Skip to main content

कोरोना: विश्वव्यापी महामारी के खिलाफ मध्यप्रदेश सरकार का युद्ध  

विशेष लेख


भोपाल : बुधवार, अप्रैल 22, 2020, 14:17 IST

कोरोना महामारी का प्रकोप विश्व व्यापी है। हमें इससे डरना नहीं है लड़ना है। वर्ष 2020के मार्च माह की 23 तारीख वह दिन है जब मध्यप्रदेश में कोरोना के खिलाफ महायुद्ध का ऐलान किया गया। इस दिन से कोरोना संक्रमण रोकने के लिए हर मोर्चे पर मध्यप्रदेश सरकार ने काम करना शुरू किया। लोगों की हिम्मत बढ़े और सहयोग के साथ महामारी की रोकथाम लिये वे सजग, सतर्क और सावधान हों, इस दिशा में एक लक्ष्य के साथ मौजूदा मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में मध्यप्रदेश सरकार ने काम करना शुरू किया।


कोरोना की रोकथाम के लिये शुरू हुआ युद्ध


23 मार्च को शपथ ग्रहण के बाद मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने एक योद्धा की तरह कोरोना के खिलाफ युद्ध की शुरूआत की। उन्होंने सबसे पहले उन तैयारियों की जानकारी ली, जो महामारी की रोकथाम के लिये जरूरी हैं। इस महामारी की व्यापकता की तुलना में सुविधाएँ और उपलब्धियाँ बहुत कम हैं। पिछले 28 दिनों में लगातार किये गये प्रयासों के बाद हमारी चिकित्सा प्रणाली इस संक्रमण के खिलाफ न केवल पहले से अधिक मजबूत हुई बल्कि संक्रमण को पूरी तरह समाप्त करने में सक्षम बनी।


कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने के लिये सबसे ज्यादा जरूरी था कि प्रभावित क्षेत्रों में रह रहे लोगों का अधिक से अधिक परीक्षण हो, उन्हें इलाज मिले। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने 23 मार्च को प्रदेश का नेतृत्व संभालते ही इस दिशा में निर्देश दिये। आज प्रदेश की 9 प्रयोगशालाओं में कोरोना प्रभावितों और संदिग्धों के परीक्षण किये जा रहे हैं। प्रदेश में सबसे ज्यादा प्रभावित इंदौर जिले में 5 हजार 120 नमूने लिये गये हैं। जिनमें से 1000 नमूनों को परीक्षण के लिये दिल्ली भेजा गया है। रोज की जाने वाली जाँच में भी बढोत्तरी हुई है। लगभग 1050 परीक्षण प्रतिदिन किये जा रहे हैं। अन्य प्रयोगशालाओं को भी शुरू किया जा रहा है।


परीक्षण किट की निरंतर आपूर्ति


कोरोना रोकथाम के लिये यह जरूरी है कि अधिक से अधिक लोगों का परीक्षण हो जिससे संक्रमण का पता लगाया जा सके। मध्यप्रदेश में परीक्षण उपकरण 22 हजार 520 आरटीपीसीआर और 14 हजार 200 मेनुअल आरएनए है। पीपीई किट लगभग एक लाख से अधिक है। इनमें से 2500 किट प्रतिदिन वितरित की जा रही है।


प्रदेश में आज की स्थिति में एन-95 मास्क की उपलब्धता 1.77 लाख है जिसमें से अब तक एक लाख 50 हजार मास्क वितरित किये गये हैं। हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन की गोलियों की उपलब्धता 33 लाख से अधिक है। साथ ही 2 हजार 776 ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध हैं। आइसोलेशन बेड़ की संख्या 29 हजार 350 है और 690 वेंटिलेटर उपलब्ध हैं। लगभग 840 आईसीयू बेड़ चिन्हित किये गये हैं। इन सभी की आवश्यकता का अनुमान लगाकर संख्या बढ़ाई जा रही है।


डोर टू डोर सर्वे


सबसे महत्वपूर्ण है सर्वे सेम्पलिंग फॉलोअप एवं पॉजिटिव केस की जानकारी। शासन ने इस ओर विशेष ध्यान दिया है जिससे कोरोना की रोकथाम के लिये सुनियोजित रणनीति बनाई जा सके। इसके लिये कोरोना वॉरियर्स सार्थक एप के माध्यम से घर-घर जाकर सर्वे का काम कर रहे हैं। नमूने ले रहे हैं और फॉलोअप भी कर रहे हैं। जो केस पॉजिटिव हैं उनके रजिस्ट्रेशन का भी काम किया जा रहा है। एप का उपयोग कर सम्पर्क की जानकारी ली जा रही है जो ट्रेसिंग में लाभदायक होती है। संदिग्धों के लक्षणों को नियमित रूप से मॉनिटर किया जा रहा है। सामान्य या गंभीर लक्षणों की जानकारी प्राप्त होने पर संबंधित व्यक्ति की जानकारी सेम्पल कलेक्शन लिस्ट में भेज दी जाती है। जिला टीम उस व्यक्ति का सेंपल प्राप्त कर लेती है।


कंट्रोल रूम स्थापित


मुख्यमंत्री के निर्देश पर कोरोना महामारी को रोकने के लिये राज्य स्तरीय कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है। मात्र 2 दिन में नगरीय प्रशासन के लगभग 450 कर्मचारियों को प्रशिक्षित कर स्मार्ट सिटी कार्पोरेशन भोपाल के इंटीग्रेटेड कमांड एण्ड कंट्रोल सेन्टर में पदस्थ किया गया है। नियंत्रण कक्ष का यह दायित्व है कि वह विभिन्न माध्यमों से प्राप्त होने वाली नागरिकों और प्रवासियों की विभिन्न समस्याओं का पंजीयन किया जाये और प्रदेश के संबंधित अधिकारियों के साथ-साथ राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों, कलेक्टरों और आवासीय आयुक्तों से सम्पर्क स्थापित कर समस्याओं का निराकरण किया जाये। सीएम हेल्पलाइन और इसके लिये बनाए गए व्हाट्सएप नंबर को भी प्रचारित किया गया है ताकि नागरिक और प्रवासीय इसका उपयोग कर अपनी समस्याओं का समाधान करवा सकें।


पीपीई किट के निर्माण में आत्म निर्भर मध्यप्रदेश


पीपीई किट की उपलब्धता बढ़ाने के लिये और निर्भरता कम करने के लिये इसका निर्माण प्रदेश में ही शुरू करने का निर्णय लिया गया। वस्त्र उद्योग की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक प्रतिभा सिंटेक्स को पीपीई किट उत्पादन के लिये चुना गया। साथ ही इनोवेटिव, एप्कोन एवं ट्रेंड्स अप्रेजल कंपनी को भी जोड़ा गया। इन कंपनियों से निर्मित पीपीई किट का प्रोटोटाइप सेंपल एक डॉक्टर्स के लिये और दूसरा पेरामेडिकल स्टाफ के लिये निर्मित किया गया था उसे टेस्टिंग के लिये डीआरडीओ ग्वालियर भेजा गया जिसमें दोनों ही प्रकार के किट सेंपल सही पाये गये। पीपीई किट का उत्पादन 28 मार्च के बाद से अब तक 7 से 8 हजार की संख्या तक पहुँच गया है। आने वाले दिनों में मध्यप्रदेश 10,000 किट प्रतिदिन बनाने की स्थिति में होगा।


इन प्रयासों के बाद मध्यप्रदेश में संक्रमित मरीजों के उपचार में लगे डॉक्टर्स, पेरामेडिकल स्टाफ, सुरक्षा व्यवस्था में लगे पुलिस कर्मी तथा अन्य व्यवस्थाओं में लगे शासकीय कर्मियों के लिये पर्याप्त मात्रा में पीपीई किट्स उपलब्ध है और इनकी उपलब्धता में निरंतर वृद्धि की जा रही है।


आयुष चिकित्सा पद्धति से इलाज की व्यवस्था


मध्यप्रदेश में भारत सरकार की एडवाईजरी के अनुसार कोरोना के प्रभाव से मुक्त बनाने के लिये लोगों में प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिये भी कदम उठाए गए हैं। अप्रैल माह में आयुष विभाग के 1964 दलों द्वारा होम्योपैथी, यूनानी, आयुर्वेदिक दवा एवं काढ़े का डोर टू डोर वितरण किया जा रहा है। इन दलों में आयुष चिकित्सा, पेरामेडिकल और आयुष के चिकित्सा छात्र शामिल हैं। दिनांक 16 अप्रैल तक 39 लाख 57 हजार परिवारों के 96 लाख 95 हजार लोगों को रोग प्रतिरोधक औषधियों का वितरण किया जा रहा है। इनमें 34 लाख 68 हजार शहरी क्षेत्र के लाभार्थी हैं और 62 लाख 27 हजार लाभार्थी ग्रामीण क्षेत्र के है। आयुर्वेदिक दवाओं का वितरण 48 लाख 63 हजार नागरिकों को, होम्योपैथी दवा का 45 लाख 11 हजार नागरिकों को और करीब सवा 3 लाख नागरिकों को यूनानी दवा का वितरण किया गया है। दवा वितरण का यह कार्य निरंतर है। आने वाले समय में प्रदेश के 1 करोड़ परिवारों को त्रिकूट काढ़ा (चूर्ण) नि:शुल्क करने की योजना है। जो व्यक्ति क्वारेंटाइन या आईसोलेशन स्टेज में है इन सभी को त्रिकूट के साथ भूआम्ल की चूर्ण और गिलोय का काढ़ा बनाकर पिलाने से संक्रमण के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि की जा सकती है।


Bkk News


Bekhabaron Ki Khabar - बेख़बरों की खबर


Bekhabaron Ki Khabar, magazine in Hindi by Radheshyam Chourasiya / Bekhabaron Ki Khabar: Read on mobile & tablets - http://www.readwhere.com/publication/6480/Bekhabaron-ki-khabar


Comments

मध्यप्रदेश समाचार

देश समाचार

Popular posts from this blog

आधे अधूरे - मोहन राकेश : पाठ और समीक्षाएँ | मोहन राकेश और उनका आधे अधूरे : मध्यवर्गीय जीवन के बीच स्त्री पुरुष सम्बन्धों का रूपायन

  आधे अधूरे - मोहन राकेश : पीडीएफ और समीक्षाएँ |  Adhe Adhure - Mohan Rakesh : pdf & Reviews मोहन राकेश और उनका आधे अधूरे - प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा हिन्दी के बहुमुखी प्रतिभा संपन्न नाट्य लेखक और कथाकार मोहन राकेश का जन्म  8 जनवरी 1925 को अमृतसर, पंजाब में  हुआ। उन्होंने  पंजाब विश्वविद्यालय से हिन्दी और अंग्रेज़ी में एम ए उपाधि अर्जित की थी। उनकी नाट्य त्रयी -  आषाढ़ का एक दिन, लहरों के राजहंस और आधे-अधूरे भारतीय नाट्य साहित्य की उपलब्धि के रूप में मान्य हैं।   उनके उपन्यास और  कहानियों में एक निरंतर विकास मिलता है, जिससे वे आधुनिक मनुष्य की नियति के निकट से निकटतर आते गए हैं।  उनकी खूबी यह थी कि वे कथा-शिल्प के महारथी थे और उनकी भाषा में गज़ब का सधाव ही नहीं, एक शास्त्रीय अनुशासन भी है। कहानी से लेकर उपन्यास तक उनकी कथा-भूमि शहरी मध्य वर्ग है। कुछ कहानियों में भारत-विभाजन की पीड़ा बहुत सशक्त रूप में अभिव्यक्त हुई है।  मोहन राकेश की कहानियां नई कहानी को एक अपूर्व देन के रूप में स्वीकार की जाती हैं। उनकी कहानियों में आधुनिक जीवन का कोई-न-कोई विशिष्

तृतीय पुण्य स्मरण... सादर प्रणाम ।

https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=1003309866744766&id=395226780886414 Bekhabaron Ki Khabar - बेख़बरों की खबर Bekhabaron Ki Khabar - बेख़बरों की खबर Bkk News Bekhabaron Ki Khabar, magazine in Hindi by Radheshyam Chourasiya / Bekhabaron Ki Khabar: Read on mobile & tablets -  http://www.readwhere.com/publication/6480/Bekhabaron-ki-khabar

खाटू नरेश श्री श्याम बाबा की पूरी कहानी | Khatu Shyam ji | Jai Shree Shyam | Veer Barbarik Katha |

संक्षेप में श्री मोरवीनंदन श्री श्याम देव कथा ( स्कंद्पुराणोक्त - श्री वेद व्यास जी द्वारा विरचित) !! !! जय जय मोरवीनंदन, जय श्री श्याम !! !! !! खाटू वाले बाबा, जय श्री श्याम !! 'श्री मोरवीनंदन खाटू श्याम चरित्र'' एवं हम सभी श्याम प्रेमियों ' का कर्तव्य है कि श्री श्याम प्रभु खाटूवाले की सुकीर्ति एवं यश का गायन भावों के माध्यम से सभी श्री श्याम प्रेमियों के लिए करते रहे, एवं श्री मोरवीनंदन बाबा श्याम की वह शास्त्र सम्मत दिव्यकथा एवं चरित्र सभी श्री श्याम प्रेमियों तक पहुंचे, जिसे स्वयं श्री वेद व्यास जी ने स्कन्द पुराण के "माहेश्वर खंड के अंतर्गत द्वितीय उपखंड 'कौमारिक खंड'" में सुविस्तार पूर्वक बहुत ही आलौकिक ढंग से वर्णन किया है... वैसे तो, आज के इस युग में श्री मोरवीनन्दन श्यामधणी श्री खाटूवाले श्याम बाबा का नाम कौन नहीं जानता होगा... आज केवल भारत में ही नहीं अपितु समूचे विश्व के भारतीय परिवार ने श्री श्याम जी के चमत्कारों को अपने जीवन में प्रत्यक्ष रूप से देख लिया हैं.... आज पुरे भारत के सभी शहरों एवं गावों में श्री श्याम जी से सम्बंधित संस्थाओं