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रविदास जी कहते है कि भक्ति में बड़ी शक्ति होती है बस वह निस्वार्थ भाव से की जाए |


उज्जैन। आगर रोड स्थित सामाजिक न्याय परिसर में आयोजित संत शिरोमणि रविदासजी की कथा के पांचवे दिन विशेष अतिथि के रूप में  राज्य सभा सांसद डॉ सत्यनारायण जटिया ,घट्टिया के विधायक राम लाल मालवीय, पूर्व विधायक राजेन्द्र भारती,उपस्थित थे | समाज के प्रदेश अध्यक्ष राधेश्याम राठौर ने सभी अतिथि का साफा बांध कर स्वागत किया उसके पश्चात अतिथि ने रविदास जी के जीवन मे प्रकाश डालते हुवे समाज को संघटित हो कर समरसता व गुरू शिरोमणि के बताये मार्ग पर हम सभी चले |


उन्होंने बताया कि जाति पाती के भेदभाव के कारण इंसान इंसान से दूर हो रहा है तो कोशिश करे कि जाति नाम की बीमारी को ही मिटा दिया जाए |



हरिद्वार से पधारे संत सागर आनंद जी ने कथा के पांचवे दिन में बताया कि ,कुछ लोगो ने उनको भक्ति सुमरण करने लोगो को जाग्रत करने  पर  उनको कई बार परीक्षा से गुजरना पड़ा |



एक दीन रविदास जी अपनी कुटिया में बैठे भक्तो को घ्यान का अमृत पान करा रहे थे तभी कुछ  बाहरी लोगों ने उनका विरोध किया | तभी वहां राजा का वहा से गुजरना हुवा | राजा ने जानकारी लेना चाही तो पता चला कुछ विद्वान लोग  और रविदास जी मे भक्ति की कुछ बात चल रही है , तभी विद्वानों में से किसी ने कहा कि, अगर रविदास जी सन्त है और इतना विश्वास है भक्ति मे उन्हे तो भगवान की मूर्ति जल में तैरा कर दिखाओ | तभी सभी के सामने गुरदेव सहित सभी ने अपने सालिग्राम नदी में छोड़े लेकिन गुरुदेव के भगवान जो कि जल में डूबने के बजाय तैरने लगे तभी गुरुदेव ने उन्हें कहा कि भक्ति में बड़ी शक्ति होती है बस वह निस्वार्थभाव से की जाए |



आज कथा में जन सैलाब उमड़ चुका था ,कथा में समाज के वरिष्ठजनों में ,नंद राम बेगाना,पूर्व पार्षद बाबू लाल वागेला, राम सिंह गहलोत , वकील साहब अशोक सूर्यवंशी ,भारत परमार, मनोज बघेल, हरिष भारती ,मुकेश पंचोली,भेरूलाल सोलंकी, बाबुलाल सिसोदिया ,राजू चोरडिया,रमेश बामनिया ,विक्रम बगड़िया,रमेश चंगेसिया,आत्माराम  परमार ,मुकेश सोलंकी, गोविंद गहलोत,संजय बेगाना, रतनलाल डाबी ,यह जानकारी मीडिया प्रभारी राम चौहान ने दी |



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