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भोपाल एम्स में नर्सिंग स्टाफ की समस्या समाधान हेतु NSUI ने डायरेक्टर को लिखा पत्र

भोपाल : NSUI मेडिकल विंग के प्रदेश समन्वयक रवि परमार ने भोपाल एम्स में कार्यरत नर्सिंग स्टाफ की समस्याओं से संबंधित पत्र एम्स डायरेक्टर को लिखा है।



रवि ने एम्स डायरेक्टर को संबोधित पत्र में बिंदुवार जानकारी देते हुए स्टाफ को हो रही समस्याओं से अवगत करवाया है।


रवि ने कहा मेडिकल और नर्सिंग स्टाफ इस समय कोरोना महामारी में अपनी ड्यूटी कर रहा है उसको ड्यूटी और क्वॉरेंटाइन के दौरान निम्न समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है -


1. जिस हॉस्टल में नर्सिंग स्टाफ को क्वॉरेंटाइन किया गया है उस हॉस्टल में सफाई की बिल्कुल भी सुविधा नहीं है जिससे की संक्रमण का खतरा दो गुना बढ़ जाता है ।


2. हॉस्टल में खाना बिल्कुल भी गुणवत्ता वाला नहीं मिलता जिससे की पहले कई बार स्टाफ बीमार हो चुके हैं और कहीं बाहर खाने में ईलीया निकलना या फिर खाने की प्लेट ठीक से साफ ना होना जैसी समस्या बार-बार उत्पन्न होती हैं । 

इस समय संक्रमण का खतरा ज्यादा है उसके बावजूद भी खाने की डिस्पोजेबल प्लेट यूज नहीं की जाती खाने के दौरान काम में ली जाने वाली प्लेटें दूबारा उपयोग में ली जा रही है उनसे संक्रमण का खतरा बहुत ज्यादा रहता है।


3. हॉस्टल में ड्यूटी के दौरान स्टाफ को जो पीने का पानी उपलब्ध करवाया जा रहा है वो भी वाटरकुलर से खुले बर्तनों/मग के अन्दर दिया जा रहा है जिसमें संक्रमण से बचाव के कोई उपाय नहीं है जबकि मरीजों तक को पैकिंग पानी उपलब्ध करवाया जा रहा है। जिससे कि तक संक्रमण का खतरा और ज्यादा बढ़ जाता है | 


4. जिस स्टाफ को क्वॉरेंटाइन में रखा गया  है उनको ना तो हैंड वॉश दिया जा रहा है ना ही सैनिटाइजर दिया जा रहा है ना ही उनके Room को सैनिटाइज किया जा रहा है जिससे की एक-दूसरे को संक्रमण होने का खतरा हमेश बना रहता है |


5.U.G. boys and girls हास्टलों में उन स्टाफ के रहने की व्यवस्था की गई है जो ड्यूटी कर रहे होते हैं , इस दौरान काम में लिए जा रहे टायलेट व बाथरूम काॅमन है जिससे संक्रमण फैलने का खतरा बहुत ज्यादा रहता है ।




रवि परमार ने कहा कि अगर कोई स्टाफ इसकी शिकायत करता है तो उसको या तो हटा दिया जाता है या हटाने की धमकी दी जाती हैं। 


रवि ने डायरेक्टर एम्स की कार्यवाही पर पूर्ण भरोसा जताते हूये कहा कि जल्दी से जल्दी इस पर कार्रवाई कर व्यवस्थाओं को सुचारू किया जाएगा। अगर ऐसा नहीं किया गया तो एनएसयूआई को आने वाले समय में उग्र प्रदर्शन के लिए बाध्य होना पड़ेगा | 



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