Skip to main content

जिलाधिकारी हरिद्वार श्री सी0 रविशंकर ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा0 सरोज नैथानी तथा स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की उपस्थिति में प्रसव पूर्व लिंग चयन निषेध अधिनियम (पीसीपीएनडीटी) की जिला सलाहकार समिति की बैठक कलेक्ट्रेट सभागार में ली

हरिद्वार। जिलाधिकारी हरिद्वार श्री सी0 रविशंकर ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा0 सरोज नैथानी तथा स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की उपस्थिति में प्रसव पूर्व लिंग चयन निषेध अधिनियम (पीसीपीएनडीटी) की जिला सलाहकार समिति की बैठक कलेक्ट्रेट सभागार में ली।



बैठक में पीसीपीएनडीटी की पूर्व बैठक में दिये गये निर्देशों की समीक्षा की गयी। स्वास्थ्य विभाग की ओर से निजी क्षेत्र के चिकित्सकों तथा रेडियोलोजिस्ट से समन्वय स्थापित कर प्रसव पूर्व लिंग परीक्षण करने पर पीसीपीएनडीटी एक्ट का निषेध न करने के साथ लिंग परीक्षण व परीक्षण उपरान्त कन्या भू्रण हत्या जैसे गम्भीर अपराध नियंत्रित करने तथा पूर्णतः प्रतिबंधित करने के निर्देश दिये। डीएम ने संदेहास्पद सैंटरों और इस प्रकार की गतिविधियों के बाहुल्य वाले क्षेत्रों में निरंतर छापेमारी तथा गुप्तचरों की सहायता से कार्रवाई करते रहने के भी निर्देश दिये।



डाॅ0 सरोज नैथानी ने बताया कि जनपद हरिद्वार के मैक्सवेल हैल्थकेयर, निकट सतीकुण्ड कनखल, वर्धमान मैटरनिटी हाॅस्पिटल सिविल लाईन रूड़की, अल्ट्रासाउंड केन्द्रों द्वारा नवीनीकरण हेतु आवेदनों पर नियमों को पूर्ण करने वाले सैंटरों का समिति की सहमति से टीम द्वारा निरीक्षण कर नवीनीकरण किया गया है।



इसके अतिरिक्त शर्मा इमेजिंग अपोजिट सैनी आश्रम ज्वालापुर हरिद्वार, जया मैक्सवेल, एनएच-58 बहादराबाद बाईपास एतमलपुर बाँगला बहादराबाद, पालना भटनागर नर्सिंग होम रूड़की अल्ट्रासाउंड केन्द्रों द्वारा पंजीकरण के लिए आवेदन किया गया, जिसमें से पालना भटनागर नर्सिंग होम द्वारा अर्हता पूर्ण न कर पाने पर शेष का पंजिकरण किया गया।
सीएमओ ने अवगत कराया कि पीसीपीएनडीटी एक्ट 13 के अंतर्गत केन्द्रों में स्थापित अल्ट्रासाउंड मशीनों में किये गये परिवर्तन को पंजीकरण प्रमाण (फार्म बी) में अंकित कर पुनः जारी किया गया और नयी मशीन स्थापित की गयी।


Bekhabaron Ki Khabar - बेख़बरों की खबर


Bekhabaron Ki Khabar, magazine in Hindi by Radheshyam Chourasiya / Bekhabaron Ki Khabar: Read on mobile & tablets - http://www.readwhere.com/publication/6480/Bekhabaron-ki-khabar


Comments

मध्यप्रदेश समाचार

देश समाचार

Popular posts from this blog

खाटू नरेश श्री श्याम बाबा की पूरी कहानी | Khatu Shyam ji | Jai Shree Shyam | Veer Barbarik Katha |

संक्षेप में श्री मोरवीनंदन श्री श्याम देव कथा ( स्कंद्पुराणोक्त - श्री वेद व्यास जी द्वारा विरचित) !! !! जय जय मोरवीनंदन, जय श्री श्याम !! !! !! खाटू वाले बाबा, जय श्री श्याम !! 'श्री मोरवीनंदन खाटू श्याम चरित्र'' एवं हम सभी श्याम प्रेमियों ' का कर्तव्य है कि श्री श्याम प्रभु खाटूवाले की सुकीर्ति एवं यश का गायन भावों के माध्यम से सभी श्री श्याम प्रेमियों के लिए करते रहे, एवं श्री मोरवीनंदन बाबा श्याम की वह शास्त्र सम्मत दिव्यकथा एवं चरित्र सभी श्री श्याम प्रेमियों तक पहुंचे, जिसे स्वयं श्री वेद व्यास जी ने स्कन्द पुराण के "माहेश्वर खंड के अंतर्गत द्वितीय उपखंड 'कौमारिक खंड'" में सुविस्तार पूर्वक बहुत ही आलौकिक ढंग से वर्णन किया है... वैसे तो, आज के इस युग में श्री मोरवीनन्दन श्यामधणी श्री खाटूवाले श्याम बाबा का नाम कौन नहीं जानता होगा... आज केवल भारत में ही नहीं अपितु समूचे विश्व के भारतीय परिवार ने श्री श्याम जी के चमत्कारों को अपने जीवन में प्रत्यक्ष रूप से देख लिया हैं.... आज पुरे भारत के सभी शहरों एवं गावों में श्री श्याम जी से सम्बंधित संस्थाओं...

आधे अधूरे - मोहन राकेश : पाठ और समीक्षाएँ | मोहन राकेश और उनका आधे अधूरे : मध्यवर्गीय जीवन के बीच स्त्री पुरुष सम्बन्धों का रूपायन

  आधे अधूरे - मोहन राकेश : पीडीएफ और समीक्षाएँ |  Adhe Adhure - Mohan Rakesh : pdf & Reviews मोहन राकेश और उनका आधे अधूरे - प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा हिन्दी के बहुमुखी प्रतिभा संपन्न नाट्य लेखक और कथाकार मोहन राकेश का जन्म  8 जनवरी 1925 को अमृतसर, पंजाब में  हुआ। उन्होंने  पंजाब विश्वविद्यालय से हिन्दी और अंग्रेज़ी में एम ए उपाधि अर्जित की थी। उनकी नाट्य त्रयी -  आषाढ़ का एक दिन, लहरों के राजहंस और आधे-अधूरे भारतीय नाट्य साहित्य की उपलब्धि के रूप में मान्य हैं।   उनके उपन्यास और  कहानियों में एक निरंतर विकास मिलता है, जिससे वे आधुनिक मनुष्य की नियति के निकट से निकटतर आते गए हैं।  उनकी खूबी यह थी कि वे कथा-शिल्प के महारथी थे और उनकी भाषा में गज़ब का सधाव ही नहीं, एक शास्त्रीय अनुशासन भी है। कहानी से लेकर उपन्यास तक उनकी कथा-भूमि शहरी मध्य वर्ग है। कुछ कहानियों में भारत-विभाजन की पीड़ा बहुत सशक्त रूप में अभिव्यक्त हुई है।  मोहन राकेश की कहानियां नई कहानी को एक अपूर्व देन के रूप में स्वीकार की जाती ...

दुर्गादास राठौड़ : जिण पल दुर्गो जलमियो धन बा मांझल रात - प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा

अमरवीर दुर्गादास राठौड़ : जिण पल दुर्गो जलमियो धन बा मांझल रात। - प्रो शैलेन्द्रकुमार शर्मा माई ऐड़ा पूत जण, जेहड़ा दुरगादास। मार मंडासो थामियो, बिण थम्बा आकास।। आठ पहर चौसठ घड़ी घुड़ले ऊपर वास। सैल अणी हूँ सेंकतो बाटी दुर्गादास।। भारत भूमि के पुण्य प्रतापी वीरों में दुर्गादास राठौड़ (13 अगस्त 1638 – 22 नवम्बर 1718)  के नाम-रूप का स्मरण आते ही अपूर्व रोमांच भर आता है। भारतीय इतिहास का एक ऐसा अमर वीर, जो स्वदेशाभिमान और स्वाधीनता का पर्याय है, जो प्रलोभन और पलायन से परे प्रतिकार और उत्सर्ग को अपने जीवन की सार्थकता मानता है। दुर्गादास राठौड़ सही अर्थों में राष्ट्र परायणता के पूरे इतिहास में अनन्य, अनोखे हैं। इसीलिए लोक कण्ठ पर यह बार बार दोहराया जाता है कि हे माताओ! तुम्हारी कोख से दुर्गादास जैसा पुत्र जन्मे, जिसने अकेले बिना खम्भों के मात्र अपनी पगड़ी की गेंडुरी (बोझ उठाने के लिए सिर पर रखी जाने वाली गोल गद्देदार वस्तु) पर आकाश को अपने सिर पर थाम लिया था। या फिर लोक उस दुर्गादास को याद करता है, जो राजमहलों में नहीं,  वरन् आठों पहर और चौंसठ घड़ी घोड़े पर वास करता है और उस पर ही बैठकर बाट...