इंदौर। 20/02/2020 : " बच्चों के लिए लेखन करने वाले बाल साहित्यकारों में बच्चों जैसी सरलता होना आवश्यक है। हमारी उम्र भले ही कितनी भी हो जाए लेकिन हमें अपने भीतर के बच्चे को सदैव जीवित रखना चाहिए।" यह बात 75 वर्षीय बाल साहित्यकार श्री राजा चौरसिया ने अपने सम्मान के प्रत्युत्तर में कही। उन्होंने कहा कि मैं जीवन भर बच्चों के लिए लिखता रहा परंतु पुरस्कारों के लिए की जाने वाली जोड़-तोड़ मुझे आई ही नहीं। मेरी ग्रामीण पृष्ठभूमि मुझे विनम्र तो बनाती है परंतु आधुनिक युग की चाटुकारिता मेरे पास तक नहीं फटक पाती।"
40 वर्षों से निरंतर प्रकाशित हो रही और इंदौर से निकलने वाली बाल पत्रिका देवपुत्र द्वारा प्रदान किया जाने वाला देवपुत्र गौरव सम्मान दिनांक 18 फरवरी 2020 को उमरिया पान कटनी (मध्य प्रदेश) के सुप्रसिद्ध साहित्यकार श्री राजा चौरसिया को प्रदान किया गया। देवपुत्र के द्वारा बाल साहित्य में महत्वपूर्ण अवदान के लिए प्रदान किए जाने वाले इस निजी क्षेत्र के सबसे प्रतिष्ठित सम्मान का यह आठवां समारोह था, जो सायं 5:30 बजे देवपुत्र सभागार संवाद नगर पर संपन्न हुआ। बाल साहित्यकार श्री चौरसिया के सरल व्यक्तित्व का प्रभाव खचाखच भरी श्रोता दीर्घा पर ऐसा पड़ा कि पूरी दीर्घा अपने स्थान पर खड़े होकर उनका मानवंदन करने से अपने आप को नहीं रोक सकी।
समारोह के मुख्य अतिथि केंद्रीय संस्कृति मंत्री श्री प्रहलाद पटेल रहे। इस अवसर पर श्री पटेल ने कहा कि -"बाल साहित्य को लेकर हमारे यहां गंभीरता और जागरूकता की कमी रही है। साहित्य के क्षेत्र में बाल साहित्य उपेक्षित रहा ही है, सरकारी स्तर पर भी इसकी इतनी चिंता नहीं की गई। देवपुत्र के कार्यक्रम में आने के बाद मुझे इस बात का दायित्वबोध हुआ है कि मैं साहित्य अकादमी के नियमित कार्यों के साथ बाल साहित्य को भी प्रोत्साहन देने वाले उपक्रम प्रारंभ करुं। बच्चों को संस्कार देने वाला श्रेष्ठ बाल साहित्य और अधिक मात्रा में प्रकाशित हो और बाल पाठकों तक पहुंचे इसका प्रयास शासन के स्तर पर किया जाएगा।"
श्री पटेल ने इस बात की हार्दिक प्रसन्नता व्यक्त की कि-" ठेठ ग्रामीण पृष्ठभूमि के एक सीधे सरल रचनाकार को मुझे सम्मानित करने का अवसर मिला है। मुझे यह जानकर और आनंद हो रहा है कि देवपुत्र गौरव सम्मान अखिल भारतीय स्तर पर दिए जाने वाला गरिमामय सम्मान है जिसमें शाल श्रीफल अभिनंदन पत्र सहित 35हजार रु. की सम्मान निधि अर्पित की जाती है। आधुनिक संचार माध्यमों से दूर-दूर तक कोई संबंध नहीं रखने वाले श्री राजा चौरसिया साइकिल पर घूम-घूम कर बच्चों को बाल साहित्य वितरित भी करते हैं और स्वयं कविता कहानियां भी सुनाते हैं। सरस्वती बाल कल्याण न्यास ने इस छुपे हुए हीरे को खोजकर समाज पर बड़ा उपकार किया है ।" कार्यक्रम के प्रारंभ में न्यास के अध्यक्ष श्री कृष्ण कुमार अस्थाना ने स्वागत उद्बोधन दिया।
कार्यक्रम का संचालन देवपुत्र के संपादक डॉ विकास दवे ने किया। सरस्वती वंदना श्री गोपाल माहेश्वरी ने प्रस्तुत की। आभार प्रबंध न्यासी श्री राकेश भावसार ने माना ।प्रतीक चिन्ह श्री विनोद गुप्ता और श्री आनंद जैन द्वारा प्रदान किए गए।
Bekhabaron Ki Khabar - बेख़बरों की खबर
Bekhabaron Ki Khabar, magazine in Hindi by Radheshyam Chourasiya / Bekhabaron Ki Khabar: Read on mobile & tablets - http://www.readwhere.com/publication/6480/Bekhabaron-ki-khabar
Comments