Skip to main content

Posts

G20 यूनिवर्सिटी कनेक्ट प्रोग्राम का प्रसारण विक्रम विश्वविद्यालय में हुआ

प्राणिकी एवं जैवप्रौद्योगिकी सहित अनेक अध्ययनशालाओं में दिल्ली में आयोजित G20 यूनिवर्सिटी कनेक्ट प्रोग्राम का प्रसारण सम्पन्न  उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन की विभिन्न अध्ययनशालाओं में G20 यूनिवर्सिटी कनेक्ट प्रोग्राम का प्रसारण किया गया। नई दिल्ली में भारत मंडपम में आयोजित कार्यक्रम में विक्रम विश्वविद्यालय के अनेक शिक्षकों और विद्यार्थियों के दल ने भाग लिया। कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार पांडेय ने सभी सहभागी शिक्षकों और विद्यार्थियों को बधाई देते हुए जी-20 में भारत की अध्यक्षता के सफलता और उद्देश्यों को अधिक से अधिक प्रसारित करने की आवश्यकता जताई। विक्रम विश्वविद्यालय में की प्राणिकी और जैव प्रौद्योगिकी अध्ययनशाला, कम्प्यूटर साइंस संस्थान सहित कई विभागों में G20 यूनिवर्सिटी कनेक्ट प्रोग्राम का जीवंत प्रसारण किया गया। विक्रम विश्वविद्यालय की प्राणिकी एवं जैवप्रौद्योगिकी अध्ययनशाला में शिक्षकों और विद्यार्थियों की उपस्थिति में दिनांक 26 सितंबर को दोपहर 2 बजे इस कार्यक्रम का प्रसारण किया गया। कार्यक्रम के आयोजन पर विक्रम विश्वविद्यालय के प्रभारी कुलपति प्रोफेसर शैलेंद्र कुमार शर

वरिष्‍ठों से सीखकर नए सदस्‍य अपने क्षेत्र में ज्‍यादा विकास कर सकते हैं : श्री गौतम

विधानसभा अध्‍यक्ष श्री गौतम ने प्रदान किए संसदीय उत्‍कृष्‍टता सम्‍मान श्री गोपाल भार्गव, श्री तुलसीराम सिलावट एवं सुश्री मीना सिंह मांडवे को उत्‍कृष्‍ट मंत्री सम्‍मान बारहमासी विधानसभा सत्र होती हैं समीतियां : श्री गौतम 🙏 द्वारा, राधेश्याम चौऋषिया, वरिष्ठ पत्रकार 🙏  भोपाल, मंगलवार, 26 सितंबर, 2023। मध्‍यप्रदेश विधानसभा के अध्‍यक्ष श्री गिरीश गौतम ने मंगलवार को विधानसभा के मानसरोवर सभागार में आयोजित कार्यक्रम में संसदीय उत्‍कृष्‍टता सम्‍मान समारोह में मंत्रियों, विधायकों, पत्रकारों, अधिकारियों एवं कर्मचारियों को सम्‍मानित किया। इस अवसर पर सभा समितियों की संयुक्‍त बैठक का आयोजन भी किया गया जिसमें समिति के सभापतियों ने अपने कार्यकाल की प्रस्‍तुति दी। इस अवसर पर सम्‍मानितजनों को बधाई देते हुए अपने उद्बोधन में विधानसभा अध्‍यक्ष श्री गिरीश गौतम ने कहा कि, नए सदस्‍य यदि वरिष्‍ठ विधायकों से मागदर्शन लेकर सीखें तो वे अपने क्षेत्र में ज्‍यादा विकास कर सकते हैं। उन्‍होंने कहा कि, आज हम सभी चुनौतियों से जूझ रहे हैं। खासतौर पर विधायकों के सामने कई चुनोतियाँ होती हैं, उन पर कई नजरें निरन्तर लगी

शून्य को लिपिचिन्ह बनाने वाले थे ऋषि अग्रसेत - डॉ पाल

देवनागरी लिपि भारतीय एकता में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है - डॉ हरि सिंह पाल  नागरी लिपि को राष्ट्रीय लिपि घोषित किया जाना चाहिए - डॉ हरि सिंह पाल भारत के भाषायी  विवाद को सुलझाने एवं सभी भाषाओं को, भारतीयों को सुगम बनाने के लिए समस्त भाषाओं को देवनागरी लिपि लिखने की पहल करनी चाहिए। यह उद्गार आज हिंदी तथा आधुनिक भारतीय भाषा विभाग, लखनऊ विश्वविद्यालय ,लखनऊ में नागरी लिपि परिषद के महासचिव डॉक्टर हरि सिंह पाल ने प्रकट किए।  उन्होंने देवनागरी के विकास का परिचय देते हुए स्पष्ट किया कि देवनागरी लिपि ब्राह्मी लिपि से विकसित हुई है और संविधान की अष्टम सूची में स्वीकृत 22 भाषाओं में से 10 भाषाओं की लिपि देवनागरी है । उन्होंने कहा कि जिन अंको का प्रयोग हम करते हैं वह अंक भारतीय हैं। शून्य का अंक देवनागरी की निजी विशेषता है। इसकी खोज ऋषि अग्रसेत ने की थी। देवनागरी लिपि के विकास में तिलक, महात्मा गांधी, राजर्षि पुरुषोत्तम दास टंडन, काका कालेलकर, विनोबा भावे आदि ने विशेष योगदान दिया। सन 1975 में गठित नागरी लिपि परिषद इस तथ्य के लिए प्रयत्नरत हैं। आवश्यकता इस बात की है कि आज सभी भाषाएं अपनी-अप

मध्यप्रदेश समाचार

देश समाचार