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मास्क अथवा फेस कवर उपलब्ध नहीं होने पर गमछा, रूमाल, दुपट्टा आदि का भी उपयोग कर सकते हैं

उज्जैन 10 अप्रैल। राज्य शासन द्वारा प्रदेश में प्रत्येक व्यक्ति को घर से बाहर सार्वजनिक स्थलों पर निकलते समय मास्क/फेस कवर पहनना अनिवार्य कर दिया गया है। बिना मास्क/फेस कवर के घर के बाहर सार्वजनिक स्थलों पर जाना आदेश का उल्लंघन माना जायेगा और तदनुसार विधिक कार्यवाही की जायेगी। इस सम्बन्ध में यह भी स्पष्ट किया गया है कि मास्क उपलब्ध नहीं होने पर व्यक्ति गमछा, रूमाल, दुपट्टा आदि का उपयोग फेस कवर के रूप में कर सकता है। फेस कवर का पुन: प्रयोग साबुन से अच्छी तरह धोने के बाद फिर से किया जा सकता है।


घर पर मास्क बनाने की विधि


प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त संचालक द्वारा जारी किये गये परिपत्र के अनुसार वैज्ञानिकों द्वारा किये गये परीक्षणों के अनुसार 100 प्रतिशत कॉटन से निर्मित दोहरी पर्त वाले (डबल लेयर) मास्क कोरोना वायरस की रोकथाम हेतु अत्यन्त प्रभावी हैं। मास्क वयस्क व्यक्ति के लिये 9x7 इंच का, तथा बच्चों के लिये 7x5 इंच लम्बाईxचौड़ाई आकार का आवश्यक है। मास्क को उपयोग करने के पूर्व अच्छी तरह से धोना, साफ करना, मास्क पहनने से पहले हाथ धोना, मास्क ढीला होने पर बदलकर दूसरा लगाना आवश्यक है। बगैर सफाई के मास्क का पुनर्प्रयोग नहीं किया जाना चाहिये।


कॉटन का मास्क बनाने की घरेलु विधि इस प्रकार है- सिंलाई मशीन से मास्क बनाया जा सकता है। मास्क बनाने हेतु किसी भी तरह के कॉटन के कपड़े जैसे पुरानी बनियान या टीशर्ट का उपयोग किया जा सकता है। कपड़े के कलर का इसमें कोई महत्व नहीं है। मास्क बनाने से पूर्व यह ध्यान रखा जाये कि कपड़ा अच्छी तरह से पांच मिनिट तक नमक मिले उबले पानी में धुला हो एवं अच्छी तरह से सुखाया गया हो। मास्क बनाने के लिये कपड़े की चार पट्टी, कैंची व सिलाई मशीन की आवश्यकता पड़ती है। कपड़ा काटकर वयस्क के लिये 9x7 इंच व बच्चों के लिये 7x5 इंच कपड़ा आवश्यक है। मास्क सिलने के बाद आसपास गोट लगाकर सिर के पीछे बांधने के लिये लेस लगाकर मास्क तैयार किया जा सकता है।


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