Skip to main content

महाराष्ट्रीयन कुणबी पाटिल समाज ने शिवाजी जयंती पर निकाला विशाल पैदल मार्च


भोपाल  कुणबी पाटिल समाज सेवा समिति मध्य प्रदेश द्वारा छत्रपति शिवाजी महाराज की 390 जयंती के अवसर पर पैदल मार्च निकाला यह मार्च विधि विधान से पूजा कर  गैमन इंडिया से शिवाजी चौक तक निकाला गया इस मार्च में कुणबी पाटिल समाज के महिला पुरूष एवं बच्चों ने बड़ी संख्या में भाग लिया जगह-जगह फूल मालाओं से मार्च का स्वागत हुआ ढोल ताशे घोड़े के साथ भगवा ध्वज हाथ में लिए बड़ी संख्या में  लोगों का हुजूम चल रहा था आकर्षक सजी घोड़ों की बग्गी पर  बैठे शिवाजी महाराज का रूप धरे योद्धाओं ने लोगों को आकर्षित किया,यह मार्च का नेतृत्व समाज के युवा सदस्यों ने किया संदीप पाटिल प्रमोद पाटिल सहित युवाओं की बड़ी टीम थी |



संगठन के प्रवक्ता प्रकाश सुरेश पाटील ने वीर शिवाजी पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा  छत्रपति शिवाजी का जन्म 19 फरवरी 1630 में शिवनेरी दुर्ग में हुआ था. उनका पूरा नाम शिवाजी भोंसले था. उनकी माता जीजाबाई तथा पिता शाहजी भोंसले थे. उनका जन्म शिवनेर दुर्ग में हुआ था. शिवाजी कई कलाओं में माहिर थे, उन्होंने बचपन में राजनीति एवं युद्ध की शिक्षा ली थी. 6 जून 1674 को शिवाजी मुगलों को परास्त कर लौटे थे और उनका मराठा शासक के रूप में राज्याभिषेक हुआ था. शिवाजी महाराज का विवाह 14 मई, 1640 में सइबाई निम्बालकर के साथ लाल महल, पुना में हुआ था. उनके पुत्र का नाम संभाजी था. स्वतंत्रता संग्राम में बहुत से लोगों ने शिवाजी के जीवन से प्रेरणा लेकर अपना तन, मन धन न्यौछावर कर दिया था. संगठन के अध्यक्ष सुनील पाटील सचिव समाधान पाटील  महामंत्री महेश पाटिल  कोषाध्यक्ष प्रकाश आधार पाटील सहित कार्यकारिणी के सदस्य रैली में सम्मिलित हुए कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा , विधायक विश्वास सारंग मध्य प्रदेश कांग्रेस के महासचिव संजीव सक्सेना पूर्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता जी थे |



Bekhabaron Ki Khabar - बेख़बरों की खबर


Bekhabaron Ki Khabar, magazine in Hindi by Radheshyam Chourasiya / Bekhabaron Ki Khabar: Read on mobile and tablets - http://www.readwhere.com/publication/6480/Bekhabaron-ki-khabar


 


 


Comments

मध्यप्रदेश समाचार

देश समाचार

Popular posts from this blog

आधे अधूरे - मोहन राकेश : पाठ और समीक्षाएँ | मोहन राकेश और उनका आधे अधूरे : मध्यवर्गीय जीवन के बीच स्त्री पुरुष सम्बन्धों का रूपायन

  आधे अधूरे - मोहन राकेश : पीडीएफ और समीक्षाएँ |  Adhe Adhure - Mohan Rakesh : pdf & Reviews मोहन राकेश और उनका आधे अधूरे - प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा हिन्दी के बहुमुखी प्रतिभा संपन्न नाट्य लेखक और कथाकार मोहन राकेश का जन्म  8 जनवरी 1925 को अमृतसर, पंजाब में  हुआ। उन्होंने  पंजाब विश्वविद्यालय से हिन्दी और अंग्रेज़ी में एम ए उपाधि अर्जित की थी। उनकी नाट्य त्रयी -  आषाढ़ का एक दिन, लहरों के राजहंस और आधे-अधूरे भारतीय नाट्य साहित्य की उपलब्धि के रूप में मान्य हैं।   उनके उपन्यास और  कहानियों में एक निरंतर विकास मिलता है, जिससे वे आधुनिक मनुष्य की नियति के निकट से निकटतर आते गए हैं।  उनकी खूबी यह थी कि वे कथा-शिल्प के महारथी थे और उनकी भाषा में गज़ब का सधाव ही नहीं, एक शास्त्रीय अनुशासन भी है। कहानी से लेकर उपन्यास तक उनकी कथा-भूमि शहरी मध्य वर्ग है। कुछ कहानियों में भारत-विभाजन की पीड़ा बहुत सशक्त रूप में अभिव्यक्त हुई है।  मोहन राकेश की कहानियां नई कहानी को एक अपूर्व देन के रूप में स्वीकार की जाती हैं। उनकी कहानियों में आधुनिक जीवन का कोई-न-कोई विशिष्

तृतीय पुण्य स्मरण... सादर प्रणाम ।

https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=1003309866744766&id=395226780886414 Bekhabaron Ki Khabar - बेख़बरों की खबर Bekhabaron Ki Khabar - बेख़बरों की खबर Bkk News Bekhabaron Ki Khabar, magazine in Hindi by Radheshyam Chourasiya / Bekhabaron Ki Khabar: Read on mobile & tablets -  http://www.readwhere.com/publication/6480/Bekhabaron-ki-khabar

खाटू नरेश श्री श्याम बाबा की पूरी कहानी | Khatu Shyam ji | Jai Shree Shyam | Veer Barbarik Katha |

संक्षेप में श्री मोरवीनंदन श्री श्याम देव कथा ( स्कंद्पुराणोक्त - श्री वेद व्यास जी द्वारा विरचित) !! !! जय जय मोरवीनंदन, जय श्री श्याम !! !! !! खाटू वाले बाबा, जय श्री श्याम !! 'श्री मोरवीनंदन खाटू श्याम चरित्र'' एवं हम सभी श्याम प्रेमियों ' का कर्तव्य है कि श्री श्याम प्रभु खाटूवाले की सुकीर्ति एवं यश का गायन भावों के माध्यम से सभी श्री श्याम प्रेमियों के लिए करते रहे, एवं श्री मोरवीनंदन बाबा श्याम की वह शास्त्र सम्मत दिव्यकथा एवं चरित्र सभी श्री श्याम प्रेमियों तक पहुंचे, जिसे स्वयं श्री वेद व्यास जी ने स्कन्द पुराण के "माहेश्वर खंड के अंतर्गत द्वितीय उपखंड 'कौमारिक खंड'" में सुविस्तार पूर्वक बहुत ही आलौकिक ढंग से वर्णन किया है... वैसे तो, आज के इस युग में श्री मोरवीनन्दन श्यामधणी श्री खाटूवाले श्याम बाबा का नाम कौन नहीं जानता होगा... आज केवल भारत में ही नहीं अपितु समूचे विश्व के भारतीय परिवार ने श्री श्याम जी के चमत्कारों को अपने जीवन में प्रत्यक्ष रूप से देख लिया हैं.... आज पुरे भारत के सभी शहरों एवं गावों में श्री श्याम जी से सम्बंधित संस्थाओं