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एचसीएआरडी नामक रोबोट कोविड-19 स्वास्थ्य योद्धाओं की सहायता करेगा

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय

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अस्पतालों में  काम करने वाले स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को 24 घंटे संक्रमित व्यक्तियों की देखभाल करने के कारण खुद संक्रमित हो जाने का खतरा रहता है। अब एक नए मित्र की सहायता मिलने के बाद जोखिम की मात्रा में कमी आ सकती है। रोबोट डिवाइस एचसीएआरडी, जो हास्पीटल केयर एस्सिटिव रोबोटिक डिवाइस का संक्षिप्त नाम है, कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्तियों से शारीरिक दूरी बनाये रखने के द्वारा अग्रिम पंक्ति स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की सहायता कर सकते हैं।


एचसीएआरडी का निर्माण सेंट्रल मैकेनिकल इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टीच्यूट के दुर्गापुर स्थिति सीएसआईआर लैब ने किया है। यह डिवाइस अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों से सुसज्जित है और आटोमैटिक एवं नेवीगेशन के मैनुअल मोड्स दोनों में ही काम करता है।


यह रोबोट नेवीगेशन, ड्राअर एक्टिवेशन जैसे फीचरों वाले एक कंट्रोल स्टेशन के साथ एक नर्सिंग बूथ द्वारा नियंत्रित एवं मोनीटर किया जा सकता है और इसका उपयोग रोगियों को दवाएं एवं भोजन उपलब्ध कराने, नमूना संग्रह करने तथा आडियो-विजुअल कम्युनिकेशन करने के लिए किया जा सकता है।


सीएसआईआर-सीएमईआरआई के निदेशक प्रो. डा. हरीश हीरानी ने कहा कि, ‘ यह हास्पीटल केयर एस्सिटिव रोबोटिक डिवाइस सेवाओं की प्रदायगी करने एवं अनिवार्य शारीरिक दूरी बनाते हुए कोविड-19 मरीजों की देखभाल करने वाले अग्रिम पंक्ति स्वास्थ्य अधिकारियों के लिए प्रभावी हो सकते हैं। ‘  प्रो. हीरानी ने कहा कि इस डिवाइस की कीमत 5 लाख रुपये से कम है तथा वजन  80 किलाग्राम से कम है।


सीएसआईआर-सीएमईआरआई प्रौद्योगिकीय अंतःक्षेपों के जरिये कोविड 19 के प्रभाव को न्यूनतम करने के लिए युद्ध स्तर पर कार्य कर रहा है। जैसाकि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बताया है पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमंट (पीपीई) समाज में कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने में काफी महत्वपूर्ण है, इसलिए संस्थान ने व्यापक रूप से आम जनता एवं स्वास्थ्य संस्थानों की सहायता करने के लिए पीपीई एवं समुदाय स्तर सुरक्षा उपकरणों को विकसित करने के लिए अपने संसाधनों को ईष्टतम रूप से प्रबंधित किया है।


सीएमईआरआई के वैज्ञानिकों ने डिस्इंफेक्शन वाकवे, रोड सैनिटाइजर यूनिट, फेस मास्क, मैकेनिकल वेंटिलेटर एवं हास्पीटल वेस्ट मैनेजमेंट फैसिलिटी सहित कुछ अन्य कस्टमाइज्ड टेक्नोलाजी का भी विकास किया है।


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