शारीरिक शिक्षा एवं खेल विभाग में व्यक्तित्व विकास एवं खेलों में स्वामी विवेकानंद के विचारों की प्रासंगिकता विषय पर विशिष्ट व्याख्यान हुआ
उज्जैन। सोमवार को शारीरिक शिक्षा एवं खेल विभाग में व्यक्तित्व विकास एवं खेलों में स्वामी विवेकानंद के विचारों की प्रासंगिकता विषय पर विशिष्ट व्याख्यान का आयोजन किया गया। अध्यक्षता विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन के माननीय कुलपति जी प्रो. अखिलेश कुमार पाण्डेय ने की। मुख्य अतिथि सांख्यिकी अध्ययनशाला एवं कृषि अध्ययनशाला के विभागाध्यक्ष प्रो राजेश टेलर रहे।
मुख्य वक्ता राष्ट्र गौरव सम्मान और राष्ट्रराज से सम्मानित शास. माधव महाविद्यालय के सेवानिवृत्त प्रो. हरिसिंह कुशवाह रहे। कुलपति प्रो, अखिलेश कुमार पाण्डेय, प्रो.राजेश टेलर एवं निदेशक एवं विभागाध्यक्ष डॉ वीरेन्द्र चावरे द्वारा मुख्य वक्ता प्रो. हरिसिंह कुशवाह का शाल, श्रीफल से सम्मान किया गया।
मुख्य वक्ता डॉ हरिसिंह कुशवाह ने स्वामी विवेकानंद के विचारों को व्यक्त करते हुए कहा कि यह दुनिया एक व्यायामशाला है। यहां हम अपने आप को मजबूत बनाने के लिए आये हैं। ज्ञान और शारीरिक बल से बड़ी कोई सम्पत्ति नही है। शरीर स्वस्थ होगा तो व्यक्ति दुनिया का हर कार्य पूर्ण कर सकता है। जो वस्तु तुम्हें शारीरिक, मानसिक या चारित्रिक तौर पर कमजोर बनाए वह आपके लिए जहर है। आपकी समस्या का हल सिर्फ आप ही ढूँढ सकते हैं। अच्छा दिखना और अच्छा बोलना सफलता के लिए आवश्यक है। ज्ञान बाटने से बढ़ता है। जब हम अपना ज्ञान औरों के साथ बांटते हैं तो वह बढ़ता है। निःस्वार्थ रूप से जब आप अपना ज्ञान बांटते हो तो वह सफलता से परिपूर्ण होता है।
इस अवसर विभाग के विभिन्न शिक्षक अभिषेक शर्मा, प्रवेश यादव, दिनेश चौधरी, एवं बडी संख्या मे विद्यार्थी उपस्थित रहे। संचालन निदेशक एंव विभागाध्यक्ष डॉ वीरेन्द्र चावरे द्वारा किया गया। आभार अभिषेक शर्मा द्वारा व्यक्त किया गया।
Comments