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धन्वन्तरि आयुर्वेद चिकित्सालय में स्वर्णप्राशन कार्यक्रम 25 जनवरी को आयोजित होगा

उज्जैन। शासकीय धन्वन्तरि आयुर्वेद चिकित्सा महाविद्यालय के प्रधानाचार्य एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. जे.पी. चौरसिया ने बताया कि चिकित्सालय के शिशु एवं बालरोग विभाग के अंतर्गत 25 जनवरी 2024 गुरुवार को जन्म से लेकर 10 वर्ष तक के बच्चों को स्वर्णप्राशन कराया जाएगा। बाल रोग चिकित्सा विशेषज्ञ डॉ. गीता जाटव ने बताया कि शिशु के बुद्धि व बलवर्धन तथा रोग प्रतिरोधक क्षमता बढाने के लिये एवं बार-बार होने वाले संक्रामक रोगों से बचाव के लिए अपने बच्चों का स्वर्णप्राशन अवश्य करावें। प्रत्येक बालक/बालिका का रजिस्ट्रेशन शुल्क रु. 50/- निर्धारित है। आयुर्वेद के ग्रन्थों में बच्चो के स्वास्थ्य संवर्धन के लिये स्वर्णप्राशन का अत्यधिक महत्व बताया गया है। चिकित्सालय अधीक्षक डॉ. ओ.पी. शर्मा तथा आर. एम. ओ. डॉ. हेमन्त मालवीय ने जानकारी दी कि चिकित्सालय के शिशु रोग विभाग में शिशुओं तथा बालक-बालिकाओं को प्रातः 10:00 बजे से स्वर्णप्राशन कराया जायेगा। उक्त जानकारी प्रधानाचार्य डॉ. जे.पी. चौरसिया तथा मीडिया प्रभारी डॉ. प्रकाश जोशी ने दी।

निटर भोपाल विभिन्न देशों की सांस्कृतिक एवं सामाजिक परम्परा को जोड़ने का भी कार्य करता है - प्रो सी सी त्रिपाठी

भोपाल। एनआईटीटीटीआर भोपाल में विदेशी शिक्षकों के लिए आयोजित आईटेक कार्यक्रम एवं आईटीआई ट्रेनिंग ऑफीसर के प्रशिक्षण कार्यक्रम समाप्त हुए।  निटर निदेशक प्रो सी सी त्रिपाठी ने प्रतिभागियों से फीडबैक लेते हुए कहा कि निटर के संसाधन आप लोगों के लिए हमेशा खुले हैं। निटर ट्रेनिंग के साथ-साथ विभिन्न देशों की शैक्षणिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक परम्परा को जोड़ने का भी कार्य करता है। आईटेक कार्यक्रम में विश्व के 6 देशों के 30 प्रतिभागी ने भाग लिया। प्रो सी सी त्रिपाठी ने भूटान का उदहारण देते हुए कहा कि आज जब कार्बन उत्‍सर्जन पर नियंत्रण पूरी दुनिया के लिए एक बड़ी चुनौती बना हुआ है। भूटान कार्बन नेगेटिव देश बन चुका है जो हम सबके लिए प्रेरणा का स्रोत हो सकता है। भूटान के जंगल एक साल में करीब 90 लाख टन कार्बन डाइऑक्साइड अवशोषित करते हैं, जबकि इस देश से हर साल कुल कार्बन उत्सर्जन 40 लाख टन से भी कम होता है।  निटर भोपाल में लगातार एक माह तक विदेशी शिक्षकों के लिए कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं जिनमें समावेशी शिक्षा के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग , नवाचार के साथ महिला उद्यमिता एवं स्टार्टअप्स शामिल हैं।

राम से बड़ा राम का नाम, राम नाम एक शक्तिशाली महामंत्र है, जिसे ले से हर समस्या का समाधान संभव है

विक्रम विश्वविद्यालय के विक्रमेश्वर मंदिर परिसर में हुआ श्रीराम जन्मभूमि प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का जीवंत प्रसारण रामजन्मभूमि और श्रीराम के विग्रह की रंगोली बनाई गई  राज्यों कलाकार विद्यार्थियों द्वारा उज्जैन: विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन में स्थित विक्रमेश्वर महादेव मंदिर परिसर में श्रीराम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का लाइव प्रसारण 22 जनवरी को हुआ, जिसमें बड़ी संख्या में सुधीजन सम्मिलित हुए।  विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन द्वारा माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के मुख्य आतिथ्य में हुए अयोध्या के श्रीराम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का बड़ी स्क्रीन पर लाइव प्रसारण दिनांक 22 जनवरी 2024 सोमवार को प्रातः 11:30 बजे विक्रमेश्वर महादेव मंदिर परिसर, विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन में सफलतापूर्वक किया गया। यह जानकारी देते हुए कुलसचिव डॉक्टर अनिल शर्मा एवं डीएसडब्ल्यू प्रोफेसर सत्येंद्र किशोर मिश्रा ने बताया कि इस अवसर पर विक्रमेश्वर मंदिर परिसर को मंगल प्रतीकों से  सजाया गया है। परिसर में श्री राम जन्मभूमि और श्रीराम के विग्रह की सुंदर रंगोली विक्रम विश्वविद्यालय की ललित कला अध्

आज अंतरराष्ट्रीय स्तर पर श्री राम की गूंज है - श्री शुक्ल

राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना के तत्वावधान में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सन्गोष्टी जिसका विषय सबके राम सब में राम में मुख्य अतिथि के रूप में श्री सुरेश चंद्र शुक्ल शरद आलोक  नॉर्वे ने अपना मंतव्य देते हुए कहा- कि आज संपूर्ण विश्व इस उत्सव को मना रहा है। विशिष्ट अतिथि डॉ .शहाबुद्दीन नियाज मोहम्मद शेख, पुणे ,महाराष्ट्र , कार्यकारी अध्यक्ष नागरी लिपि परिशद् ने कहा श्री राम संपूर्ण भारतीय संस्कृति की चेतना के प्राण तत्व हैं । मुख्य वक्ता डॉ.शैलेंद्र कुमार शर्मा ,हिंदी विभागाध्यक्ष  एवं कुलानुशासक, विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन ने कहा कि हिंदुओं के लिए रामायण वेद के समान है और मुस्लिम के लिए कुरान के समान है । अध्यक्षीय भाषण में श्री बीके शर्मा, अध्यक्ष राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना ने कहा कि- राम शब्द में पूरा जीवन समाया है। श्री हरेराम वाजपेई ने कहा कि- पहले परिवारों में भगवान के नाम पर ही बच्चों के नाम रखे जाते थे। श्रीमती सुवर्णा जाधव राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष, राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना ने कहा- श्रीराम नाम स्मरण से ही मोक्ष की प्राप्ति होती है । डॉ .अनसूया अग्रवाल , राष्ट्रीय संयोजक, छत्तीसगढ़ रा

ब्रह्माकुमारी शिव दर्शन धाम सजा श्री राम के आगमन पर

उज्जैन। अयोध्या में श्री राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के पावन आगमन पर प्रभु श्री राम के स्वागत में 22 जनवरी, 2024 को उज्जैन के ऋषि नगर स्थित प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय सेवा केंद्र के पावन प्रमाण को 151 दीपक जलाकर ,लाइट व फूलों द्वारा सजाया गया। दीपों के माध्यम से लिखा "राम आ गए" और स्वास्तिक भी बनाए गए और साथ ही साथ श्री राम के आगमन पर ब्रह्माकुमारी संस्था द्वारा प्रातः 7:30 बजे ब्रह्माकुमारी एवं अन्य संस्था ने मिलकर प्रभात फेरी भी निकाली।  इस कार्यक्रम में ब्रह्मा कुमारीज में आने वाले सैकड़ो अनुयायियों ने भाग लिया।

श्रीराम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का लाइव प्रसारण 22 जनवरी को प्रातः 11:30 बजे विक्रम विश्वविद्यालय स्थित विक्रमेश्वर महादेव मंदिर परिसर में होगा

रामजन्मभूमि और श्रीराम के विग्रह की रंगोली बनाई जा रही है विक्रमेश्वर मंदिर में उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन द्वारा अयोध्या के श्रीराम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का बड़ी स्क्रीन पर लाइव प्रसारण दिनांक 22 जनवरी 2024 सोमवार को प्रातः 11:30 बजे विक्रमेश्वर महादेव मंदिर परिसर, विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन में किया जाएगा।  यह जानकारी देते हुए कुलसचिव डॉक्टर अनिल शर्मा एवं डीएसडब्ल्यू प्रोफेसर सत्येंद्र किशोर मिश्रा ने बताया कि इस अवसर पर विक्रमेश्वर मंदिर परिसर को मंगल प्रतीकों से  सजाया गया है।  परिसर में श्री राम जन्मभूमि और श्रीराम के विग्रह की सुंदर रंगोली विक्रम विश्वविद्यालय की ललित कला अध्ययनशाला के विद्यार्थियों द्वारा बनाई जा रही है। रविवार को मंदिर परिसर में उपस्थित कलाकार विद्यार्थियों को कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार पांडेय एवं कुलानुशासक  प्रोफेसर शैलेंद्र कुमार शर्मा ने बधाई दी और उन्हें प्रोत्साहित करते हुए कहा कि इस अविस्मरणीय अवसर पर सभी युवा सहभागी बनें।  विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में समस्त सुधीजन, गणमान्य नागरिक, प्रबुद्ध जन, विभाग

बुंदेलखंड को हम सब मिलकर बनायेंगे औद्योगिक हब - मुख्यमंत्री डॉ. यादव

विधायकों से समन्वय कर योजनाएँ तैयार करें कलेक्टर शराब की अवैध बिक्री, जुआं-सट्टा पर सख्ती से कार्रवाई करें सागर संभागीय समीक्षा बैठक में दिये निर्देश भोपाल : शनिवार, जनवरी 20, 2024 । मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बुन्देलखण्ड को औद्योगिक हब के रूप में विकसित करने के लिये जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों को समन्वयपूर्वक कार्य करने की आवश्यकता जताई। उन्होंने कहा कि हम सबके समन्वित प्रयासों से ही बुन्देलखण्ड औद्योगिक हब के रूप में विकसित होगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव सागर संभागीय मुख्यालय में संभागीय समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि औद्योगिक रूप में विकसित करने पर क्षेत्र में अधिक से अधिक रोजगार सृजित होंगे और अधिकतम लोगों को रोजगार के अवसर सुलभ होंगे। उन्होंने पुलिस विभाग के अधिकारियों को अपने-अपने जिलों में शराब की बिक्री और जुएं-सट्टे पर सख्ती से कार्रवाई के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने आज सागर संभाग की कानून एवं व्यवस्था तथा विकास कार्यो की समीक्षा में निर्देशित किया कि सभी कलेक्टर जनप्रतिनिधियों के साथ समन्वय बनाकर अपने-अपने जिले के विकास की कार्य योजना तैयार करें

खेल मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा डॉ. मेहता खेलों इंडिया यूथ गेम्स के लिए अंपायर मनोनीत

उज्जैन।  विश्व के सर्वश्रेष्ठ अंपायरों की सूची में शामिल एवं शीर्षस्थ खेल अलंकरण विक्रम एवं विश्वामित्र अवॉर्ड से सम्मानित डॉ. आशीष मेहता को स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया द्वारा तिरुच्चिरापल्ली में आयोजित खेलों इंडिया यूथ गेम्स के लिए  अंपायर मनोनीत किया गया है। यह जानकारी वाणिज्य अध्ययनशाला के विभागाध्यक्ष डॉ. शैलेंद्र कुमार भारल ने देते हुए बताया कि स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया की अगुवाई में आयोजित खेलों इंडिया यूथ गेम्स के अन्तर्गत मल्लखंब चैंपियनशिप  21 से 23 जनवरी तक आयोजित  की जाएगी। जिसमें विक्रम विश्वविद्यालय, वाणिज्य अध्यनशाला के संकाय सदस्य एवं मल्लखंब के तकनीकी विशेषज्ञ डॉ. आशीष मेहता को स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी है। डॉ.मेहता योग एवं मल्लखंब के क्षेत्र में राष्ट्रीय विजेता रहने के साथ ही उत्कृष्ट प्रशिक्षक भी हैं। इनके द्वारा प्रशिक्षित कई खिलाड़ी राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उम्दा प्रदर्शन कर चुके हैं। डॉ. मेहता की गौरवमई उपलब्धि पर विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार पांडेय, कुलसचिव डॉ अनिल शर्मा, कुलानुशासक डॉ. शैल

श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम के उपलक्ष्य विक्रम विश्वविद्यालय में हुआ विशिष्ट परिसंवाद और विद्यार्थियों की स्पर्धाएं

राम के चरित्र के उदात्त पक्षों और राम राज्य की अवधारणा और वर्तमान विश्व पर विचार व्यक्त किए वक्ताओं ने उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन में अयोध्या में आगामी 22 जनवरी को अयोध्या में श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम के उपलक्ष्य में प्राचीन भारतीय इतिहास, संस्कृति एवं पुरातत्त्व अध्ययनशाला में आज दिनांक 19 जनवरी, 2024 को विक्रम विश्वविद्यालय में विशिष्ट परिसंवाद का आयोजन किया गया।  अध्यक्षता विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन के यशस्वी कुलपति प्रो. अखिलेश कुमार पाण्डेय ने की। मुख्य वक्ता कुलानुशासक प्रो. शैलेन्द्र कुमार शर्मा थे। आयोजन में मुख्य अतिथि श्वेता तोमर, विद्यार्थी कल्याण संकायाध्यक्ष प्रो. एस.के. मिश्रा, विभागाध्यक्ष डॉ. विश्वजीत सिंह परमार आदि ने विचार व्यक्त किए। वक्ताओं ने राम के चरित्र के उदात्त पक्षों के साथ राम राज्य की अवधारणा और समकालीन विश्व पर विचार व्यक्त किए गए। विश्वविद्यालय के समस्त विभागों द्वारा अनेक प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। इसके अन्तर्गत रामराज्य की अवधारणा विषय पर भाषण प्रतियोगिता, पोस्टर प्रतियोगिता एवं स्लोगन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। 

समुचित शिक्षा नीति क्रियान्वयन के लिए विश्वसनीय शैक्षणिक आंकड़ों की आवश्यकता होती है - डॉ. पाजनकर

विक्रम विश्वविद्यालय में हुआ विशिष्ट व्याख्यान उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय की सांख्यिकी अध्ययनशाला में शैक्षणिक सर्वेक्षण विषय पर विशेष व्याख्यान आयोजित किया गया इस विषय पर व्याख्यान राष्ट्रीय शैक्षिक एवं अनुसंधान परिषद,  नई दिल्ली से आए डॉ. विशाल पाजनकर ने दिया डॉ.  पाजनकर ने कहा कि शैक्षणिक नीति के क्रियान्वयन का आधार शैक्षणिक आंकड़े होते हैं और विश्वसनीय आंकड़ों के आधार पर ही शैक्षणिक नीति का निर्माण किया जाता है। शैक्षणिक आंकड़ों के महत्व को बताते हुए उन्होंने एनसीईआरटी द्वारा किए गए सातवें एवं आठवे ऑल इंडिया स्कूल एजुकेशन सर्वे की चर्चा की। उन्होंने एनसीईआरटी द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में होने वाले शोध एवं प्रशिक्षण के क्षेत्र से अवगत कराया। उन्होंने यह भी बताया कि यदि कोई शिक्षा के क्षेत्र में शोध कार्य करना चाहता है तो एनसीईआरटी,  नई दिल्ली में रिसर्च प्रपोजल जमा कर सकते हैं और शिक्षा के क्षेत्र में शोध कार्य करने के लिए फंड भी मिल सकता है। इस कार्यक्रम के सूत्रधार सांख्यिकी अध्ययनशाला के विभाग अध्यक्ष डॉ राजेश टेलर रहे।  आभार डॉ. पुष्पेंद्र घोष ने व्यक्त किया। इस अवसर पर डॉ

सक्रियता से जुड़ कर राष्ट्रीय महत्व के कार्यक्रम के लिए कार्य करें, आयोजन अपने आप सफल हो जायेगा - कुलपति प्रो पांडेय

राष्ट्रीय संगोष्ठी के आयोजन के संबंध में विक्रम विश्वविद्यालय में हुई महत्वपूर्ण बैठक उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन की समीक्षा और चुनौतियों पर चर्चा करने के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के सौजन्य से 2 फरवरी को राष्ट्रीय कांफ्रेंस का आयोजन किया जाएगा। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन की समीक्षा और चुनौतियों पर चर्चा करने के लिए मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश के 270 से अधिक शासकीय, अशासकीय विश्वविद्यालयों के कुलपति जुटेंगे। नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन की समीक्षा और चुनौतियों पर चर्चा करने के लिए विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन के स्वर्ण जयंती सभागृह में देश के विभिन्न भागों के शिक्षाविद 2 फरवरी 2024 को एकत्रित होंगे। विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार पांडेय राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के मध्य क्षेत्र क्रियान्वयन समिति के लीड कॉर्डिनेटर हैं। उनके मार्गदर्शन में यह आयोजन विक्रम विश्वविद्यालय में रखा गया है।  इस संबंध विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार पाण्डेय द्वारा मंगलवार दिनांक 19 जनवरी 2024

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