आजनई दिल्ली में ई-लर्निंग कंटेंट योगदान को आमंत्रित करने के लिए केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री ने राष्ट्रीय कार्यक्रम विद्यादान 2.0 का शुभारंभ किया।
विद्यादान ई-लर्निंग सामग्री को विकसित करने और उसमें योगदान करने के लिए एक सामान्य राष्ट्रीय कार्यक्रम है और राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाने का एक मौका है - केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री
देश भर के लाखों बच्चों को कभी भी और कहीं भी सीखने में मदद करने के लिए DIKSHA ऐप पर उपलब्ध सामग्री का उपयोग किया जाएगा - श्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’
मानव संसाधन विकास मंत्रालयका DIKSHA प्लेटफार्म सितंबर 2017 से 30+ राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों के साथ शिक्षण और अधिगम की प्रक्रियाओं को बढ़ाने के लिए DIKSHA का संचालन कर रहा है। नोवेल कोरोनावायरस और कोविड-19 के प्रसार से स्कूली शिक्षा और उच्च शिक्षा पर कई अलग-अलग तरीकों से पड़ने वाले प्रभाव से उत्पन्न अभूतपूर्व संकट के समययह सभी उपयोगकर्ता राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के विद्यार्थियों और शिक्षकों के लिए अपनी ई-लर्निंग सामग्री को सुदृढ़ करने एवं का सही समय और अवसर है।
DIKSHA के पैमाने और क्षमता को समझते हुए, कई संस्थानों, संगठनों और व्यक्तियों ने विगत वर्षों में DIKSHA पर डिजिटल संसाधनों के योगदान में अपनी रुचि व्यक्त की है। भारत सरकार द्वारा DIKSHA समीक्षा बैठकों के दौरान, विशेषज्ञ शिक्षकों / व्यक्तियों और संगठनों से विद्यादान के तहत उच्च गुणवत्ता की सामग्री प्राप्त करने के लिए क्राउडसोर्सिंग टूल के उपयोग पर जोर दिया गया है।
इस अवसर पर मंत्री ने कहा कि विद्यादान देश भर में व्यक्तियों और संगठनों के लिए एक सामान्य राष्ट्रीय कार्यक्रम के रूप में संकल्पित है, जो गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की निरंतरता सुनिश्चित करने के लिए स्कूल और उच्च शिक्षा दोनों के लिए ई-लर्निंग संसाधनों का सहयोग / योगदान देता है। उन्होंने कहा कि देश भर के लाखों बच्चों को कभी भी और कहीं भी सीखने में मदद करने के लिए DIKSHA ऐप पर उपलब्ध सामग्री का उपयोग किया जाएगा।
श्री पोखरियाल ने बताया कि विद्यादान में एक कंटेंट कंट्रीब्यूशन टूल होता है जो किसी भी कक्षा के लिए (कक्षा1 से 12)राज्यों / संघ राज्य क्षेत्रों द्वारा निर्दिष्ट किसी भी विषय के लिए (जैसे, स्पष्टीकरण वीडियो, प्रस्तुतियाँ, योग्यता आधारित आइटम, क्विज़ आदि) रजिस्टर करने और योगदान करने के लिए योगदानकर्ताओं को एक संरचित इंटरफ़ेस प्रदान करता है।
उन्होंने आगे बताया कि शिक्षाविदों, विषय विशेषज्ञों, स्कूलों, कॉलेजों, विश्वविद्यालयों, संस्थानों, सरकारी और गैर-सरकारी संगठनों, व्यक्तियों आदि द्वारा योगदान दिया जा सकता है। श्री पोखरियाल ने बताया कि यह उन सभी के लिए जिनके योगदान को स्वीकृत किया जाएगा और उन्हें दीक्षा ई-लर्निंग सामग्री में शामिल किया जाएगा, गर्व का विषय होगा और राष्ट्रीय पहचान बनाने का अवसर भी। । अंतिमऔर आवश्यक वर्गीकरण के लिए अपलोड करने से पहले सामग्री की अवधि, सामग्री के अनुमोदन, और किसी भी अन्य राज्य / संघ राज्य क्षेत्र / संघ शासित प्रदेशों के उपयोग के लिए विभिन्न राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों के लिए योगदान को आमंत्रित करने के लिए उनका अपना अनूठा वर्गीकरण एवं अलग-अलग राज्यों / संघ शासित प्रदेशों से प्राप्त किए गए किसी भी सामग्री के लेन-देन का प्रावधान है। । मंत्री ने कहा कि विद्यादान कार्यक्रम जल्द ही शिक्षक प्रशिक्षण सामग्री के लिए योगदान आमंत्रित करेगा। वे सभी जिनके योगदान को स्वीकार किया जाता है और शामिल होते हैं
विद्यादान के माध्यम से नामांकन और योगदान की प्रक्रिया के बारे में अधिक जानकारी के लिए, आप https://vdn.diksha.gov.in/ पर जाएं या https://diksha.gov.in/ पर जाएं और विद्यादान पर क्लिक करें।
Bekhabaron Ki Khabar - बेख़बरों की खबर
Bekhabaron Ki Khabar, magazine in Hindi by Radheshyam Chourasiya / Bekhabaron Ki Khabar: Read on mobile & tablets - http://www.readwhere.com/publication/6480/Bekhabaron-ki-khabar
Comments