Skip to main content

रेल मंत्री ने रेलवे-कर्मियों का उत्कृट प्रदर्शन एवं निस्वार्थ भाव से कार्य करने पर प्रशंसा की....पश्चिम मध्य रेलवे डीआरएम श्री बोरवणकर ने प्रिय रेल-कर्मियों को दिया मार्मिक सन्देश और कहा कि, "हर एक रेल-कर्मी को इस नावेल कोरोना वायरस पर विजय प्राप्त करने हेतु, सूझ-बूझ के साथ अपना बहुमूल्य योगदान देना है, इसके लिए कमर कस लें।"

पश्चिम मध्य रेल
WEST CENTRAL RAILWAY



मेरे साथी रेल-कर्मियों,


संक्रमण के इस चुनौतीपूर्ण दौर में हम रेल-कर्मियों ने अपनी कर्तव्य-परायणता का जो उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है, उसकी माननीय रेल मंत्री जी ने दिल से प्रशंसा की है और हमें इसी तरह निःस्वार्थ भाव से कार्यरत रहने का आव्हान किया है।


रेल सेवाएं प्रदान करते समय, हम अपने कार्य के दौरान साथी रेल-कर्मियों एवं रेल-उपभोक्ताओं के संपर्क में आते हैं। मेरा आप सब से निवेदन है की आप रोज, अपने खुद की एवं अपने परिवार-जनों की सेहत पर तीक्ष्ण नजर रखें और यदि संक्रमण के लक्षण दिखते हैं तो तत्परता से डॉक्टरी सलाह लें। यदि आप या आपके परिवार का कोई सदस्य हाल में विदेश यात्रा से लौटा है, तो तुरंत अपने निकट के स्वास्थ्य केंद्र अथवा रेलवे चिकित्सालय से संपर्क करें और डॉक्टरी सलाह का अनुपालन करें। हमारे चिकित्सालयों में पर्याप्त इंतज़ाम किये गए हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी किये जा रहे निर्देशों के अनुसार हम सभी के लिए उचित प्रबंध कर रहे हैं। बहुत आवश्यक है की हम अफवाहों और निराधार सुझावों पर ध्यान न दें और शांत चित्त से, सकारात्मक सोच और आत्मविश्वास से कार्य करें।


आने वाले कुछ सप्ताह में हमारी प्रतिकार-शक्ति , संवेदनशीलता और दृढ़-संकल्प की कठोर परीक्षा होने वाली है, क्योंकि नावेल कोरोना वायरस के संक्रमण का अब तीव्र चरण शरू होने की आशंका है। हमें एकजुट रहकर यह सुनिश्चित करना है की हम देशवासियों को निर्बाध रूप से रेल सेवाएं देते रहें और उनके प्रवास को सुरक्षित बनाये रखें। हमें अपने स्टेशनों पर, रेल गाड़ियों में और सभी रेल परिसरों में स्वच्छ और संक्रमण-मुक्त वातावरण बनाये रखना है। वृद्ध नागरिकों, नन्हे बच्चों और गर्भवती महिला यात्रियों का उनके रेल प्रवास के दौरान विशेष ध्यान रखना है।


भारत सरकार के निर्देशानुसार अगले कुछ दिनों में ही हमें व्यापक रूप से जरूरतमंदों के लिए संगरोधन (quarantine) के इंतज़ाम भी करने हैं। इस कार्य में हमें आगे बढ़कर सभी की सुरक्षा हेतु उच्च कोटि की व्यवस्था और सेवा सुनिश्चित करनी होगी। इसके अलावा भी कई व्यवस्थाएं उपस्थित स्थिति-अनुसार तत्परता से करनी होंगी। स्वच्छता एवं स्वास्थ्य की देखभाल हेतु अधिक तीव्रता से कार्य करना होगा।


मुझे पूरा विशवास है कि इस परीक्षा की घडी में हम सब मिलकर, पूरी लगन से रेल यात्रियों अवं देशवासियो के लिए जो भी प्रयास करने हैं, वह सहज-सुलभ ढंग से करेंगे। इस कार्य में हमारे रेल कर्मचारी संगठन भी बढ़-चढ़ कर योगदान दे रहे हैं, जो कि बहुत सराहनीय है। हर एक रेल-कर्मी को इस नावेल कोरोना वायरस पर विजय प्राप्त करने हेतु, सूझ-बूझ के साथ अपना बहुमूल्य योगदान देना है, इसके लिए कमर कस लें।


सेवाओं को सहज, तत्पर एवं उत्कृष्ट बनाने हेतु यदि आप चाहें, तो मुझसे किसी भी समय फोन-सन्देश अथवा ईमेल पर सीधा संपर्क भी कर सकते हैं .


जय हिन्द!


आपका,
उदय बोरवणकर
मंडल रेल प्रबंधक,
पश्चिम मध्य रेल
भोपाल


 




Bekhabaron Ki Khabar - बेख़बरों की खबर


Bkk News


Bekhabaron Ki Khabar, magazine in Hindi by Radheshyam Chourasiya / Bekhabaron Ki Khabar: Read on mobile & tablets - http://www.readwhere.com/publication/6480/Bekhabaron-ki-khabar



Comments

मध्यप्रदेश समाचार

देश समाचार

Popular posts from this blog

आधे अधूरे - मोहन राकेश : पाठ और समीक्षाएँ | मोहन राकेश और उनका आधे अधूरे : मध्यवर्गीय जीवन के बीच स्त्री पुरुष सम्बन्धों का रूपायन

  आधे अधूरे - मोहन राकेश : पीडीएफ और समीक्षाएँ |  Adhe Adhure - Mohan Rakesh : pdf & Reviews मोहन राकेश और उनका आधे अधूरे - प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा हिन्दी के बहुमुखी प्रतिभा संपन्न नाट्य लेखक और कथाकार मोहन राकेश का जन्म  8 जनवरी 1925 को अमृतसर, पंजाब में  हुआ। उन्होंने  पंजाब विश्वविद्यालय से हिन्दी और अंग्रेज़ी में एम ए उपाधि अर्जित की थी। उनकी नाट्य त्रयी -  आषाढ़ का एक दिन, लहरों के राजहंस और आधे-अधूरे भारतीय नाट्य साहित्य की उपलब्धि के रूप में मान्य हैं।   उनके उपन्यास और  कहानियों में एक निरंतर विकास मिलता है, जिससे वे आधुनिक मनुष्य की नियति के निकट से निकटतर आते गए हैं।  उनकी खूबी यह थी कि वे कथा-शिल्प के महारथी थे और उनकी भाषा में गज़ब का सधाव ही नहीं, एक शास्त्रीय अनुशासन भी है। कहानी से लेकर उपन्यास तक उनकी कथा-भूमि शहरी मध्य वर्ग है। कुछ कहानियों में भारत-विभाजन की पीड़ा बहुत सशक्त रूप में अभिव्यक्त हुई है।  मोहन राकेश की कहानियां नई कहानी को एक अपूर्व देन के रूप में स्वीकार की जाती हैं। उनकी कहानियों में आधुनिक जीवन का कोई-न-कोई विशिष्

तृतीय पुण्य स्मरण... सादर प्रणाम ।

https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=1003309866744766&id=395226780886414 Bekhabaron Ki Khabar - बेख़बरों की खबर Bekhabaron Ki Khabar - बेख़बरों की खबर Bkk News Bekhabaron Ki Khabar, magazine in Hindi by Radheshyam Chourasiya / Bekhabaron Ki Khabar: Read on mobile & tablets -  http://www.readwhere.com/publication/6480/Bekhabaron-ki-khabar

खाटू नरेश श्री श्याम बाबा की पूरी कहानी | Khatu Shyam ji | Jai Shree Shyam | Veer Barbarik Katha |

संक्षेप में श्री मोरवीनंदन श्री श्याम देव कथा ( स्कंद्पुराणोक्त - श्री वेद व्यास जी द्वारा विरचित) !! !! जय जय मोरवीनंदन, जय श्री श्याम !! !! !! खाटू वाले बाबा, जय श्री श्याम !! 'श्री मोरवीनंदन खाटू श्याम चरित्र'' एवं हम सभी श्याम प्रेमियों ' का कर्तव्य है कि श्री श्याम प्रभु खाटूवाले की सुकीर्ति एवं यश का गायन भावों के माध्यम से सभी श्री श्याम प्रेमियों के लिए करते रहे, एवं श्री मोरवीनंदन बाबा श्याम की वह शास्त्र सम्मत दिव्यकथा एवं चरित्र सभी श्री श्याम प्रेमियों तक पहुंचे, जिसे स्वयं श्री वेद व्यास जी ने स्कन्द पुराण के "माहेश्वर खंड के अंतर्गत द्वितीय उपखंड 'कौमारिक खंड'" में सुविस्तार पूर्वक बहुत ही आलौकिक ढंग से वर्णन किया है... वैसे तो, आज के इस युग में श्री मोरवीनन्दन श्यामधणी श्री खाटूवाले श्याम बाबा का नाम कौन नहीं जानता होगा... आज केवल भारत में ही नहीं अपितु समूचे विश्व के भारतीय परिवार ने श्री श्याम जी के चमत्कारों को अपने जीवन में प्रत्यक्ष रूप से देख लिया हैं.... आज पुरे भारत के सभी शहरों एवं गावों में श्री श्याम जी से सम्बंधित संस्थाओं