Skip to main content

आरोग्य कसायम-20 काढ़ा क्वारेंटाईन सेन्टर के व्यक्तियों को पिलाया जायेगा

उज्जैन 29 अप्रैल।  कोविड-19 के रोगियों को क्वारेंटाईन में रखा गया है तथा ऐसे केसेस जो कोरोना के पॉजीटिव हैं, किन्तु स्पर्शोन्मुख हैं, में आयुर्वेद औषधी आरोग्य कसायम-20 का प्रयोग किये जाने से आगामी स्टेज में जाने की संभावना कम हो सकती है। कोरोना पॉजीटिव किन्तु स्पर्शोन्मुख केसेस के भी आगामी स्टेज में जाने की संभावना कम हो सकती है। इस अपेक्षा के साथ आयुष विभाग द्वारा ‘आरोग्य कसायम-20’, गुडुची, शुण्ठी, भूम्यामलकी, मरीच, पिप्पली, यष्ठीमधु (काढ़ा) औषधी द्रव्य शामिल की गई है, जो कि विभिन्न शास्त्रीय सन्दर्भों एवं वैज्ञानिक प्रकाशनों के आधार पर शामिल की गई है। आयुष विभाग के आयुक्त ने इस सम्बन्ध में प्रदेश के उज्जैन, भोपाल एवं इन्दौर के जिला कलेक्टरों को इस सम्बन्ध में आवश्यक दिशा-निर्देश दिये हैं।


आरोग्य कसायम काढ़ा के सम्बन्ध में एक विशेषज्ञ समिति गठित कर उनसे अभिमत प्राप्त किया गया था। प्राथमिक तौर पर उज्जैन, भोपाल एवं इन्दौर के मेडिकल कॉलेजों के क्वारेंटाईन सेन्टर के केसेस में आरोग्य कसायम का उपयोग 10 दिनों तक किया जाना है। इसके लिये पर्याप्त मात्रा में आरोग्य कसायम का क्रय कर तथा औषधियों के वितरण प्रबंधन हेतु विभाग द्वारा स्वास्थ्य विभाग के समन्वय से व्यवस्था की गई है। शासकीय धन्वंतरि आयुर्वेद महाविद्यालय उज्जैन के प्राचार्य डॉ.जागेश चौरसिया (9893169434), शासकीय अष्टांग आयुर्वेद महाविद्यालय इन्दौर के प्राचार्य डॉ. सतीशचन्द्र शर्मा (9425377139) तथा संभागीय आयुष अधिकारी भोपाल डॉ.सुनील कुलश्रेष्ठ (9425012497) व्यवस्था के प्रभारी रहेंगे। उक्त सभी प्रभारी, नोडल अधिकारी, कलेक्टर, डीन, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी से सम्पर्क कर प्रत्येक कोविड सेन्टर के लिये आयुष विभाग से दो व्यक्तियों की ड्यूटी लगायेंगे, जो कि प्रत्येक सेन्टर हेतु स्थापित स्वास्थ्य विभाग की रसोई में उक्त काढ़े को शास्त्रोक्त अनुरूप तैयार कराकर वार्ड प्रभारी को देंगे।


            वार्ड प्रभारी मरीजों को सुबह एवं शाम को उक्त काढ़ा पिलवायेंगे। राज्य स्तर पर समन्वय एवं नियंत्रण कक्ष का कार्य शासकीय आयुर्वेद संस्थान भोपाल के प्राचार्य डॉ.उमेश शुक्ला (9425373046), आयुष विभाग के उप संचालक डॉ.राजीव मिश्रा (9425360283) देखेंगे। नियंत्रण कक्ष से मरीजों से मोबाइल पर आयुष चिकित्सकों द्वारा बात की जायेगी। सम्पूर्ण कार्यक्रम की समुचित मानीटरिंग के लिये आयुष विभाग के अन्तर्गत राज्य स्तर की टास्क फोर्स का गठन किया गया है। यहां यह भी उल्लेखनीय होगा कि केरला सरकार द्वारा कोविड-19 के बचाव एवं रोकथाम हेतु आयुर्वेदिक औषधियों के माध्यम से उपचार की कार्यवाही की गई, जिससे संक्रमण रोकने व मरीजों को उपचार का लाभ मिला है।


Bkk News


Bekhabaron Ki Khabar - बेख़बरों की खबर


Bekhabaron Ki Khabar, magazine in Hindi by Radheshyam Chourasiya / Bekhabaron Ki Khabar: Read on mobile & tablets - http://www.readwhere.com/publication/6480/Bekhabaron-ki-khabar


Comments

मध्यप्रदेश समाचार

देश समाचार

Popular posts from this blog

खाटू नरेश श्री श्याम बाबा की पूरी कहानी | Khatu Shyam ji | Jai Shree Shyam | Veer Barbarik Katha |

संक्षेप में श्री मोरवीनंदन श्री श्याम देव कथा ( स्कंद्पुराणोक्त - श्री वेद व्यास जी द्वारा विरचित) !! !! जय जय मोरवीनंदन, जय श्री श्याम !! !! !! खाटू वाले बाबा, जय श्री श्याम !! 'श्री मोरवीनंदन खाटू श्याम चरित्र'' एवं हम सभी श्याम प्रेमियों ' का कर्तव्य है कि श्री श्याम प्रभु खाटूवाले की सुकीर्ति एवं यश का गायन भावों के माध्यम से सभी श्री श्याम प्रेमियों के लिए करते रहे, एवं श्री मोरवीनंदन बाबा श्याम की वह शास्त्र सम्मत दिव्यकथा एवं चरित्र सभी श्री श्याम प्रेमियों तक पहुंचे, जिसे स्वयं श्री वेद व्यास जी ने स्कन्द पुराण के "माहेश्वर खंड के अंतर्गत द्वितीय उपखंड 'कौमारिक खंड'" में सुविस्तार पूर्वक बहुत ही आलौकिक ढंग से वर्णन किया है... वैसे तो, आज के इस युग में श्री मोरवीनन्दन श्यामधणी श्री खाटूवाले श्याम बाबा का नाम कौन नहीं जानता होगा... आज केवल भारत में ही नहीं अपितु समूचे विश्व के भारतीय परिवार ने श्री श्याम जी के चमत्कारों को अपने जीवन में प्रत्यक्ष रूप से देख लिया हैं.... आज पुरे भारत के सभी शहरों एवं गावों में श्री श्याम जी से सम्बंधित संस्थाओं...

आधे अधूरे - मोहन राकेश : पाठ और समीक्षाएँ | मोहन राकेश और उनका आधे अधूरे : मध्यवर्गीय जीवन के बीच स्त्री पुरुष सम्बन्धों का रूपायन

  आधे अधूरे - मोहन राकेश : पीडीएफ और समीक्षाएँ |  Adhe Adhure - Mohan Rakesh : pdf & Reviews मोहन राकेश और उनका आधे अधूरे - प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा हिन्दी के बहुमुखी प्रतिभा संपन्न नाट्य लेखक और कथाकार मोहन राकेश का जन्म  8 जनवरी 1925 को अमृतसर, पंजाब में  हुआ। उन्होंने  पंजाब विश्वविद्यालय से हिन्दी और अंग्रेज़ी में एम ए उपाधि अर्जित की थी। उनकी नाट्य त्रयी -  आषाढ़ का एक दिन, लहरों के राजहंस और आधे-अधूरे भारतीय नाट्य साहित्य की उपलब्धि के रूप में मान्य हैं।   उनके उपन्यास और  कहानियों में एक निरंतर विकास मिलता है, जिससे वे आधुनिक मनुष्य की नियति के निकट से निकटतर आते गए हैं।  उनकी खूबी यह थी कि वे कथा-शिल्प के महारथी थे और उनकी भाषा में गज़ब का सधाव ही नहीं, एक शास्त्रीय अनुशासन भी है। कहानी से लेकर उपन्यास तक उनकी कथा-भूमि शहरी मध्य वर्ग है। कुछ कहानियों में भारत-विभाजन की पीड़ा बहुत सशक्त रूप में अभिव्यक्त हुई है।  मोहन राकेश की कहानियां नई कहानी को एक अपूर्व देन के रूप में स्वीकार की जाती ...

दुर्गादास राठौड़ : जिण पल दुर्गो जलमियो धन बा मांझल रात - प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा

अमरवीर दुर्गादास राठौड़ : जिण पल दुर्गो जलमियो धन बा मांझल रात। - प्रो शैलेन्द्रकुमार शर्मा माई ऐड़ा पूत जण, जेहड़ा दुरगादास। मार मंडासो थामियो, बिण थम्बा आकास।। आठ पहर चौसठ घड़ी घुड़ले ऊपर वास। सैल अणी हूँ सेंकतो बाटी दुर्गादास।। भारत भूमि के पुण्य प्रतापी वीरों में दुर्गादास राठौड़ (13 अगस्त 1638 – 22 नवम्बर 1718)  के नाम-रूप का स्मरण आते ही अपूर्व रोमांच भर आता है। भारतीय इतिहास का एक ऐसा अमर वीर, जो स्वदेशाभिमान और स्वाधीनता का पर्याय है, जो प्रलोभन और पलायन से परे प्रतिकार और उत्सर्ग को अपने जीवन की सार्थकता मानता है। दुर्गादास राठौड़ सही अर्थों में राष्ट्र परायणता के पूरे इतिहास में अनन्य, अनोखे हैं। इसीलिए लोक कण्ठ पर यह बार बार दोहराया जाता है कि हे माताओ! तुम्हारी कोख से दुर्गादास जैसा पुत्र जन्मे, जिसने अकेले बिना खम्भों के मात्र अपनी पगड़ी की गेंडुरी (बोझ उठाने के लिए सिर पर रखी जाने वाली गोल गद्देदार वस्तु) पर आकाश को अपने सिर पर थाम लिया था। या फिर लोक उस दुर्गादास को याद करता है, जो राजमहलों में नहीं,  वरन् आठों पहर और चौंसठ घड़ी घोड़े पर वास करता है और उस पर ही बैठकर बाट...