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लॉक डाउन के दौरान एटीडीसी इंदौर द्वारा स्टूडेंट्स के लिए ऑनलाइन क्लासेज



अपैरल ट्रेनिंग एंड डिज़ाइन सेंटर (एटीडीसी),अपैरल एक्सपोर्ट प्रमोशन कौंसिल (एईपीसी) द्वारा संवर्धित एवं  वस्त्र मंत्रालय द्वारा प्रायोजित है l इसमें फैशन डिजाइनिंग एवं अपैरल मैन्युफैक्चरिंग से सम्बंधित  डिग्री, डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कोर्सेज करवाए जाते  हैंl लॉक डाउन से जहाँ सारा शहर कोरोना के डर से अपने घर में ही रहने को विवश हो गया है। वही ए टी डी सी इंदौर ने 'जहां चाह वहाँ राह ' को चरितार्थ करते हुए आधुनिक टेक्नोलॉजी की मदद से स्टूडेंट्स को घर बैठे ऑनलाइन टीचिंग की शुरुआत की जिससे उनकी पढाई का नुकसान भी नहीं हो और टीचर्स को भी घर बैठे काम करने का एक नया अनुभव मिले l इसके लिए टीचर्स विभिन्न ऐप्स और वीडियो का उपयोग कर रहे हैंl  स्टूडेंट्स भी ऑनलाइन टीचिंग को पूरी तन्मयता से आत्मसात करते हुए घर में उपलब्ध सामान से नए- नए प्रोजेक्ट बनाकर टीचर्स को ऑनलाइन  दिखा रहे हैं और पढाई का आनंद ले रहे हैंl ए टी डी सी इंदौर की प्रिंसिपल श्रीमती प्रीति सर्वा ने बताया की ए टी डी सी ने लॉक डाउन की आशंका से पहले ही इसकी तैयारी शुरू कर दी थी और लॉक डाउन होते ही ऑनलाइन  टीचिंग शुरू कर दी गयी जिसे स्टूडेंट्स की पढाई का नुकसान ना हो और समय का सदुपयोग किया जा सकेl


 


यह सब  ए टी डी सी के गुरुग्राम स्थित मुख्यालय से संस्थान के डायरेक्टर जनरल एवं सी इ ओ डॉ डार्ली कोशी के निर्देशानुसार किया जा रहा है। साथ ही ए टी डी सी की डायरेक्टर श्रीमती गुरप्रीत कौर के द्वारा भारत के 25 राज्यों में स्थित करीब 175 ए टी डी सी सेंटर्स के फैकल्टी के द्वारा किये जा रहे ऑनलाइन टीचिंग की मॉनिटरिंग की जा रही है, उनके द्वारा स्टूडेंट्स को हर वीक हर सब्जेक्ट के कम से कम एक असाइनमेंट देने हेतु फैकल्टी को गाइड किया गया है इसके लिए एक अलग व्हाट्सप्प ग्रुप बनाया गया है जिसमे सभी सेंटर्स के प्रिंसिपल के द्वारा रोज़ हर फैकल्टी मेंबर के टीचिंग एवं असाइनमेंट्स की जानकारी देना होती है। सभी सेंटर्स के द्वारा स्टूडेंट्स को हर दिन नए प्रोजेक्ट्स दिए जा रहे है जिससे वे लॉक डाउन पीरियड का बहुत ही रोमांचक तरीके से सदुपयोग कर रहे हैं।



इसके अलावा संस्थान में डिग्री कोर्स के स्टूडेंट्स को कई विषय सॉफ्टवेयर्स के माध्यम से पढ़ाए जाते है जिसमे CAD लैब की आवश्यकता होती है, संस्थान के जनरल मैनेजर(आईटी) श्री दीपक सिंह द्वारा इस समस्या का भी समाधान कर दिया गया है, उन्होंने स्टूडेंट्स को यह सॉफ्टवेयर्स ऑनलाइन उपलब्ध करवा दिए हैं अतः स्टूडेंट्स की पढाई का कोई नुकसान नहीं हो रहा है।


 


संस्थान की प्रिंसिपल ने बताया कि कोरोना काल ने हमें बहुत सी नयी चीज़ें सिखाई है मसलन आगे से अगर कोई फैकल्टी छुट्टी लेता है तो उसकी ऑनलाइन क्लासेज लगवाई जा सकती हैं, अगर एक सेंटर के पास किसी सब्जेक्ट की कोई  बहुत अच्छी फैकल्टी उपलब्ध  हो तो दूसरा सेंटर अपने स्टूडेंट्स को उसकी विशेषज्ञता का ऑनलाइन क्लासेज के द्वारा लाभ दे सकता है। प्रीति सर्वा जी ने  जल्दी ही परिस्थितियां सामान्य होने की आशा व्यक्त की और विद्यार्थियों के उज्जवल भविष्य की कामना की।


 


ए टी डी सी इसके साथ ही वर्क फ्रॉम होम के कांसेप्ट पर भी काम कर रहा है, मुख्यालय सहित पूरे भारत के सभी एम्प्लाइज सभी आवश्यक कार्य कर रहे हैं, लिए भी ऑनलाइन ऐप्स उपयोग की जा रही हैं।



ए टी डी सी ने एक बार फिर सिद्ध कर दिया है की किसी भी चुनौती से अपनी सूझबूझ से निपटा जा सकता है। ए टी डी सी अपने स्टूडेंट्स को क्वालिटी टीचिंग एवं प्लेसमेंट्स देने हेतु प्रतिबद्ध है, संस्थान के द्वारा प्रशिक्षित सभी स्टूडेंट्स गारमेंट इंडस्ट्री में कार्य कर सफलता के परचम लहरा रहे हैं। संस्थान में प्रवेश हेतु वेबसाइट www.atdcindia.co.in  को विजिट कर संपर्क किया जा सकता है।


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