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विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन का अट्ठाईसवाँ दीक्षांत समारोह चैत्र शुक्ल प्रतिपदा - गुड़ीपड़वा पर्व 9 अप्रैल को होगा

5 अप्रैल तक ऑनलाइन पंजीयन करवा सकेंगे समारोह में सम्मिलित होने की पात्रता रखने वाले दीक्षार्थी, अब तक 160 से अधिक  विद्यार्थियों ने करवाया पंजीयन 

कुलपति प्रो पांडेय ने किया दीक्षांत समारोह की तैयारियों का निरीक्षण, 8 अप्रैल को दो बार दीक्षांत समारोह का पूर्वाभ्यास किया जाएगा

पारम्परिक परिधान में सम्मिलित होंगे अतिथि और सहभागी जन 

उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन में अट्ठाईसवाँ दीक्षांत समारोह 9 अप्रैल, चैत्र शुक्ल प्रतिपदा- गुड़ी पड़वा के पावन पर्व पर आयोजित होने जा रहा है। दीक्षांत समारोह के गरिमामय आयोजन को लेकर तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। इस सम्बंध में कुलपति प्रो अखिलेश कुमार पांडेय ने मंगलवार दोपहर बाद दीक्षांत समारोह स्थल  पर तैयारियों का निरीक्षण किया और विभिन्न समितियों के सदस्यों को आवश्यक दिशानिर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान कुलसचिव डॉ अनिल कुमार शर्मा, कुलानुशासक प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा, डीएसडब्ल्यू प्रो सत्येंद्र किशोर मिश्रा, डॉ डी डी बेदिया, प्रो जगदीश चंद्र शर्मा, प्रो सन्दीप तिवारी, डॉ गणपत अहिरवार आदि सहित अनेक शिक्षक, अधिकारी एवं रंगोली कलाकार उपस्थित थे। इस वर्ष आयोजन स्थल ललित कला अध्ययनशाला के विद्यार्थी कलाकारों द्वारा बृहद् रंगोली के माध्यम से महर्षि सांदीपनि के आश्रम में अध्ययनरत श्रीकृष्ण - सुदामा का चित्रण किया जाएगा। 

विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन के अट्ठाईसवें दीक्षान्त समारोह का आयोजन मध्यप्रदेश के महामहिम राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्री मंगुभाई पटेल की अध्यक्षता में चैत्र शुक्ल प्रतिपदा, गुड़ी पड़वा, दिनांक 9 अप्रैल 2024 को प्रातः 11:00 बजे विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन परिसर स्थित स्वर्ण जयंती सभागार में होगा। दीक्षांत समारोह में वर्ष 2023 के पीएच डी उपाधि धारकों को डिग्री और 2023 की स्नातक परीक्षाओं की प्रावीण्य सूची में प्रथम स्थान प्राप्त विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक प्रदान किए जाएंगे। वर्ष 2023 की स्नातकोत्तर परीक्षाओं की प्रावीण्य सूची में प्रथम स्थान प्राप्त  विद्यार्थियों को उपाधियां और स्वर्ण पदक प्रदान किए जाएंगे। विक्रम विश्वविद्यालय में आयोजित अट्ठाईसवें दीक्षांत समारोह में सम्मिलित होने के लिए पात्र विद्यार्थियों के लिए पंजीयन की तिथि 5 अप्रैल 2024 तक रखी गई है। समारोह में सम्मिलित होने की अर्हता रखने विद्यार्थियों की सूची विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर उपलब्ध कराई गई है, उसके आधार पर विद्यार्थी एमपी ऑनलाइन के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं। अब तक 160 से अधिक विद्यार्थियों ने पंजीयन करवाया है। 

इस समारोह में सभी अतिथि, सुधीजन और दीक्षार्थी पारम्परिक परिधान में सम्मिलित होंगे, जिसका विवरण विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर अपलोड किया गया है। दीक्षांत समारोह में प्रतिभागी विद्याार्थियों से निर्धारित पारंपरिक वेशभूषा में उपस्थित होने का अनुरोध किया गया है। इसके अंतर्गत छात्राओं हेतु ऑफ व्हाईट या क्रीम रंग की साड़ी अथवा सलवार सूट तथा छात्रों हेतु ऑफ व्हाईट या क्रीम रंग का कुर्ता - पायजामा निर्धारित किया गया है। इसके अतिरिक्त समस्त विद्याार्थियों को पीली पगड़ी, गोल्डन ब्राउन जैकेट, डी. लिट, पीएच. डी. विद्यार्थियों को क्रीम रंग का उत्तरीय, स्नातकोत्तर विद्यार्थियों को लेमन यलो रंग का उत्तरीय तथा स्नातक विद्यार्थियों को ऑरेंज रंग का उत्तरीय धारण करना होगा। दीक्षांत समारोह में परिधान के लिये खादी या अन्य हथकरघा कपड़े का उपयोग करने का अनुरोध विश्वविद्यालय प्रशासन ने किया है।

दीक्षान्त समारोह के अवसर पर  उपाधि एवं गोल्ड मेडल प्राप्त करने वाले पात्र विद्यार्थियों की संख्या कुल 251 हैं, इनमें पीएच.डी. उपाधि प्राप्तकर्ता विद्यार्थियों की संख्या  128, स्नातक एवं स्नातकोत्तर गोल्ड मेडल प्राप्तकर्ता विद्यार्थियों की संख्या 123 है। दीक्षांत समारोह का पूर्वाभ्यास एक दिन पहले 8 अप्रैल को दो बार प्रातः काल 10 बजे एवं दोपहर 3:30 बजे किया जाएगा।

विक्रम विश्वविद्यालय के कुलानुशासक प्रोफेसर शैलेंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि दीक्षांत समारोह के सफल आयोजन के लिए विभिन्न समितियों का गठन किया गया है, जो इस कार्य को सफलतापूर्वक संचालित करेंगी। विश्वविद्यालय प्रशासन ने अधिकाधिक अर्हता प्राप्त दीक्षार्थियों से दीक्षांत समारोह में सम्मिलित होने के लिए पंजीयन करवाने का अनुरोध किया है।

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