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भोपाल, नईदिल्ली, 19 मार्च, 2020 ।मध्यप्रदेश में बहुमत साबित करना होगा। विधानसभा का सत्र कल 20 मार्च 2020 को बुलाया जाएगा। शाम पांच बजे तक कराना होगा फ्लोर टेस्ट, फैसला हाथ उठाकर किया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में यह भी साफ किया कि इस फ्लोर टेस्ट की वीडियोग्राफी की जाएगी। साथ ही कांग्रेस के बागी विधायकों पर विधानसभा में आने का कोई दबाव नहीं होगा। शीर्ष कोर्ट ने कहा कि कर्नाटक और मध्य प्रदेश के पुलिस महानिदेशकों पर बागी विधायकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी होगी। शीर्ष अदालत ने अपने आदेश में कहा कि विधानसभा की कार्यवाही का लाइव प्रसारण किया जाएगा। विधानसभा सत्र का एक मात्र एजेंडा फ्लोर टेस्ट करवाना होगा। सभी अधिकारी ये सुनिश्चित करें कि किसी भी तरह आदेश का उल्लंघन न हो।
सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि यदि बागी विधायकों को सदन में आने में किसी भी तरह का खतरा या डर है तो मध्यप्रदेश और कर्नाटक के डीजीपी उन्हें सुरक्षा प्रदान करवाएं और यह सुनिश्चित करें कि उन्हें किसी भी प्रकार का कोई खतरा न हो। सदन की कार्रवाई की लाइव वीडियो रिर्कार्डिंग कराई जाएगी।
इस पर शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि, यह सरकार अल्पमत में है, अब कल साबित हो जाएगा। हाथ कंगन को आरसी क्या, पढ़े लिखे को फारसी क्या। कल सब साबित हो जाएगा। चौहान ने इसको न्याय की जीत करार दिया है. उन्होंने कहा कि शुक्रवार 20 मार्च 2020 को मध्यप्रदेश विधानसभा में फ्लोर टेस्ट होगा। उन्होंने कहा कि कमलनाथ सरकार को जनता की आहें लग गई हैं। बीजेपी नेता शिवराज सिंह चौहान ने ही सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी और जल्द से जल्द फ्लोर टेस्ट कराने की मांग की थी। सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश की कमल नाथ सरकार केवल बहुमत खो चुकी सरकार नहीं बल्कि दलालों की सरकार है जिसने लोगों को धोखा दिया है। इनकी फ्लोर टेस्ट में हार निश्चित है।
केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि कल दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा। उधर, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि अगर हमारे पास बहुमत होगा, तो हम जरूर पास होंगे। इसके लिए कोशिश की जाएगी। बीजेपी के नेता बाबुल सुप्रीयो ने फैसले पर खुशी जताते हुए कहा कि हमेशा से ही मध्यप्रदेश की जनता बीजेपी की सरकार चाहती थी। इस बात को देखकर दुख होता है कि किस तरह से कमल नाथ मुख्यमंत्री बनने के लिए काम किए।
नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने कहा कि न्याय की जीत हुई है। उनसे कांग्रेस के विधायक नाराज थे। नेता के संबंध में तो पार्टी तय करेगी। उन्होंने कहा कि यदि 16 विधायक बीजेपी में आते है तो उन्हें पूरा सम्मान मिलेगा। उन्होंने कहा कि यह स्वागत योग्य फैसला है और कल अब पूरी तस्वीर साफ हो जाएगी। डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि हमने जो कहा वहीं न्यायालय ने कहा। ये अपने को न्यायालय से ऊपर मानते है। 2 बार राज्यपाल ने कहा उन्होंने नही माना। आप किसी के संवैधानिक मूल्यों की हत्या नही कर सकते। हम शुरू से कह रहे थे कि ये सरकार खुद से गिरेगी।
मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने आदेश का पालन किया जाएगा। उन 16 विधायकों को भी लाया जाना चाहिए। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी ने कहा कि हम इसके लिए हमेशा से तैयार थे। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इस बारे में खुद स्थिति स्पष्ट की थी। यह जरूरी है कि जिन विधायकों को बंधक बनाया गया उन्हें सामने लाया जाए।
यहां बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले मुख्यमंत्री कमलनाथ ने दावा किया था कि हमारी सरकार के पास बहुमत है, लेकिन हम फ्लोर टेस्ट में क्यों जाएं? बीजेपी को लगता है कि हमारी सरकार के पास बहुमत नहीं है, तो शिवराज सिंह चौहान अविश्वास प्रस्ताव लाएं, फिर हम सदन के अंदर बहुमत साबित करके दिखाएंगे। कमलनाथ ने यह भी कहा था कि सुप्रीम कोर्ट का जो भी आदेश होगा उसे हम स्वीकार करेंगे। इधर मंत्री सुखदेव पांसे ने कहा यह तो कल पता चलेगा क्या होगा। हम तैयार हैं।
✍ राधेश्याम चौऋषिया
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