विक्रम विश्वविद्यालय के आईक्यूएसी प्रकोष्ठ द्वारा महत्त्वपूर्ण बैठक सम्पन्न
उज्जैन : विक्रम विश्वविद्यालय के आई क्यू ए सी प्रकोष्ठ द्वारा एक महत्त्वपूर्ण बैठक का आयोजन विश्वविद्यालय के मुख्य प्रशासनिक भवन में किया गया। बैठक में नैक की पूर्व वरिष्ठ सलाहकार डॉ रमा कोंडापल्ली, बैंगलुरु ने सम्बोधित किया। अध्यक्षता प्रभारी कुलपति प्रो एच पी सिंह ने की।
नैक की पूर्व वरिष्ठ सलाहकार डॉ रमा कोंडापल्ली, बैंगलुरु ने कहा कि नैक द्वारा मूल्यांकन के लिए जरूरी है कि विश्वविद्यालय द्वारा की गई विविध गतिविधियों और उपलब्धियों का प्रमाणन हो।नैक मूल्यांकन के लिए विश्वविद्यालय द्वारा समग्र प्रयास जरूरी है। सभी जानकारियों का डेटा कलेक्शन आवश्यक है। शिक्षक - विद्यार्थियों का अनुपात समुचित होना चाहिए। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ शिक्षकों द्वारा स्तरीय शोध पत्रों का प्रकाशन होना जरूरी है। उन्होंने विश्वविद्यालय की विस्तृत प्रोफ़ाइल, बेंचमार्क वेल्यू, तनावमुक्त वातावरण आदि पर बल दिया।
प्रभारी कुलपति प्रो एच पी सिंह ने कहा कि नैक के माध्यम से मूल्यांकन के लिए विश्वविद्यालय के सभी पक्षों की ओर से व्यापक तौर पर तैयारी की जा रही है।
कुलसचिव डॉ प्रशांत पुराणिक ने कहा कि विश्वविद्यालय ने जल संरक्षण, नवीन पाठ्यक्रमों के संचालन, पाठ्यक्रमों का अद्यतनीकरण, अक्षय विकास, विभिन्न सरकारी एवं गैर सरकारी संस्थाओं से सहायता, कोविड जागरूकता, ग्रामीण क्षेत्रों में सेवाकार्य आदि अनेक क्षेत्रों में महत्त्वपूर्ण उपलब्धियाँ अर्जित की हैं। हमें विश्वास है कि इनका लाभ नैक द्वारा विश्वविद्यालय के मूल्यांकन में मिलेगा।
स्वागत भाषण आई क्यू ए सी के निदेशक प्रो पी के वर्मा ने दिया। उन्होंने विश्वविद्यालय की प्रगति का ब्यौरा दिया।
नैक की समन्वयक प्रो उमा शर्मा ने नैक की तैयारियों की जानकारी दी।
आयोजन की मुख्य अतिथि प्रो कोंडापल्ली को स्मृति चिह्न प्रभारी कुलपति प्रो सिंह, कुलसचिव डॉ पुराणिक, प्रो पी के वर्मा आदि ने अर्पित किया।
इस अवसर पर कुलानुशासक प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा, प्रो देवेंद्रमोहन कुमावत, डॉ संदीप तिवारी, डॉ बी के आंजना, डॉ राजेश टेलर, डॉ कमलेश दशोरा, डॉ सलिल सिंह, डॉ कमल बुनकर, श्री राजीव पाहवा, डॉ गणपत अहिरवार आदि उपस्थित थे।
खुले सत्र में नैक के विभिन्न सदस्यों की जिज्ञासाओं का समाधान प्रो कोंडापल्ली ने किया।
अतिथि परिचय डॉ तमन्ना नरसिंघानी, इंदौर ने दिया।
संचालन आई क्यू ए सी के निदेशक प्रो पी के वर्मा ने किया। आभार प्रदर्शन डॉ सोनल सिंह ने किया।
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