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अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के अवसर पर हुई अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी और विद्यार्थियों एवं शोधकर्ताओं के लिए व्याख्यान प्रतियोगिता

मौलिक ढंग से सोचने - विचारने की क्षमता देती है मातृभाषा – डॉ मीरासिंह शिक्षा में समानता और लोक व्यापीकरण के लिए मातृभाषा को माध्यम बनाना आवश्यक – प्रो शर्मा अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के अवसर पर हुई अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी और विद्यार्थियों एवं शोधकर्ताओं के लिए व्याख्यान प्रतियोगिता उज्जैन । विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन एवं बैंक ऑफ बड़ौदा, अंचल कार्यालय, भोपाल के संयुक्त तत्वावधान में अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के अवसर पर दिनांक 21 फरवरी, मंगलवार को दोपहर में अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी एवं व्याख्यान प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी मातृभाषा में शिक्षा और व्यक्तित्व विकास का विकास : चुनौतियां और संभावनाएं विषय पर केंद्रित थी। शोधकर्ताओं और विद्यार्थियों के लिए व्याख्यान स्पर्धा का आयोजन बैंक ऑफ बड़ौदा के सौजन्य से वाग्देवी भवन स्थित हिंदी अध्ययनशाला एवं पत्रकारिता और जनसंचार अध्ययनशाला के संयुक्त तत्त्वावधान में किया गया। इस प्रतियोगिता का विषय था अपनी भाषा में व्यक्तित्व का विकास। संगोष्ठी की मुख्य अतिथि फिलाडेल्फिया, यूएसए की वरिष्ठ शिक्षाविद एवं साहित्यकार ड

विश्वविद्यालय के सत्ताईसवें दीक्षान्त समारोह का आयोजन दिनांक 22 मार्च, चैत्र शुक्ल प्रतिपदा, गुड़ी पड़वा को उज्जैन में

  पात्र अभ्यर्थियों के पंजीयन की अंतिम तिथि दिनांक 15 मार्च 2023 रहेगी  उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन का 27 वाँ दीक्षान्त समारोह चैत्र शुक्ल प्रतिपदा, गुड़ी पड़वा तदनुसार दिनांक 22 मार्च, 2023 को सम्पन्न होगा। विश्वविद्यालय द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार इस समारोह में वर्ष 2022 के पीएच. डी. एवं डी. लिट. उपाधि धारकों (01 जनवरी, 2022 से 31 दिसम्बर, 2022) को उपाधि, तथा वर्ष 2022 की स्नातक परीक्षाओं की प्रावीण्य सूची में प्रथम स्थान प्राप्त अभ्यर्थियों को केवल स्वर्ण पदक प्रदान किए जायेंगे। वर्ष 2022 की स्नातकोत्तर परीक्षाओं की प्रावीण्य सूची में प्रथम स्थान प्राप्त अभ्यर्थियों को उपाधियाँ एवं विश्वविद्यालय द्वारा घोषित स्वर्ण पदक प्रदान किये जायेंगे। यह जानकारी देते हुए विक्रम विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. प्रशांत पुराणिक ने बताया कि सभी पात्र अभ्यर्थियों से अनुरोध किया गया है कि वे दीक्षान्त समारोह में पंजीकृत होकर अपनी उपाधि / पदक प्राप्त करें। विद्यार्थी एम.पी. ऑनलाईन के माध्यम से पंजीयन शुल्क रू. 500/- के साथ पंजीकरण कराएं। पीएच.डी. / डी. लिट उपाधि धारक पंजीयन शुल्क के अतिरि

शिव सत्य, ज्ञान और अनंत रूप हैं और उनके मूल भी – प्रो शर्मा

   साहित्य, कला और संस्कृति में शिव तत्व पर केंद्रित अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी संपन्न  छत्रपति शिवाजी महाराज समारोह पर अन्तरराष्ट्रीय आभासी संगोष्ठी हुई साहित्य एवं संस्कृतिकर्म के लिए सक्रिय प्रतिष्ठित संस्था राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना द्वारा साहित्य, कला और संस्कृति में शिव तत्व पर केंद्रित अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन महाशिवरात्रि पर्व पर किया गया। साथ ही छत्रपति शिवाजी महाराज का जयंती के अवसर पर अन्तरराष्ट्रीय वेब संगोष्ठी आयोजित की गई, जिसका विषय महाराष्ट्र के परमवीर शिवाजी का राष्ट्रीय और सांस्कृतिक  योगदान था। संगोष्ठी के मुख्य अतिथि विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन के अध्यक्ष, कला संकाय एवं कुलानुशासक प्रो. शैलेन्द्रकुमार शर्मा थे। अध्यक्षता शिक्षाविद श्री ब्रजकिशोर शर्मा अध्यक्ष राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना उज्जैन ने की। विशेष अतिथि श्रीमती शैली भागवत इन्दौर, मनीषा पाटील, श्रीमती वंदना गुप्ता, डॉ नीना शर्मा, नाथद्वारा एवं कृष्णा श्रीवास्तव थीं।  संगोष्ठी मुख्य अतिथि विक्रम विश्वविद्यालय के कला संकायाध्यक्ष डॉ. शैलेन्द्रकुमार शर्मा उज्जैन ने कहा कि देवाधिदेव महादेव का लोक और शास्त्रीय

शिक्षा सिर्फ जानकारी देना नहीं, वह तभी सार्थक जब व्यक्ति को वातावरण के अनुकूल ढलना सिखाये - कुलपति प्रो पांडेय

महत्त्वपूर्ण संगोष्ठी में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला कुलपति प्रो पांडेय ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर माता गुजरी महाविद्यालय, जबलपुर द्वारा आयोजित एक दिवसीय महत्त्वपूर्ण संगोष्ठी में मुख्य वक्ता के रूप में आमंत्रित विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन के कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार पांडेय ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति की चुनौती एवं संभावनाएं विषय पर व्याख्यान देते हुए, इसके विभिन्न पहलुओं को स्पष्ट किया। मातागुजरी महाविद्यालय, जबलपुर द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर आयोजित एक दिवसीय संगोष्ठी में मुख्य वक्ता के रूप में आमंत्रित विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार पांडेय ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति की चुनौती एवं संभावनाएं विषय पर विशिष्ट व्याख्यान देते हुए, इसके विभिन्न पहलुओं को समझाया।  अपने व्याख्यान में कुलपति प्रो पांडेय ने कहा कि प्राचीन भारत के समय से ही शिक्षा का उद्देश्य केवल शास्त्रों का ज्ञान देना नहीं था, अपितु व्यक्ति को उचित-अनुचित में भेद करते हुए वातावरण के अनुसार खुद को परिवर्तित करना सीखाने का था। अपनी बात को बढ़ाते हुए उन्होंने कहां कि नई

प्रभारी मंत्री एवं उच्च शिक्षा मंत्री सहित जनप्रतिनिधियों ने विकास यात्रा के दौरान करोड़ों रुपये के कार्यों का लोकार्पण एवं भूमि पूजन किया

उज्जैन 17 फरवरी। वित्त, सांख्यिकी एवं उज्जैन जिले के प्रभारी मंत्री श्री जगदीश देवड़ा, उच्च शिक्षा मंत्री डॉ.मोहन यादव, सांसद श्री अनिल फिरोजिया, विधायक श्री पारस जैन, महापौर श्री मुकेश टटवाल, नगर निगम सभापति श्रीमती कलावती यादव आदि जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में शुक्रवार 17 फरवरी को अलग-अलग स्थानों पर करोड़ों रुपये के निर्माण कार्यों का लोकार्पण एवं भूमि पूजन हुआ। पंचकर्म वेलनेस सेन्टर का शुभारम्भ इस अवसर पर प्रभारी मंत्री श्री जगदीश देवड़ा ने जनता की सेवा के लिये समर्पित आयुर्वेद चिकित्सालय एवं पंचकर्म वेलनेस सेन्टर का शुभारम्भ किया। सेन्टर की प्रशंसा करते हुए कहा कि जनप्रतिनिधियों ने आपसी समन्वय से उक्त संस्था का विस्तारीकरण में अहम भूमिका निभाई है, उन सबको बधाई। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के समक्ष जब-जब जनप्रतिनिधियों ने विकास के मामले में कोई प्रस्ताव दिया, उन प्रस्ताव को सहर्ष स्वीकार किया है, तभी आज इतने सारे विकास कार्य एवं भूमि पूजन हुए हैं। संस्था की प्रगति के साथ-साथ विकास के कामों को हम सब मिलकर कार्य करेंगे। इस अवसर पर उच्च शिक्षा मंत्री डॉ.मोह

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