स्वाधीनता के अमृत महोत्सव के अंतर्गत प्राणिकी एवं जैवप्रौद्योगिकी अध्ययनशाला, विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन में वन्यप्राणियों के महत्त्व एवं उनके संरक्षण विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन वन्यप्राणी सप्ताह के अंतर्गत किया गया, जिसमें देश के विभिन्न भागों से लोगों ने सहभागिता की। विक्रम विश्वविद्यालय द्वारा लगातार किये जा रहे स्वत्रंत्रता का अमृत महोत्सव अभियान के अंतर्गत प्राणिकी एवं जैवप्रौद्योगिकी अध्ययनशाला, विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन द्वारा वन्यप्राणी सप्ताह के तत्वाधान में वन्यप्राणियों का महत्त्व एवं उनका संरक्षण विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमे देश के विभिन्न भागों से लगभग 300 लोगों ने सहभागिता की। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य वन्यप्राणियों की लगातार घटती हुई संख्या को ध्यान में रखते हुए उनके संरक्षण हेतु जान-जाग्रति अभियान एवं छात्रों को वन्यजीवों के महत्त्व तथा उनके संरक्षण की विधियों से अवगत करना था। कार्यक्रम में अध्यक्षीय उद्भोधन देते हुए विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार पांडेय ने कहा की मानव समाज अपनी जीवन श