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20 अप्रैल से शुरू होंगे, मनरेगा के कार्य

उज्जैन 19 अप्रैल। उज्जैन  जिले में  कोरोना वायरस के चलते 3 मई तक लॉकडाउन है, इस दौरान जिले की ग्राम पंचायतों में निवासरत मनरेगा के जॉब कार्डधारी श्रमिकों को गांव में ही रोजगार उपलब्ध करवाने के निर्देश राज्य शासन द्वारा दिए गए  है। वर्तमान समय में गांवों के श्रमिकों को, स्थानीय स्तर पर ही रोजगार एवं पैसे की सख्त जरूरत है, जिसे दृष्टिगत रखते हुए जिला पंचायत उज्जैन की मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रीमती विदिशा मुखर्जी द्वारा जिले की छह जनपदों को निर्देशित करते हुए केंद्र सरकार द्वारा जारी मनरेगा की गाईड लाइन के अनुसार 20 अप्रैल से कार्य प्रारंभ कर, श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध करवाने हेतु निर्देशित किया  है। जिले में मनरेगा योजना अंतर्गत जल संरक्षण/जल संवर्धन के कार्यों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए प्रारंभ किया जाएगा, वर्तमान में उज्जैन जिले में जल संरक्षण एवं जल संवर्धन के कुल 1800 कार्य प्रारंभ किये जाकर ग्रामीण श्रमिकों को, ग्राम पंचायतों में ही  20 अप्रैल से रोजगार उपलब्ध कराया जाये।


श्रीमती मुखर्जी ने समस्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायतों को निर्देश दिए गए हैं कि कार्यस्थल पर प्रत्येक मजदूर को पूर्व से  मास्क प्रदान किए जाये। ज्ञात है कि एनआरएलएम के स्वसहायता समूह की महिलाओं द्वारा मास्क बनाए जाने का कार्य किया जा रहा है। एनआरएलएम द्वारा मास्क तैयार करवाकर जनपद पंचायतों को उपलब्ध कराए जा चुके है। ग्राम पंचायतें यह सुनिश्चित करेंगी कि कार्यस्थल पर  श्रमिकों के पास मास्क हो, वह मेट की उपस्थिति भी रहे, स्वच्छ भारत के अंतर्गत स्वच्छता हितग्राहियों को मेट की  जिम्मेदारी दी जाये एवं  कार्य में नियोजित श्रमिकों से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराते हुए मास्क लगाए जाएं। मेट को मनरेगा के कुशल श्रमिक कि दर से भुगतान किया जाए, जिले में कुल 609 ग्राम पंचायतें हैं जिनमे से उज्जैन नगर पालिका निगम व नगर पालिका नागदा के कंटेन्मेंट एरिया के आसपास लगभग 5 किलोमीटर के दायरे में आने वाली 37 ग्राम पंचायतें जो जनपद पंचायत उज्जैन, घटिया व खाचरोद की हैं, इन ग्राम पंचायतों में कोविड-19  के संक्रमण के अंतर्गत सावधानी को दृष्टिगत रखते हुए,  25 अप्रैल से व शेष 572 ग्राम पंचायतों में 20 अप्रेल से  मनरेगा के कार्य प्रारंभ कराए जाए। कोरोना वायरस के कारण ग्राम पंचायतों में  बाहर से वापस आए मजदूरों द्वारा कार्य की मांग किए जाने पर जॉब कार्ड बनाकर मनरेगा अंBतर्गत कार्य दिए जाएंगे, जिससे स्थानीय स्तर पर ग्राम पंचायतों में रोजगार मूलक गतिविधियों में इजाफा होगा व मजदूरों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा साथ ही मनरेगा के कार्यों से रोजगार के अधिक अवसर प्राप्त होंगे।


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