Skip to main content

कौशल विकास एवं सेवायोजन विभाग द्वारा औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान हल्द्वानी में प्रथम बार कुमांऊ का वृहत रोजगार मेले का आयोजन किया गया


हल्द्वानी 26 फरवरी 2020 (सूचना) - कौशल विकास एवं सेवायोजन विभाग द्वारा औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान हल्द्वानी में प्रथम बार कुमांऊ का वृहत रोजगार मेले का आयोजन किया गया। रोजगार मेले में विभिन्न कम्पनियों में 4251 अधिसूचति रिक्तियों हेतु कुमांऊ के 3.28 लाख युवाओं द्वारा रजिस्ट्रेशन कराया गया। मेले में 32 कम्पनियो (नियोक्ताओं) द्वारा प्रतिभाग कर बेरोजगार युवाओं का इन्टरव्यू लिया।



वृहत रोजगार मेले का मुख्य अतिथि परिवहन एवं समाज कल्याण मंत्री श्री यशपाल आर्या, निदेशक संवायोजन जीवन सिंह नगन्याल द्वारा दीप प्रज्जवलित कर शुभांरभ किया गया। मेले मे मौजूद युवाओं को सम्बोधित करते हुए श्री यशपाल आर्या ने कहा कि युवा देश के भविष्य है युवाओं का कौशल विकास कर रोजगार से जोड़ने हेतु सरकार कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कड़ी प्रतिस्पर्धा का दौर है इसके लिए युवाओं को पहले से ही तैयारी करनी होगी। रोजगार के दरवाजे खुले है मगर कड़ी मेहनत व दृढ़ इच्छाशक्ति की जरूरत है तांकि लक्ष्य को हासिल किया जा सके।



श्री आर्य ने कहा कि रोजगार मेले युवाओं को रोजगार से जोडने का सफल प्रयास है। उन्हांेने वृहत रोजगार मेला लगाने हेतु सेवायोजन विभाग को बधाई देते हुए, नियोजको (कम्पनियों) से स्थानीय युवाओं को उनकी योग्यतानुसार रोजगार देने की अपील की। उन्होंने युवाओं से अनुशासित होकर कड़ी मेहनत करने को कहा। उन्होंने कहा चुनौतियां बहुत है अगर हमें चुनौतियों को स्वीकार करते हुऐ अपने निर्धारित लक्ष्य को पाने लिए दृढ संकल्प होकर कड़ी मेहनत करनी होगी। उन्हांेने कहा कि सरकार युवाओं के कौशल विकास के साथ ही अनुसूचित जाति- जनजाति के छात्र-छात्राओं को निशुल्क कोचिंग भी दे रही है। उन्होंने युवाओं के सफल एवं उज्जवल भविष्य की कामना की।



निदेशक सेवायोजन जीवन सिंह नगन्याल ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि विभाग लगातार युवाओं को रोजगार से जोड़ने हेतु प्रदेश में रोजगार मेलों का आयोजन कर रहा है, इस वर्ष प्रदेश में 61 रोजगार मेलों का आयोजन कर 4 हजार से अधिक युवाओं को उनकी योग्यतानुसार रोजगार से जोड़ा गया है। उन्होने कहा विभाग द्वारा शिक्षण संस्थाओं में जाकर समय-समय पर विद्यार्थियों की कैरियर काउन्सलिग की जा रही है। उन्हांेने कहा कि इस वृहत रोजगार मेले में 52 कम्पनियों सं बात कि गयी जिसमे से 32 कम्पनियो के प्रतिनिधियों द्वारा मेले में प्रतिभाग किया गया।



कार्यक्रम में सेवायोजन अधिकारी नैनीताल नारायण सिंह दरम्वाल,अल्मोड़ा वाईएस रावत, उधमसिंह नगर आरके पंत, बागेश्वर शंकर बोरा, पिथौरागढ भगवती धर्मशतु, प्रधानाचार्य आईटीआई जेएस जलाल, अध्यक्ष हिमालयन चैम्बर आरसी बिन्जौला, महाप्रबन्धक उद्योग विपिन कुमार सहित अनेक गणमान्य मौजूद थे।  


Bekhabaron Ki Khabar - बेख़बरों की खबर


Bekhabaron Ki Khabar, magazine in Hindi by Radheshyam Chourasiya / Bekhabaron Ki Khabar: Read on mobile & tablets - http://www.readwhere.com/publication/6480/Bekhabaron-ki-khabar


Comments

मध्यप्रदेश समाचार

देश समाचार

Popular posts from this blog

खाटू नरेश श्री श्याम बाबा की पूरी कहानी | Khatu Shyam ji | Jai Shree Shyam | Veer Barbarik Katha |

संक्षेप में श्री मोरवीनंदन श्री श्याम देव कथा ( स्कंद्पुराणोक्त - श्री वेद व्यास जी द्वारा विरचित) !! !! जय जय मोरवीनंदन, जय श्री श्याम !! !! !! खाटू वाले बाबा, जय श्री श्याम !! 'श्री मोरवीनंदन खाटू श्याम चरित्र'' एवं हम सभी श्याम प्रेमियों ' का कर्तव्य है कि श्री श्याम प्रभु खाटूवाले की सुकीर्ति एवं यश का गायन भावों के माध्यम से सभी श्री श्याम प्रेमियों के लिए करते रहे, एवं श्री मोरवीनंदन बाबा श्याम की वह शास्त्र सम्मत दिव्यकथा एवं चरित्र सभी श्री श्याम प्रेमियों तक पहुंचे, जिसे स्वयं श्री वेद व्यास जी ने स्कन्द पुराण के "माहेश्वर खंड के अंतर्गत द्वितीय उपखंड 'कौमारिक खंड'" में सुविस्तार पूर्वक बहुत ही आलौकिक ढंग से वर्णन किया है... वैसे तो, आज के इस युग में श्री मोरवीनन्दन श्यामधणी श्री खाटूवाले श्याम बाबा का नाम कौन नहीं जानता होगा... आज केवल भारत में ही नहीं अपितु समूचे विश्व के भारतीय परिवार ने श्री श्याम जी के चमत्कारों को अपने जीवन में प्रत्यक्ष रूप से देख लिया हैं.... आज पुरे भारत के सभी शहरों एवं गावों में श्री श्याम जी से सम्बंधित संस्थाओं...

आधे अधूरे - मोहन राकेश : पाठ और समीक्षाएँ | मोहन राकेश और उनका आधे अधूरे : मध्यवर्गीय जीवन के बीच स्त्री पुरुष सम्बन्धों का रूपायन

  आधे अधूरे - मोहन राकेश : पीडीएफ और समीक्षाएँ |  Adhe Adhure - Mohan Rakesh : pdf & Reviews मोहन राकेश और उनका आधे अधूरे - प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा हिन्दी के बहुमुखी प्रतिभा संपन्न नाट्य लेखक और कथाकार मोहन राकेश का जन्म  8 जनवरी 1925 को अमृतसर, पंजाब में  हुआ। उन्होंने  पंजाब विश्वविद्यालय से हिन्दी और अंग्रेज़ी में एम ए उपाधि अर्जित की थी। उनकी नाट्य त्रयी -  आषाढ़ का एक दिन, लहरों के राजहंस और आधे-अधूरे भारतीय नाट्य साहित्य की उपलब्धि के रूप में मान्य हैं।   उनके उपन्यास और  कहानियों में एक निरंतर विकास मिलता है, जिससे वे आधुनिक मनुष्य की नियति के निकट से निकटतर आते गए हैं।  उनकी खूबी यह थी कि वे कथा-शिल्प के महारथी थे और उनकी भाषा में गज़ब का सधाव ही नहीं, एक शास्त्रीय अनुशासन भी है। कहानी से लेकर उपन्यास तक उनकी कथा-भूमि शहरी मध्य वर्ग है। कुछ कहानियों में भारत-विभाजन की पीड़ा बहुत सशक्त रूप में अभिव्यक्त हुई है।  मोहन राकेश की कहानियां नई कहानी को एक अपूर्व देन के रूप में स्वीकार की जाती ...

दुर्गादास राठौड़ : जिण पल दुर्गो जलमियो धन बा मांझल रात - प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा

अमरवीर दुर्गादास राठौड़ : जिण पल दुर्गो जलमियो धन बा मांझल रात। - प्रो शैलेन्द्रकुमार शर्मा माई ऐड़ा पूत जण, जेहड़ा दुरगादास। मार मंडासो थामियो, बिण थम्बा आकास।। आठ पहर चौसठ घड़ी घुड़ले ऊपर वास। सैल अणी हूँ सेंकतो बाटी दुर्गादास।। भारत भूमि के पुण्य प्रतापी वीरों में दुर्गादास राठौड़ (13 अगस्त 1638 – 22 नवम्बर 1718)  के नाम-रूप का स्मरण आते ही अपूर्व रोमांच भर आता है। भारतीय इतिहास का एक ऐसा अमर वीर, जो स्वदेशाभिमान और स्वाधीनता का पर्याय है, जो प्रलोभन और पलायन से परे प्रतिकार और उत्सर्ग को अपने जीवन की सार्थकता मानता है। दुर्गादास राठौड़ सही अर्थों में राष्ट्र परायणता के पूरे इतिहास में अनन्य, अनोखे हैं। इसीलिए लोक कण्ठ पर यह बार बार दोहराया जाता है कि हे माताओ! तुम्हारी कोख से दुर्गादास जैसा पुत्र जन्मे, जिसने अकेले बिना खम्भों के मात्र अपनी पगड़ी की गेंडुरी (बोझ उठाने के लिए सिर पर रखी जाने वाली गोल गद्देदार वस्तु) पर आकाश को अपने सिर पर थाम लिया था। या फिर लोक उस दुर्गादास को याद करता है, जो राजमहलों में नहीं,  वरन् आठों पहर और चौंसठ घड़ी घोड़े पर वास करता है और उस पर ही बैठकर बाट...