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पंडित जवाहरलाल नेहरू व्यवसाय प्रबंध संस्थान, विक्रम विश्वविद्यालय एवं आइक्यूएसी के संयुक्त तत्वावधान में राष्ट्र पुरोधा स्वामी विवेकानंद जी की 161 वी जयंती समारोह पूर्वक संपन्न

स्वामी विवेकानंद जी के कालजयी सहज राष्ट्रमन्त्र ही मानव मन मस्तिष्क को विकसित भारत @ 2047 में स्वस्थ रखेगे - स्वामी प्रदीप्तानन्द जी 

पंडित जवाहरलाल नेहरू व्यवसाय प्रबंध संस्थान, विक्रम विश्वविद्यालय एवं आइक्यूएसी के संयुक्त तत्वावधान में राष्ट्र पुरोधा स्वामी विवेकानंद जी की 161 वी जयंती समारोह पूर्वक संपन्न

पंडित जवाहरलाल नेहरू व्यवसाय प्रबंध संस्थान (जेएनआईबीएम), विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन में राष्ट्रीय युवा दिवस के उपलक्ष्य में विशिष्ट व्याख्यान संपन्न 

उज्जैन। पंडित जवाहरलाल नेहरू व्यवसाय प्रबंध संस्थान (एमबीए डिपार्टमेंट), भारत अध्ययन केंद्र एवं आई क्यू ए सी के संयुक्त तत्वाधान में स्वामी विवेकानंद की 161वीं जयंती पर युवा दिवस का कार्यक्रम आयोजित किया गया। संस्थान सभागार में शुक्रवार, 12 जनवरी, 2024 को परिसंवाद एवं  विशिष्ट व्याख्यान का रोचक आयोजन हुआ।

कालजयी राष्ट्रमन्त्र सहज ही मानव मन मस्तिष्क को उल्लसित ऊर्जस्वित करते हैं। उक्त व्याख्यान सभा में स्वामी श्री प्रदीप्तानंद, सचिव, रामकृष्णमिशन उज्जैन ने युवाओं के आदर्श के रूप में स्थापित  स्वामी विवेकानन्द जी से सम्बन्धित वास्तविक जीवन की लघु प्रेरणा दायक कथाओं को उद्धृत  करते हुए कहा कि एक आदर्श पत्नी व माँ के रूप में माँ सीता का समूचा जीवन संघर्ष में बीता, किन्तु उन्होंने सारी पीड़ा सहर्ष सहन की और हर परिस्थिति में पति की अर्धांगिनी होने का कर्तव्य पूरी निष्ठा से निभाया। जब आप उनके  चरित्र का गहनता से अध्ययन करेंगे तो आपको साफ़ पता चल जाएगा कि भारत का नारी आदर्श पश्चिम के आदर्श से कितना भिन्न है। 

प्रभारी कुलपति एवं कुलानुशासक प्रो डा .शैलेन्द्रकुमार शर्मा ने विवेकानंद जी की सूक्ष्म अमर उपस्थिति को गहनता से रेखांकित करते हुए उनके अतुलनीय चरित्र से युवा पीढ़ी को सीख लेने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि वे अपनी इंद्रियों के पूर्ण स्वामी और अद्भुत रूप से अत्यधिक बुद्धिमान एवं व्यक्तित्व विकास के संदर्भों से प्रेरणा पाथेय हैं। 

प्रबंध अध्ययन मंडल अध्यक्ष प्रो, दीपक गुप्ता ने कहा कि यह खास दिन हर वर्ष 12 जनवरी को महान विचारक स्वामी विवेकानंद के महत्व को बताने के लिए मनाया जाता है। साथ ही आज की युवा पीढ़ी यदि स्वयं में विश्वास करना और अधिक विस्तार से विश्वास करना सीखे। क्योंकि उन्हें ही 2047के विकसित भारत की निरंतर चुनौतियों को स्वीकार करना होगा। विक्रम विवि के पूर्व प्रतिभाशाली छात्र, सम्प्रति वाणिज्य विभाग रा.गांधी केंद्रीय वि.वि. अरुणाचल प्रदेश के युवा संकाय सदस्य डा. व्ही. के. यादव ने अपने विस्तृत रोचक व्याख्यान में उदाहरणों के माध्यम से स्पष्ट किया कि स्वामी विवेकानंद समाज सुधारक और समाज सेवक होने के साथ ही आध्यात्मिक गुरु भी थे। जिन्होंने देश-दुनिया को कर्म का धर्म व अध्यात्म का पाठ पढ़ाया। उनके द्वारा दिए संदेश और उनके विचार युवाओं के लिए प्रेरणा स्त्रोत हैं।  

इस अवसर पर आईक्यूएसी- पं.ज.ने.व्य.प्रबंध सं.वि.वि. द्वारा  विद्यार्थियो के लिए आयोजित विशेष निशुल्क दृष्टि परीक्षण पंजीयन हेतु पधारे सूत्रधार श्री प्रकाश राठौर ने कहा कि विवेकानन्दजी ने अनवरत कर्म करने का जो संदेश दिया है, उसे अपनाने पर ही जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में सफलता निश्चित हैं।इस जीवंत और खूबसुरती से संजोए हुए युवाओं के लिए आयोजित परिसंवाद एवम विशिष्ट व्याख्यान सत्र का संचालन प्रो डा धर्मेंद्र मेहता निदेशक पंडित जवाहरलाल नेहरु व्यवसाय प्रबंध संस्थान ने करते हुए अपने विचारों में स्वामी विवेकानंद जी जीवन वृत्त  सहित उपस्थित अथितिद्वय का परिचय प्रस्तुत किया। राष्ट्रीय युवा दिवस की  प्रासंगिकता के साथ कार्यक्रम  प्रस्तावना,आयोजन रूपरेखा आईक्यूएसी निदेशक प्रो. डा. डी. डी. बेदिया ने प्रस्तुत करते हुए सभी उपस्थितो के प्रति हार्दिक आभार भी प्रकट किया। 

इस अवसर पर स्वामी जी द्वारा विवेकानंद समृद्ध सकारात्मक लोकप्रिय साहित्यिक सर्जनाओ/कृतियों, का निशुल्क वितरण भी किया गया। संस्थान की छात्राओं की विवि कुलगान की सरस प्रस्तुति, स्वामी विवेकानंद जी के सुरम्य चित्र के पुष्पार्चन धूपदीप प्रज्वलन के साथ आरंभ हुए इस अत्यंत गरिमामय कार्यक्रम में डा नयनतारा डामोर संकाय सदस्य  एवम श्री राकेश खोती वरिष्ठ तकनीकी अधिकारी ने स्वामीजी, प्रो शैलेंद्र कुमार शर्मा जी, विवि एलुमनी अतिथि डा.यादव का पुष्प मालाओं पुष्प गुच्छों से आत्मीय स्वागत सम्मान किया। श्री गोविंद तोमर, दिनेश सिंघार ओम यादव सहित अन्य संकायों के विद्यार्थीगण भी  उपस्थित रहे।

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