अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के अवसर पर हुई अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी और विद्यार्थियों एवं शोधकर्ताओं के लिए व्याख्यान प्रतियोगिता
मौलिक ढंग से सोचने - विचारने की क्षमता देती है मातृभाषा – डॉ मीरासिंह शिक्षा में समानता और लोक व्यापीकरण के लिए मातृभाषा को माध्यम बनाना आवश्यक – प्रो शर्मा अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के अवसर पर हुई अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी और विद्यार्थियों एवं शोधकर्ताओं के लिए व्याख्यान प्रतियोगिता उज्जैन । विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन एवं बैंक ऑफ बड़ौदा, अंचल कार्यालय, भोपाल के संयुक्त तत्वावधान में अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के अवसर पर दिनांक 21 फरवरी, मंगलवार को दोपहर में अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी एवं व्याख्यान प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी मातृभाषा में शिक्षा और व्यक्तित्व विकास का विकास : चुनौतियां और संभावनाएं विषय पर केंद्रित थी। शोधकर्ताओं और विद्यार्थियों के लिए व्याख्यान स्पर्धा का आयोजन बैंक ऑफ बड़ौदा के सौजन्य से वाग्देवी भवन स्थित हिंदी अध्ययनशाला एवं पत्रकारिता और जनसंचार अध्ययनशाला के संयुक्त तत्त्वावधान में किया गया। इस प्रतियोगिता का विषय था अपनी भाषा में व्यक्तित्व का विकास। संगोष्ठी की मुख्य अतिथि फिलाडेल्फिया, यूएसए की वरिष्ठ शिक्षाविद एवं साहित्यकार ड