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कोरोना वायरस से लड़ाई में जान पर खेल गये पुलिस निरीक्षक श्री यशवंत पाल

प्रेरक कहानी



उज्जैन 21 अप्रैल। उज्जैन शहर के नीलगंगा थाना प्रभारी श्री यशवंत पाल कोरोना वायरस से लड़ाई में शुरूआत से ही शामिल थे। नीलगंगा थाने की अंबर कॉलोनी में कोरोना पॉजीटिव आने के बाद से वे निरन्तर पेट्रोलिंग कर लोगों की जान बचाने में लगे रहे। यह उन्हीं के प्रयास रहे कि अंबर कॉलोनी में कोरोना का प्रवाह रूक गया, किन्तु उन्हें इस लड़ाई में शहीद होना पड़ा।


श्री यशवंत पाल का जन्म वर्ष 1961 में ग्राम तातोड़ तहसील खतनार जिला बुरहानपुर के किसान परिवार में श्री भाऊलाल पाल के घर हुआ था। श्री पाल अपने पांच भाई-बहनों में सबसे बड़े थे। यशवंत पाल की प्रारम्भिक शिक्षा बुरहानपुर जिले में हुई। इन्होंने क्रिश्चियन महाविद्यालय इन्दौर से राजनैतिक विज्ञान में स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त की। इन्होंने वर्ष 1982-83 में पुलिस विभाग में उप निरीक्षक के पद पर अपनी सेवाएं प्रारम्भ की। इनकी पत्नी श्रीमती मीना पाल वर्तमान में जिला धार में तहसीलदार के पद पर पदस्थ होकर अपनी सेवाएं दे रही हैं। इनकी दो पुत्री फाल्गुनी एवं निशा वर्तमान में शिक्षारत है। श्री यशवंत पाल द्वारा गत 6 नवम्बर 2019 को थाना प्रभारी नीलगंगा का पदभार ग्रहण किया गया था। इनके द्वारा सिंहस्थ-2016 में भी अपनी उत्कृष्ट सेवाएं दी गई थी। श्री यशवंत पाल कर्त्तव्यनिष्ठ एवं अनुशासित पुलिस अधिकारी थे। श्री पाल जैसे देशभक्त और जनसेवाभावी पुलिस योद्धा की क्षति अपूरणीय है। मध्य प्रदेश पुलिस द्वारा श्री पाल की शहादत को शत-शत नमन है।


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