Skip to main content

"पुरखों की विरासतों" को पूरी बेशर्मी के साथ बेचने वाली मोदी सरकार की नीति और नीयत पर किया है अप्रत्यक्ष प्रहार : शोभा ओझा

अपने ट्वीट के बहाने शिवराज सिंह ने केंद्र सरकार की कार्यप्रणाली पर बोला है करारा हमला


भोपाल, 29 फरवरी 2020 

मध्यप्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग की अध्यक्षा श्रीमती शोभा ओझा ने आज जारी अपने वक्तव्य में कहा कि प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का वह ट्वीट काबिल-ए-तारीफ़ है, जिसमें उन्होंने सलीके के साथ सच बोलने का साहस करकेंद्र की मोदी सरकार पर अप्रत्यक्ष सांकेतिक हमला बोलते हुए एलआईसी, बीएसएनएल, बीपीसीएल, एयर इंडिया, एयरपोर्ट्स और रेलवे जैसी "पुरखों की गौरवशाली विरासतों" को पूरी बेशर्मी से बेच डालने की नीति का खुला विरोध किया है। शिवराज सिंह इस बात के लिए तो धन्यवाद के पात्र हैं ही, साथ ही उन्होंने यह भी सिद्ध कर दिया है कि पार्टी से पहले देश है और उसको बेचने की निंदनीय हिमाकत को, कोई भी सच्चा राष्ट्रभक्त कभी बर्दाश्त नहीं करेगा।


अपने बयान में उपरोक्त विचार व्यक्त करते हुए श्रीमती ओझा ने आगे कहा कि शिवराज सिंह चौहान ने कवि कुमार विश्वास के विचारों को अपने दिल की बात बताते हुए यह ट्वीट किया है कि "हनक सत्ता की, सच सुनने की आदत बेच देती है, हया को शर्म को, आखिर सियासत बेच देती है, निकम्मेपन की बेशर्मी, अगर आंखों पे चढ़ जाए, तो फिर औलाद,"पुरखों की विरासत" बेच देती है।" उनका यह ट्वीट मोदी सरकार की नीतियों पर बोला गया वह अप्रत्यक्ष हमला है, जिसका साहस उनकी पार्टी में शायद ही कोई और कर पाएगा। शिवराज सिंह इस बात के लिए धन्यवाद के पात्र हैं कि उन्होंने भारत के गौरवशाली सार्वजनिक संस्थानों को बेचने का पुरजोर विरोध करते हुए कह दिया है कि वह मोदी सरकार जिसको सच सुनने की आदत नहीं है, वह पूरे निकम्मेपन और बेशर्मी के साथ "पुरखों की विरासत" को बेच रही है।


अपने बयान में श्रीमती ओझा ने आगे कहा कि आजादी के बाद, पिछले सात दशकों में देश ने अभूतपूर्व प्रगति करते हुए नवरत्न कंपनियों, बड़े-बड़े बांधों, आईआईटी, आईआईएम, एम्स, इसरो, बीएआरसी के साथ ही, कई ऐसे संस्थान खड़े किए, जिनके कारण भारत की गणना विश्व के अग्रणी देशों में होने लगी थी किंतु 2014 के लोकसभा चुनावों में बोले गए ऐतिहासिक झूठ और जुमलों के दम पर केंद्र की सत्ता में आई मोदी सरकार ने नोटबंदी और अव्यावहारिक जीएसटी जैसे तुगलकी फैसलों से इस देश को बर्बादी की कगार पर पहुंचा दिया। पिछले 50 वर्षों की सर्वाधिक बेरोजगारी दर के साथ ही जीडीपी जिस तरह से धराशाई हुई है, उससे भारत की तुलना पाकिस्तान और बांग्लादेश की अर्थव्यवस्थाओं से होने लगी है।


अपनी बयान के अंत में श्रीमती ओझा ने कहा कि शिवराज सिंह का ट्वीट मोदी सरकार की उन गलत नीतियों की पोल खोलती वह कड़वी सच्चाई है, जिनके कारण आज हम अपने इतिहास के सबसे खराब दौर से गुजर रहे हैं। अपने ट्वीट में शिवराज सिंह द्वारा यह दर्शाना कि प्रदेश सरकार महिलाओं के लिए बार खोलने का विचार कर रही है, पूरी तरह से भ्रामक और मिथ्या तथ्य है, इस बात का खंडन मध्यप्रदेश सरकार पहले ही कर चुकी है। लिहाजा ऐसी भ्रामक और मिथ्या बातों से जनता को बरगलाने की बजाय भाजपा और उसकी केंद्र सरकार को चाहिए कि वह पिछले एक वर्ष में कमलनाथ सरकार द्वारा किसानों, महिलाओं, बेरोजगारों और आम उपभोक्ताओं के हित में किए गए अनेकों जनहितैषी कार्यों से सबक लेते हुए, अपने गैर जरूरी कदमों और फैसलों के अलावा कुछ ऐसे विकासवादी, प्रगतिवादी, जनकल्याणकारी कदम भी उठाए, जिससे समूचे देश की जनता सांप्रदायिकता के जहरीले धुएं की घुटन से बाहर निकल कर, राहत की सांस ले सके।


Bekhabaron Ki Khabar - बेख़बरों की खबर


Bkk News


Bekhabaron Ki Khabar, magazine in Hindi by Radheshyam Chourasiya / Bekhabaron Ki Khabar: Read on mobile & tablets - http://www.readwhere.com/publication/6480/Bekhabaron-ki-khabar


Comments

मध्यप्रदेश समाचार

देश समाचार

Popular posts from this blog

आधे अधूरे - मोहन राकेश : पाठ और समीक्षाएँ | मोहन राकेश और उनका आधे अधूरे : मध्यवर्गीय जीवन के बीच स्त्री पुरुष सम्बन्धों का रूपायन

  आधे अधूरे - मोहन राकेश : पीडीएफ और समीक्षाएँ |  Adhe Adhure - Mohan Rakesh : pdf & Reviews मोहन राकेश और उनका आधे अधूरे - प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा हिन्दी के बहुमुखी प्रतिभा संपन्न नाट्य लेखक और कथाकार मोहन राकेश का जन्म  8 जनवरी 1925 को अमृतसर, पंजाब में  हुआ। उन्होंने  पंजाब विश्वविद्यालय से हिन्दी और अंग्रेज़ी में एम ए उपाधि अर्जित की थी। उनकी नाट्य त्रयी -  आषाढ़ का एक दिन, लहरों के राजहंस और आधे-अधूरे भारतीय नाट्य साहित्य की उपलब्धि के रूप में मान्य हैं।   उनके उपन्यास और  कहानियों में एक निरंतर विकास मिलता है, जिससे वे आधुनिक मनुष्य की नियति के निकट से निकटतर आते गए हैं।  उनकी खूबी यह थी कि वे कथा-शिल्प के महारथी थे और उनकी भाषा में गज़ब का सधाव ही नहीं, एक शास्त्रीय अनुशासन भी है। कहानी से लेकर उपन्यास तक उनकी कथा-भूमि शहरी मध्य वर्ग है। कुछ कहानियों में भारत-विभाजन की पीड़ा बहुत सशक्त रूप में अभिव्यक्त हुई है।  मोहन राकेश की कहानियां नई कहानी को एक अपूर्व देन के रूप में स्वीकार की जाती हैं। उनकी कहानियों में आधुनिक जीवन का कोई-न-कोई विशिष्

तृतीय पुण्य स्मरण... सादर प्रणाम ।

https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=1003309866744766&id=395226780886414 Bekhabaron Ki Khabar - बेख़बरों की खबर Bekhabaron Ki Khabar - बेख़बरों की खबर Bkk News Bekhabaron Ki Khabar, magazine in Hindi by Radheshyam Chourasiya / Bekhabaron Ki Khabar: Read on mobile & tablets -  http://www.readwhere.com/publication/6480/Bekhabaron-ki-khabar

खाटू नरेश श्री श्याम बाबा की पूरी कहानी | Khatu Shyam ji | Jai Shree Shyam | Veer Barbarik Katha |

संक्षेप में श्री मोरवीनंदन श्री श्याम देव कथा ( स्कंद्पुराणोक्त - श्री वेद व्यास जी द्वारा विरचित) !! !! जय जय मोरवीनंदन, जय श्री श्याम !! !! !! खाटू वाले बाबा, जय श्री श्याम !! 'श्री मोरवीनंदन खाटू श्याम चरित्र'' एवं हम सभी श्याम प्रेमियों ' का कर्तव्य है कि श्री श्याम प्रभु खाटूवाले की सुकीर्ति एवं यश का गायन भावों के माध्यम से सभी श्री श्याम प्रेमियों के लिए करते रहे, एवं श्री मोरवीनंदन बाबा श्याम की वह शास्त्र सम्मत दिव्यकथा एवं चरित्र सभी श्री श्याम प्रेमियों तक पहुंचे, जिसे स्वयं श्री वेद व्यास जी ने स्कन्द पुराण के "माहेश्वर खंड के अंतर्गत द्वितीय उपखंड 'कौमारिक खंड'" में सुविस्तार पूर्वक बहुत ही आलौकिक ढंग से वर्णन किया है... वैसे तो, आज के इस युग में श्री मोरवीनन्दन श्यामधणी श्री खाटूवाले श्याम बाबा का नाम कौन नहीं जानता होगा... आज केवल भारत में ही नहीं अपितु समूचे विश्व के भारतीय परिवार ने श्री श्याम जी के चमत्कारों को अपने जीवन में प्रत्यक्ष रूप से देख लिया हैं.... आज पुरे भारत के सभी शहरों एवं गावों में श्री श्याम जी से सम्बंधित संस्थाओं