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राजस्व प्रकरण समय-सीमा में निराकृत किये जायें. कलेक्टर ने आरओ बैठक में दिये निर्देश


उज्जैन 29 फरवरी। कलेक्टर श्री शशांक मिश्र ने जिले के सभी अनुविभागीय अधिकारी, तहसीलदार एवं नायब तहसीलदारों को निर्देशित किया है कि वे अविवादित नामांतरण, विवादित नामांतरण, सीमांकन आदि के प्रकरणों का समय-सीमा में निराकरण करें तथा इन्हें रेवेन्यू केस मैनेजमेंट सिस्टम (आरसीएमएस) में अनिवार्य रूप से दर्ज करवायें। कलेक्टर ने दो साल से अधिक समय-सीमा के 35 लम्बित प्रकरण उज्जैन सबडिवीजन में होने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए इन्हें तुरन्त निराकृत करने को कहा है। बैठक में अपर कलेक्टर श्री क्षितिज सिंघल, श्रीमती बिदिशा मुखर्जी, श्री जीएस डाबर, श्री आरपी तिवारी, जिले के सभी एसडीएम, डिप्टी कलेक्टर, तहसीलदार एवं नायब तहसीलदार मौजूद थे।


कलेक्टर ने बैठक में निर्देशित किया है कि सीमांकन के प्रकरण अधिक समय तक लम्बित न रहें, यह सुनिश्चित किया जाये। साथ ही उन्होंने कहा है कि सभी राजस्व अधिकारी अपने-अपने क्षेत्र में विगत पांच वर्ष में हुई किसानों की मृत्यु एवं उनके नामांतरण के प्रकरणों को गूगल शीट पर सूचीबद्ध करते हुए एक सप्ताह में प्रस्तुत करें। बैठक में कलेक्टर ने राजस्व विभाग के सीएम हेल्पलाइन के लम्बित प्रकरणों, टाईम लिमिट के प्रकरणों, भूमि अधिग्रहण के मामले, राहत राशि के वितरण सम्बन्धी प्रकरणों की समीक्षा की। उन्होंने निर्देशित किया है कि पीएम किसान योजना में जिले के ऐसे किसान जिनके बचत खातों के नम्बर एवं आधार कार्ड अपडेट नहीं होने के कारण उन्हें पीएम किसान निधि की राशि नहीं दी जा रही है, का अद्यतीकरण तुरन्त किया जाये।


कलेक्टर ने खसरा, बी-1 एवं भूअधिकार पुस्तिका के वितरण के सम्बन्ध में भी समीक्षा की तथा निर्देशित किया कि ग्रामीण स्तर पर होने वाली विशेष ग्राम सभाओं एवं आपकी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम में किसानों द्वारा इस सम्बन्ध में किसी तरह की शिकायत नहीं होना चाहिये। प्रत्येक राजस्व अधिकारी विभिन्न ग्रामों में जाकर बंटवारा, नामांतरण, भू-अधिकार पुस्तिका के वितरण के सम्बन्ध में स्वयं समीक्षा करें। कलेक्टर ने आरआरसी रिकवरी के प्रकरणों की समीक्षा की तथा 31 मार्च तक वसूली के लक्ष्य प्राप्त करने के निर्देश दिये हैं।



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