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विकसित भारत @2047 अभियान : भारतीय विश्वविद्यालय भी डिजिटल चुनौतियों से निपटने में पूर्णतः सक्षम - डॉ. सहाय

पंडित जवाहरलाल नेहरू व्यवसाय प्रबंध संस्थान (जेएनआईबीएम), विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन के तत्वावधान में महत्वपूर्ण कार्यशाला एवं परिसंवाद संपन्न

उज्जैन। विकसित भारत@2047 अभियान में भारतीय विश्वविद्यालय भी  डिजिटल चुनौतियों से निपटने में पूर्णतया सक्षम है। उक्त उद्गार डा मीनाक्षी सहाय, ज्वाइंट रजिस्ट्रार दिल्ली यूनिवर्सिटी ने विक्रम विश्वविद्यालय में आयोजित विशिष्ट कार्यशाला एवं परिसंवाद में अपने विशिष्ट वक्तव्य में व्यक्त किए। उन्होंने प्रवेश प्रक्रिया से लेकर परीक्षा, मूल्यांकन, परिणामों एवम दीक्षांत समारोह तक की बारीकियों को परिलक्षित करते हुए कई प्रासंगिक चुनौतियों का उल्लेख किया। 


इस अवसर पर दूसरे विशिष्ट अतिथि वक्तव्य में डॉ. अखिलेश झा, सहायक कुलसचिव, दिल्ली  विश्वविद्यालय ने अपने विचार रखते हुए कार्य संस्कृति एवं  विश्वविद्यालयों की भौगोलिक विषमताओं को रेखांकित करते हुए उनके समक्ष उपस्थित आर्थिक, सामाजिक, प्रबंधकीय तथा प्रतिस्पर्धी निजी क्षेत्र की यूनिवर्सिटीज की समानांतर प्रशासनिक जटिल संरचनाओं की व्याख्या प्रस्तुत की। 

प्रभारी कुलपति प्रो. डॉ. शैलेन्द्र कुमार शर्मा ने कार्यशाला में अपने विचार रखते हुए भविष्य के भारतीय विश्वविद्यालयों की प्रशासनिक कार्यशैली, अध्यादेशों, नियमों में समय के साथ समरूपता एवं उनके ऐतिहासिक महत्व की चर्चा की। उन्होंने कहा कि, अपनी-अपनी कैम्पस विशिष्टताओं एवं नई शिक्षा नीति के समन्वय से विश्वविद्यालय समाज निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दे सकते है। उन्होंने कई सुसंगत उदाहरणों सहित विकसित भारत की संकल्पना पर व्याख्या प्रस्तुत की।

कार्यशाला के समन्वयक, सूत्रधार प्रो. डॉ. धर्मेन्द्र मेहता, निदेशक, पंडित जवाहरलाल नेहरू व्यवसाय प्रबंध संस्थान (जेएनआईबीएम) के तत्वावधान में आयोजित कार्यशाला के उद्देश्यों एवं स्वरूप की जानकारी प्रस्तुत की गई तथा प्रतिभागियों का विस्तृत परिचय प्रस्तुत किया गया। 

प्रभारी कुलसचिव डॉ. डी. के. बग्गा ने दोनों अतिथि वक्ताओं का विश्वविद्यालय परिसर में स्वागत करते हुए अतिथि परिचय प्रस्तुत किया। उन्होंने आशा व्यक्त की कि, 2047 के पूर्व ही विश्वविद्यालय सेवा व्यवस्थाएं / प्रणालियां अत्यन्त सुदृढ़ त्रुटि रहित पद्धतियों से स्वचालित होने लगेगी।

इस अवसर पर प्रश्नोत्तरी सत्र में परीक्षा नियंत्रक प्रो डॉ. एम.एल. जैन, सहायक कुलसचिव गण डॉ. गौरीशंकर बरार, श्री सी.आर. पंवार, श्री वीरेन्द्र उचवारे, श्री अजीत बुखारिया, श्री राजू यादव, श्री सुभाष चौहान, श्री रिमझा जी, श्री गोपाल चौहान, श्रीमती सरस्वती चौहान एवं अन्य कर्मचारीगण भी उपस्थित थे। कार्यशाला के अंत में विक्रम विश्वविद्यालय परिवार की ओर से स्मृति चिन्ह प्रभारी कुलपति प्रो शैलेन्द्रकुमार शर्मा, प्रो धर्मेंद्र मेहता, डॉ बी. के. बग्गा, विक्रम यूनिवर्सिटी के सिस्टम एनालिस्ट, (एसोईटी), डॉ. विष्णु सक्सेना एवं श्रीमती सरस्वती चौहान कार्या. अधीक्षक द्वारा अतिथि द्वय को भेंट किए गए। कार्यशाला में उपस्थित प्रतिभागियों के प्रति आभार श्री विपुल मईवाल की ओर से व्यक्त किया गया।







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