भोपाल। एनआईटीटीटीआर भोपाल में विश्व हिंदी दिवस के अवसर पर भारतीय अनुवाद उपकरण विषय पर कार्यशाला का आयोजन हुआ। निदेशक प्रोफेसर सी. सी. त्रिपाठी ने अपने सन्देश में कहा कि हिंदी भाषा को वैश्विक स्तर पर बढ़ावा देने के अलावा विश्व के कई सारे देशों में बसे भारतीयों को एक सूत्र में बांधने के लिए विश्व हिंदी दिवस मनाया जाता है। इस कार्यशाला के उद्घाटन अवसर पर डीन अकादमिक एवं रिसर्च प्रो. संजय अग्रवाल ने कहा कि भारत द्वारा डेवेलप ऐआई जनरेटिव ट्रांसलेशन टूल्स के माध्यम से क्षेत्रिय भाषाओँ में उपलब्ध कंटेंट को हर कोई अपनी शिक्षा एवं शोध के लिए उपयोग में ला रहा है। भारत के ऐआई ट्रांसलेशन टूल्स भाषा के आधार पर बंटे हुए लोगों को आपस में जोड़ने का काम कर रहे हैं।
डीन एवं हेड प्रो. पी. के. पुरोहित ने बताया कि विश्व हिंदी दिवस को हर साल एक थीम के साथ सेलिब्रेट किया जाता है। वर्ष 2024 में हिंदी दिवस की थीम है "हिंदी- पारंपरिक ज्ञान और कृत्रिम बुद्धिमत्ता को जोड़ना"। थीम के तहत ही ऐआई टूल्स से सम्बंधित अनुवाद उपकरण पर कार्यशाला आयोजित की जा रही है। श्रीमती शोभा लेखवानी ने सभी प्रतिभागियों का कार्यशाला में स्वागत किया। इस कार्यशाला के विषय विशेषज्ञ श्री संजय त्रिपाठी ने भारत में डेवेलप ऐआई जनरेटिव ट्रांसलेशन टूल्स के बारे में विस्तार से बताया तथा कंप्यूटर लैब में सभी प्रतिभागियों ने ट्रांसलेशन टूल्स का उपयोग करना सीखा। इस कार्यशाला में 30 प्रतिभागियों ने भाग लिया एवं सभी ने इस ज्ञानवर्धक कार्यशाला को सराहा।
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