प्रो शर्मा अंतरराष्ट्रीय प्रेमचंद आलोचना सम्मान से सम्मानित ; साहित्यालोचना के क्षेत्र में विशिष्ट अवदान के लिए प्रो शर्मा को नार्वे से अर्पित हुआ प्रथम प्रेमचंद आलोचना अंतरराष्ट्रीय सम्मान
प्रो शर्मा अंतरराष्ट्रीय प्रेमचंद आलोचना सम्मान से सम्मानित
साहित्यालोचना के क्षेत्र में विशिष्ट अवदान के लिए प्रो शर्मा को नार्वे से अर्पित हुआ प्रथम प्रेमचंद आलोचना अंतरराष्ट्रीय सम्मान
विशिष्ट अतिथि ओस्लो के पूर्व टाउन मेयर थूरस्ताइन विंगेर, ओस्लो, नार्वे में भारतीय दूतावास में प्रथम सचिव श्री इंद्रजीत सिंह, डॉ दिनेश चंद्र अवस्थी, लखनऊ, प्रोफेसर मोहनकांत गौतम, नीदरलैंड, प्रो अवनीश कुमार, प्रो रिपुसूदन सिंह, लखनऊ, डॉ दीपक पांडेय, नई दिल्ली आदि थे। पुरस्कार अलंकरण समारोह डिजिटल प्लेटफॉर्म पर आयोजित किया गया, जिसका यू ट्यूब पर जीवंत प्रसारण किया गया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री राजेंद्र कुमार तिवारी, लखनऊ ने सम्मानित साहित्यकारों को बधाई देते हुए कहा कि कोरोना संकट के कारण हम लोग भौतिक रूप में नहीं मिल पा रहे हैं, किंतु भविष्य में अवश्य एक दूसरे से मिलेंगे। मुंशी प्रेमचंद भारत के महानतम कथाकार थे। उनके उपन्यास और कहानियां गहरा प्रभाव डालते हैं। प्रेमचंद सामान्य मनुष्य की अनुभूतियों के चितेरे हैं।
पंच परमेश्वर जैसी कहानियों के माध्यम से उन्होंने न्याय और मैत्री को महत्व दिया है। उनके संदेश आज भी प्रासंगिक हैं। नॉर्वे के साथ भारत के गहरे सांस्कृतिक संबंध हैं।
फोरम के माध्यम से श्री सुरेश चंद्र शुक्ल विभिन्न देशों, संस्कृतियों और भाषाओं को जोड़ने का अनुपम कार्य कर रहे हैं। मैं नॉर्वे से प्रेमचंद अंतरराष्ट्रीय साहित्य अवार्ड से सम्मानित साहित्यकारों को बधाई देता हूं।
कार्यक्रम में दुनिया के अनेक देशों के साहित्यकार एवं संस्कृति कर्मी मौजूद थे। कार्यक्रम के सूत्रधार फोरम के अध्यक्ष श्री सुरेश चंद्र शुक्ल शरद आलोक, ओस्लो, नॉर्वे थे।
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