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पिछड़ा वर्ग की सभी जातियाँ को एकसूत्र में बांधना होगा - जी.पी. माली 

 

उज्जैन में आयोजित मध्यप्रदेश कल्याण परिषद (पिकअप) की ओ.बी.सी. चिंतन बैठक सम्पन्न


 

उज्जैन । हम सभी लोग अभी तक अपने-अपने समाज के लिए तो कार्य करते ही हैं उसी तरह अब हमें पिछड़ा वर्ग की लगभग 100 जातियों को एकसूत्र में बांधकर अपने अधिकारों के लिए लडऩा होगा। उक्त बात उज्जैन में आयोजित मध्यप्रदेश कल्याण परिषद (पिकअप) की ओ.बी.सी. चिंतन बैठक की अध्यक्षता कर रहे अतिरिक्त कलेक्टर एवं जनसम्पर्क मंत्री के निज सहायक श्री जी.पी. माली जी ने कही। श्री माली ने कहा कि पिछड़ा वर्ग की सभी 100 जातियों के अपने-अपने धर्मगुरू हैं और हम सभी उनकी जंतियाँ मनाते हैं, लेकिन इससे हमारे धर्मगुरू की पहचान हमारी जाती से नहीं हो पाती थी । जब हम संयुक्त रूप से पिछड़ा वर्ग एकसाथ सभी महापुरूषों एवं धर्मगुरूओं की जयंतियाँ मनाएंगे तो हमारे महापुरूषों को पुरा देश जानेगा। हमारा उद्देश्य पिछड़ा वर्ग को आर्थीक एवं सामाजिक रूप से सुदृढ़ एवं समृद्ध करना है और सरकार द्वारा हम लोगों के लिए जो योजनाएँ क्रियान्वित की जा रही है उनका लाभ पिछड़ा वर्ग की अंतिम पंक्ति तक पहुंचाना है इसलिए हमें जिला एवं तहसील स्तर पर इकाईयाँ गठित करनी होगी और जो लोग समाज के लिए अपना अमूल्य योगदान दे रहे हैं उन्हें हमें आर्थिक योगदान देना होगा क्योंकि जो लोग समाज के लिए पुरा समय नहीं दे सकते हैं वे लोग आर्थिक सहायता के माध्यम से भी समाज में अपना योगदान दे सकते हैं। 

श्री माली ने मुख्य रूप से अप्रैल 2020 में शुरू होने वाली जनगणना में धर्मजाती वाले कॉलम में अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए अलग कॉलम और जोड़ दिया जाए। ओ.बी.सी. के 27 प्रतिशत आरक्षण के लिए प्रदेश सरकार हाईकोर्ट में प्रभावी पक्ष रखे। राजनीतिक व आर्थिक क्षेत्र में ओबीसी की भागीदारी बढ़ाने का प्रयास सरकार द्वारा किया जाना चाहिए। 

 

आरक्षण का लाभ तो लेना चाहते हैं लेकिन लड़ाई लडऩा नहीं चाहते - विभाग पाटील 

पिछड़ा वर्ग कल्याण परिषद की वरिष्ठ उपाध्यक्ष एवं भोपाल नगर निगम की पूर्व महापौर श्रीमती विभा पटेल ने अपने औजस्वी उद्बोधन में कहा कि भोपाल नगर-निगम की महापौर सीट अगर पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित नहीं होती तो मुझे शायद ही महापौर बनने का मौका मिलता। हमें पिछड़ा वर्ग कल्याण परिषद के माध्यम से पिछड़ा वर्ग में शामिल सभी जातियों के हक की लड़ाई लडऩा होगी जबकि देखा यह जाता है कि हक तो सभी लेना चाहते हैं लेकिन लडऩा कोई नहीं चाहता। 

 

एकरूपता लाने के लिए पिछड़ा वर्ग का झंडा होना चाहिये - राजेन्द्र भारती 

सामाजिक ताने-बाने, रीति-रिवाज  से पिछड़ा वर्ग का जो स्वरूप है वह उभरकर नहीं आता है। एकरूपता लाने में कठिनाई होती है इसलिए पिछड़ा वर्ग का एक झंडा-ढंडा होना चाहिए। ढंडे से तात्पर्य विधान है। जब हमारा एक विधान होगा तो सभी पिछड़ा वर्ग की जातियों में समरसता का भाव उत्पन्न होगा और हम सभी एक बेनर तले एकत्रित होकर समाज उत्थान के लिए कार्य कर सकेंगे। उक्त बात गोस्वामी समाज के नेता एवं पूर्व विधायक महंत राजेन्द्र भारती ने कही। 

 

सेनी समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जगदीश सेनी ने कहा कि 27 प्रतिशत आरक्षण को लेकर उच्चन्यायालय में विचाराधीन प्रकरण में ओबीसी की सभी जातियों के नेता इंटरविनर बनकर अपने अधिकारी के लिए न्याय की मांग करें।  

 

संयुक्त पिछड़ा वर्ग के जनजागरण प्रमुख श्री बाहदुरसिंह लोधी ने कहा कि 1935 साइमन कमिशन से लेकर आजतक पिछड़े वर्ग के साथ लगातार छल किया जा रहा है। अब समय हमें अपने अधिकारों के लिए लडऩे का आ गया है। हमें न्यायपालिका में, प्रशासनिक सेवाओं में तथा राजनीति में अपने हक के लिए प्रयास करना नितांत आवश्यक हो गया है। 

 

भाजपा पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के पूर्व अध्यक्ष श्री सुरेन्द्र सांखला ने कहा कि राज्य में पिछड़ा वर्ग के मौलिक अधिकारों को प्राप्त करने के लिए रणनीति बनाई जा रही है। 

 

पिछड़ा वर्ग कल्याण परिषद के लिगल सेल के अध्यक्ष एडवोकेट  रामेश्वरसिंह ठाकुर ने कहा कि मंडल एवं महाजन आयोग की सिफारिशें सरकार को अंतिम रूप में सौंपे जाने के 40 साल बाद भी समाज को इसका एक चौथाई लाभ भी नहीं मिला है। इसके त्वरित क्रियान्वयन के लिए प्रदेश में मुहिम चलाने का संकल्प लिया जाना चाहिए। 

 

चिंतन बैठक में 25 समाज के प्रतिनिधियों ने बैठक में भाग लेकर समाज के बुद्धिजीवी वर्ग ने ओबीसी वर्ग के अंतर्गत आने वाली समाज के सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक उत्थान के लिए सरकारी नीतियों पर विचार-विमर्श किया और चिंतन बैठक की रिपोर्ट शासन-प्रशासन को सौंपे जाने का निर्णय लिया गया। कार्यक्रम का संचालन पिकअप के महासचिव प्रकाश मालवीय ने किया। 

 

उक्त चिंतन बैठक में पिछड़ा वर्ग में पिकअप के पूर्व संभागीय संयोजक लीलाधर आड़तिया, अध्यक्ष समाज राठौड़ समाज के श्री सतीश राठौड़ ,  अशोक राठौड़ गुना वाले, गोधर्नलाल राठौड़, ओबीसी युनाइटेड फ्रंट के अध्यक्ष राजकुमार सिंह ग्वालियर, यश भारती भोपाल, कैलाश माली आगर, भाजपा के पूर्व संभागीय संगठन मंत्री एवं सोंधिया समाज के धीरज सिंह चौहान,  नागदा माली समाज से पूर्व पार्षद सीएल शर्मा, मीणा समाज से बालमुकुन्द मीणा, विश्वकर्मा समाज के प्रदेश अध्यक्ष दिनेश विश्वकर्मा, चौऋषिया समाज के प्रदेश उपाध्यक्ष आजाद चौऋषिया, माली युवक संघ से लखन जागीरदार, धर्मेन्द्र पटेल, नामदेव समाज से अजय नामदेव,  सचिन नामदेव, सोनी समाज से ज्योतिष डॉ. भारती वर्मा, धनगर समाज से डॉ. अंतरसिंह चौधरी, सरपंच यशवंतसिंह धनगर इंदौर, युवा पांचाल समाज के अध्यक्ष विशाल पांचाल, धाकड़ समाज के महासचिव ओमप्रकाश धाकड़, धोबी समाज इंदौर के अध्यक्ष दिनेश चौहान इंदौर, मेघवाल समाज इंदौर के अध्यक्ष अशोक नालिया, यादव समाज इंदौर के अध्यक्ष सदाशिव यादव, ओबीसी मोर्चा के संयोजक हुकुमचंद जादम, कोरी समाज के संयोजक दीपक मलोदिया, बालश्रम परियोजना समनवयक सुरेश माली, नागदा माली समाज से सुरेश माली,  छिपा समाज से परमानंद देशमा, गोपालकृष्ण नामदेव, राय समाज से ओमप्रकाश चौकसे, किरार समाज से अशोक चौधरी, देवव्रत यादव, कुशवाह समाज से लेखराज चंदेरीवाल, बी.एल. कुशवाह, बाबूलाल कुशवाह, पत्रकारकिशोर दगदी,  किशोर भाटी उज्जैन,  युवा मंच सत्संग समिति के प्रमुख गोपाल बागरवाल, पिकअप देवास के संयोजक पीसी हरोड़े, सेन समाज के मनोहर परमार, रामी माली समाज से पूर्व पार्षद गीता रामी, लोकेन्द्र रामी, किशोर भाटी, कृतिका माली, अतिरिक्त शासकीय अधिवक्ता कुलदीप नागर देवास, महेन्द्र रामी, गजानन्द रामी, मालीपुरा के पार्षद प्रतिनिधि श्री सुरेश गेहलोत, बेरागी समाज से रामेश्वर बेरागी आदि शामिल थे। 


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