कोरोना महामारी के दरमियान सीहोर जिले के किसानो ने गेंहू उत्पादकता का बनाया नया रिकार्ड, कॉमन हार्वेस्टिग के सुझाव के लिए किसानों ने प्रधानमंत्री का जताया आभार
(सफलता की कहानी )
अपने स्वादिष्ट और सोने जैसे सुनहरे शरबती गेंहू को लेकर पूरे देश में अपनी विशिष्ट छवि रखने वाला मध्य प्रदेश का सीहोर जिला इस बार जानलेवा कोरोना कोविड - 19 की महामारी के बीच किसानो के अदम्य हौसलों और पीएम के आव्हान पर हुए समयोचित प्रयासों के चलते एक बार फिर गेंहू उत्पादन में नया रिकार्ड बनाने की और अग्रसित है| इस बार रबी की मुख्य फसल के रूप में गेंहू का कुल उत्पादन 13 लाख मैट्रिक टन के नए जादुई रिकार्ड को छूने की तैयारी में है, जबकि पिछली बार यह उत्पादक दर जिले में 9 लाख मैट्रिक टन थी | जिले में लगभग 98 प्रतिशत फसल की कटाई पूर्ण हो चुकी है |
सीहोर जिले में इस बार 3 लाख 90 हजार हैक्टेयर वर्ग क्षेत्रफल में रबी की बुबाई का लक्ष्य निर्धारित किया गया था | इसमें 2 लाख 90 हजार हैक्टेयर में मुख्य फसल के रूप में गेंहू और सहायक फसल के रूप में चने की बुबाई 82 हजार हैक्टेयर क्षेत्रफल में की गई | इस बार अच्छी बारिश और अनुकूल मौसम के कारण रबी की फसल वोबनी से अंकुरण तक प्रभावी तरीके से फैलाव करती नजर आई | पानी की उपलब्धता के चलते मौसमी चक्र के अनुकूल गेंहू की फसल में किसानो ने पानी दिया | साथ ही शीत ऋतु में लगातार पड़ी ठण्ड के कारण फसल में उचित तरीके से वृद्धि हुई और अंतिम परिणाम के रूप में गेंहू की मुख्य फसल में उचित वृद्धि और दाना फली बेहतर तरीके से पल्लवित हुई | इससे गेहूं की फसल का उत्पादन रिकॉर्ड होने की संभावना बलबती हुई| लेकिन अचानक वैश्विक कोरोना कोविड -19 संक्रमण महामारी ने किसानो के माथे पर चिंता की लकीरे गहरी कर दी | जैसे ही उत्साह के वातावरण में पकी और सूखी फसल की कटाई जिले में प्रारंभ हुई वैसे ही कोरोना महामारी की आपदा ने जिले में फसलो की कटाई को बीच में रोकने पर विवश कर दिया |
पीएम का आव्हान, फसल काटना बना आसान
इधर कोरोना आपदा में प्रथम लॉक डाउन की घोषणा हुई और धरती पर दौड़ती जिन्दगी एकदम थम सी गई | इस लॉक डाउन में कटाई के लिए मजदूर मिलना मुश्किल हो गया | विवश ग्रामीणों ने वैज्ञानिक उपकरण के अभाव में पारम्परिक पद्धति से आपस में मिलकर परिजनों के साथ हाथो में हसिये लेकर फसल कटाई में जुट गए | मगर इसी बीच पीएम के आव्हान पर जिले में कंबाइंड हार्वेस्टिंग का प्रबन्धन कर किसानों के सम्मुख फसल कटाई का एक बेहतर विकल्प सुझाया | बस फिर क्या था किसानो ने अपने गाँव में कम समय में अपनी अपनी फसल कटाई का कार्य पूर्ण कर लिया | इस समय जिले में 98 प्रतिशत फसल कटाई का कार्य पूर्ण कर लिया गया है | दो प्रतिशत में वही क्षेत्र बचे है जहां धान का उत्पादन होता है और बेमौसम ओलो और बारिश से खेतो में खड़ी पकी और सुखी फसल प्रभावित हुई | जिले के किसान कल्याण और विकास विभाग के सहायक संचालक एस के राठौर ने बताया की पीएम के आव्हान के बाद कोरोना महामारी की विषम परिस्थितियों में फसल कटाई में हो रही देरी चिंता का सबब बन रही थी | लेकिन इस समस्या का निदान फिर कंबाइंड हार्वेस्टिंग का प्रबन्धन बनाकर कर लिया गया | इस बार गेंहू का उत्पादन एक नया रिकार्ड बनाने जा रहा है |
पीएम का आव्हान किसानो को राहत
गेंहू उत्पादक सीहोर जिले में इस बार बम्पर फसल एक नया रिकॉर्ड बनाने जा रही है | ऐसे में कोरोना वायरस की महामारी के चलते गेंहू की सरकारी खरीदी की प्रक्रिया लगभग एक माह की देरी से शुरू हो पाई है | इस बार जिले में शुरू हुई 15 अप्रैल से समर्थन मूल्य की खरीदी के अंतर्गत कुल 164 खरीदी केंद्र बनाये गए है, जहां सोशल डिस्टेंस के पालन को लेकर फोकस रखा गया है | प्रत्येक केंद्र पर सेनिटाईजर ..साबुन ..और मास्क की व्यवस्था की गई है | इस बार गेंहू का सरकारी खरीद मूल्य 1 हजार 925 रूपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है | प्रत्येक केंद्र पर उचित संख्या में वारदाने की व्यवस्था की गई है |
किसानो ने कहा, धन्यवाद प्रधानमंत्री जी
गेंहू उत्पादक जिले सीहोर के किसान वैज्ञानिक पद्धति से कृषि कार्य करते है, इसलिए यहाँ पैदा होने वाले शरबती गेंहू सबसे ज्यादा कीमत पर बिकता है | इस गेंहू की डिमांड पूरे देश से आती है | खासकर मुंबई और गुजरात के बड़े शहर इसके दीवाने है | इस बार कठिया गेंहू की एकदम नई वैरायटी तेजस को लेकर किसान काफी उत्साहित रहे | इस गेंहू का उत्पादन 60 से 65 कुंटल प्रति हैक्टेयर दर्ज किया गया है | जबकि जिले में गेंहू का औसत अनुपात 45 कुंटल प्रति हैक्टेयर आंकलित है | हमने जिले किसान कुछ गाँवों पिपलिया मीरा , चंदेरी , जमोनिया , रायपुरा और ढोबरा गाँवों का भ्रमण कर किसान भाइयो प्रमेश , राहुल , राजा त्यागी से बात की तो सभी ने कोरोना महामारी के चलते उत्पन्न हुई विषम स्थिति का वर्णन तो किया मगर पीएम की पहल पर किसानो को फसल कटाई के लिए उपलब्ध करवाए कंबाइंड हार्वेस्टिंग की प्रशंसा की और पीएम श्री मोदी जी तहेदिल से धन्यवाद दिया | यही नही पंजाब प्रान्त से आये हार्वेस्टर के संचालक हरविन्दर सिंह ने भी पीएम के इस प्रयोग को एक अच्छी पहल निरुपित कर उन्हें शुक्रिया कहा |
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