवन में प्रत्यक्ष रूप से देख लिया हैं.... आज पुरे भारत के सभी शहरों एवं गावों में श्री श्याम जी से सम्बंधित संस्थाओं...

दुर्गादास राठौड़ : जिण पल दुर्गो जलमियो धन बा मांझल रात - प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा

अमरवीर दुर्गादास राठौड़ : जिण पल दुर्गो जलमियो धन बा मांझल रात। - प्रो शैलेन्द्रकुमार शर्मा माई ऐड़ा पूत जण, जेहड़ा दुरगादास। मार मंडासो थामियो, बिण थम्बा आकास।। आठ पहर चौसठ घड़ी घुड़ले ऊपर वास। सैल अणी हूँ सेंकतो बाटी दुर्गादास।। भारत भूमि के पुण्य प्रतापी वीरों में दुर्गादास राठौड़ (13 अगस्त 1638 – 22 नवम्बर 1718)  के नाम-रूप का स्मरण आते ही अपूर्व रोमांच भर आता है। भारतीय इतिहास का एक ऐसा अमर वीर, जो स्वदेशाभिमान और स्वाधीनता का पर्याय है, जो प्रलोभन और पलायन से परे प्रतिकार और उत्सर्ग को अपने जीवन की सार्थकता मानता है। दुर्गादास राठौड़ सही अर्थों में राष्ट्र परायणता के पूरे इतिहास में अनन्य, अनोखे हैं। इसीलिए लोक कण्ठ पर यह बार बार दोहराया जाता है कि हे माताओ! तुम्हारी कोख से दुर्गादास जैसा पुत्र जन्मे, जिसने अकेले बिना खम्भों के मात्र अपनी पगड़ी की गेंडुरी (बोझ उठाने के लिए सिर पर रखी जाने वाली गोल गद्देदार वस्तु) पर आकाश को अपने सिर पर थाम लिया था। या फिर लोक उस दुर्गादास को याद करता है, जो राजमहलों में नहीं,  वरन् आठों पहर और चौंसठ घड़ी घोड़े पर वास करता है और उस पर ही बैठकर बाट...