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कुलपति प्रो अखिलेश कुमार पांडेय को नई शिक्षा नीति का उत्कृष्ट पुरस्कार

  उज्जैन : मध्यप्रदेश में नई शिक्षा नीति का सर्वप्रथम क्रियान्वयन करने पर जबलपुर में आयोजित राष्ट्रीय सेमिनार में विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन के कुलपति प्रो अखिलेश कुमार पांडेय को नई शिक्षा नीति में उत्कृष्ट पुरस्कार से सम्मानित किया गया। एनवायरनमेंट एवं सोशल वेलफेयर सोसाइटी, खजुराहो एवं प्राणीशास्त्र एवं जैवप्रौद्योगिकी विभाग, शासकीय विज्ञान स्नातकोत्तर महाविद्यालय, जबलपुर के संयुक्त तत्वाधान में आयोजन दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन जबलपुर में किया गया। इस अवसर पर मध्य प्रदेश में नई शिक्षा नीति के सर्वप्रथम क्रियान्वयन के लिए विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो अखिलेश कुमार पांडेय को नई शिक्षानीति में उत्कृष्ट पुरस्कार से सम्मानित किया गया। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो अखिलेश कुमार पांडेय की प्रशासनिक कार्यकुशलता से आज विश्वविद्यालय नई शिक्षा का क्रियान्वयन करने वाला प्रदेश का पहला विश्वविद्यालय है। इस उपलब्धि के लिए विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ प्रशांत पुराणिक एवं कुलानुशासक प्रो शैलेन्द्र कुमार शर्मा ने कुलपति प्रो पांडेय के प्रति आभार व्यक्त करते हुए उन्हें हार्दिक

विक्रम विश्वविद्यालय में 18 अक्टूबर को अवकाश रहेगा।

उज्जैन : विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन के कुलानुशासक, प्रो शैलेन्द्रकुमार शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि, कुलसचिव आदेशानुसार विश्वविद्यालय में 30 अगस्त 2021 जन्माष्टमी पर्व पर विश्वविद्यालय कार्य से शासकीय अवकाश को स्थगित किये जाने पर उसके स्थान पर दिनांक 18 अक्टूबर 2021 को विश्वविद्यालय में अवकाश रहेगा। उन्होंने यह भी बताया कि, 18 अक्टूबर को पूर्व में प्रस्तावित शेक्षणिक एवं प्रशासनिक कार्य यथावत सम्पन्न होंगे।

विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन द्वारा पीजी डिप्लोमा इन योगा परीक्षा के परिणाम घोषित

उज्जैन : विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन के कुलानुशासक प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा ने बताया कि, विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन द्वारा पीजी डिप्लोमा इन योगा परीक्षा के परिणाम घोषित हुए हैं, जिसे विद्यार्थी विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर जाकर देख सकते हैं... 

नवरात्रि में देवी मां का नौवां रूप : मां सिद्धिदात्री, जानें देवी मां का स्वरूप, पूजा विधि, मंत्र, भोग व मिलने वाला आशीर्वाद

सिद्धिदात्री सिद्धगन्धर्वयक्षाद्यैरसुरैरमरैरपि। सेव्यामाना सदा भूयात सिद्धिदा सिद्धिदायिनी।। मां दुर्गा की नौवीं शक्ति को सिद्धिदात्री कहते हैं। जैसा कि नाम से प्रकट है ये सभी प्रकार की सिद्धियों को प्रदान करने वाली हैं। नव दुर्गाओं में मां सिद्धिदात्री अंतिम हैं। इनकी उपासना के बाद भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं। देवी के लिए बनाए नैवेद्य की थाली में भोग का सामान रखकर प्रार्थना करनी चाहिए। नवरात्रि में देवी मां का नौवां (नवमी) रूप :  मां सिद्धिदात्री... मां का स्वरूप :  मां सिद्धिदात्री कमल के फूल पर विराजमान हैं और उनकी चार भुजाएँ हैं। मां सिद्धिदात्री की सवारी सिंह हैं। देवी ने सिद्धिदात्री का यह रूप भक्तों पर अनुकम्पा बरसाने के लिए धारण किया है। देवता, ऋषि-मुनि, असुर, नाग, मनुष्य सभी मां के भक्त हैं। मां की पूजा विधि :   सबसे पहले मां सिद्धिदात्री के समक्ष दीपक जलाएं। अब मां को लाल रंग के नौ फूल अर्पित करें। कमल का फूल हो तो बेहतर है। इन फूलों को लाल रंग के वस्त्र में लपेटकर रखना चाहिए। इसके बाद माता को नौ तरह के खाद्य पदार्थ चढ़ाएं। अपने आसपास के लोगों में प्र

शोध नैतिकता एंड इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट पर हुआ मंथन

  उज्जैन : इंटरनल क्वालिटी एश्योरेंस सेल विक्रम विश्वविद्यालय द्वारा एलुमनी वेब लेक्चर सीरीज का आयोजन किया गया, जिसमें रिसर्च एथिक्स एंड इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट पर चर्चा की गई। कार्यक्रम की संयोजिका प्रोफेसर उमा शर्मा रिसर्च सेल इन विक्रम विश्वविद्यालय द्वारा स्वागत भाषण किया गया, पश्चात प्रोफेसर एच पी सिंह (सांख्यिकी अध्ययनशाला) ने रिसर्च एथिक्स और आईपीआर के बारे में अनेक जानकारी प्रदान की l कार्यक्रम के अध्यक्ष माननीय प्रोफेसर अखिलेश कुमार पांडेय कुलपति, विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन ने वैदिक संस्कृति की अनेक तकनीकियों के प्रयोग तथा बासमती चावल और हल्दी के पेटेंट पर जानकारी देते हुए रिसर्च एथिक्स के बारे में जानकारी प्रदान की। सह संरक्षक प्रोफेसर प्रमोद कुमार वर्मा डायरेक्टर ऑफ आइक्यूएसी विक्रम विश्वविद्यालय ने इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स तथा रिसर्च एथिक्स के बारे अनेक महत्वपूर्ण जानकारी साझा की l उक्त वेबीनार में मौलाना आजाद नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी भोपाल की डॉ विनीता महिंद्रा ने कंसेप्ट एंड ओवरव्यू ऑफ आईपीआर - नो योर राइट पर अपना महत्वपूर्ण व्याख्यान दिया l दूस

प्राणिकी एवं जैव प्रौद्योगिकी अध्ययनशाला विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन में विशिष्ट व्याख्यान का आयोजन

उज्जैन: आज़ादी के अमृत महोत्सव कार्यक्रम के अंतर्गत दिनांक 13 अक्टूबर 2021 को विशिष्ट व्याख्यान का आयोजन प्राणिकी एवं जैव प्रौद्योगिकी अध्ययनशाला विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन में किया गया। अध्यक्षीय उद्बोधन में प्रोफेसर अखिलेश कुमार पांडेय, कुलपति विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन ने एपिजेनेटिक मॉडिफिकेशन तथा आर्गेनिक फार्मिंग के क्षेत्र में अनुसन्धान की संभावनाएं एवं उपयोगिता विषय पर छात्रों को भविष्य की संभावनाएं तलाशने पर ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रेरित किया। विशिष्ट व्याख्यान की प्रथम वक्ता के रूप में डॉ वाणी मिश्रा, वैज्ञानिक, नैनोटेक्नोलाजी सेंटर इलाहाबाद विश्वविद्यालय प्रयागराज (उत्तर प्रदेश) ने रेगुलेटरी रोल ऑफ़ मॉलिक्यूलर मार्कर्स थ्रू एपिजेनेटिक मॉडिफिकेशन विषय पर व्याख्यान दिया। कार्यक्रम में दूसरे विषय विशेषज्ञ डॉ रोहित कुमार मिश्रा, एसोसिएट प्रोफेसर, सेंटर ऑफ़ साइंस एंड टेक्नोलॉजी इलाहाबाद विश्वविद्यालय प्रयागराज (उत्तर प्रदेश) बायोइनोकुलंत द कांसेप्ट ऑफ़ मॉर्डर्न हेरिटेज फॉर आर्गेनिक फार्मिंग विषय पर अपना व्याख्यान दिया। कार्यक्

नवरात्रि में देवी मां का आठवां रूप : मां महागौरी, दुर्गा महाअष्टमी, जानें देवी मां का स्वरूप, पूजा विधि, मंत्र, भोग व मिलने वाला आशीर्वाद

  महागौरी श्वेते वृषे समरूढ़ा श्वेताम्बरधरा शुचिः। महागौरी शुभं दद्यान्महादेवप्रमोददा।। मां दुर्गा के आठवें स्वरूप का नाम महागौरी है। दुर्गा पूजा के आठवें दिन महागौरी की उपासना का विधान है। इनकी शक्ति अमोघ और फलदायिनी है। इनकी उपासना से भक्तों के सभी कलुष धुल जाते हैं। नवरात्रि में देवी मां का आठवां (अष्टमी) रूप : मां महागौरी, दुर्गा महा अष्टमी... मां का स्वरूप :   मां की वर्ण पूर्णत: गौरवर्ण है। इनके गौरता की उपमा शंख, चन्द्र और कुन्द के फूल से दी जाती है। आठ वर्षीय महागौरी के समस्त वस्त्र तथा आभूषण आदि भी श्वेत हैं। इनकी चार भुजाएं है तथा वाहन वृषभ (बैल) है। मां की मुद्रा अत्यन्त शांत है और ये अपने हाथों में डमरू, त्रिशूल धारण किए वर मुद्रा और अभय-मुद्रा धारिणी है। मां की पूजा विधि :   इनकी पूजा करने के लिए भक्त को नवरात्रा के आठवें दिन मां की प्रतिमा अथवा चित्र लेकर उसे लकड़ी की चौकी पर विराजमान करना चाहिए। इसके पश्चात पंचोपचार कर पुष्पमाला अर्पण कर देसी घी का दीपक तथा धूपबत्ती जलानी चाहिए। मां के आगे प्रसाद निवेदन करने के बाद साधक अपने मन को महागौरी के ध्यान में लीन कर निम्न म

वन्य प्राणियों के महत्त्व एवं उनके संवर्धन विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन सम्पन्न

स्वाधीनता के अमृत महोत्सव के अंतर्गत प्राणिकी एवं जैवप्रौद्योगिकी अध्ययनशाला, विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन में वन्यप्राणियों के महत्त्व एवं उनके संरक्षण विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन वन्यप्राणी सप्ताह के अंतर्गत किया गया, जिसमें देश के विभिन्न भागों से लोगों ने सहभागिता की।                  विक्रम विश्वविद्यालय द्वारा लगातार किये जा रहे स्वत्रंत्रता का अमृत महोत्सव अभियान के अंतर्गत प्राणिकी एवं जैवप्रौद्योगिकी अध्ययनशाला, विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन द्वारा वन्यप्राणी सप्ताह के तत्वाधान में वन्यप्राणियों का महत्त्व एवं उनका संरक्षण विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमे देश के विभिन्न भागों से  लगभग 300 लोगों ने सहभागिता की। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य वन्यप्राणियों की लगातार घटती हुई संख्या को ध्यान में रखते हुए उनके संरक्षण हेतु  जान-जाग्रति अभियान एवं छात्रों को वन्यजीवों के महत्त्व तथा उनके संरक्षण की विधियों से अवगत करना था।  कार्यक्रम में अध्यक्षीय उद्भोधन देते हुए विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार पांडेय ने कहा की मानव समाज अपनी जीवन श

विशिष्ट व्याख्यानों का आयोजन 13 अक्टूबर को

विशिष्ट व्याख्यानों का आयोजन 13 अक्टूबर को  प्राणिकी एवं जैवप्रौद्योगिकी अध्ययनशाला विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन में विशिष्ट व्याख्यान का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय में अध्ययनरत छात्र, शोधार्थी एवं शिक्षकगण सहभागिता कर सकेंगे। उज्जैन: आज़ादी के अमृत महोत्सव कार्यक्रम के अंतर्गत प्राणिकी एवं जैवप्रौद्योगिकी अध्ययनशाला में दिनांक 13 अक्टूबर 2021 को दो विशिष्ट व्याख्यान आयोजित किये जा रहे है, जिनमे महाविद्यालय में अध्ययनरत छात्र, शोधार्थी एवं शिक्षकगण सहभागिता कर सकते है। विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन के कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार पांडेय के दिशानिर्देश में सभी अध्ययनशालाएवं संस्थानों द्वारा आज़ादी के अमृत महोत्सव कार्यक्रम का आयोजन निरन्तर जारी है, जिसमे लगातार वेबिनार, सेमिनार, विशिष्ट व्याख्यान एवं कला-सांस्कृतिक गतिविधियों का आयोजन छात्र हित के दृष्टिकोण से किया जा रहा है। इसी कार्यक्रम की निरंतरता में प्राणिकी एवं जैवप्रौद्योगिकी अध्ययनशाला द्वारा दिनांक 13 अक्टूबर को दोपहर 12 बजे से दो विशिष्ट व्याख्यानों का आयोजन किया जा रहा है। जिसमे विश्वविद्यालय

नारी सशक्तीकरण का साक्षात उदाहरण हैं नवशक्ति - प्रो शर्मा

नारी सशक्तीकरण का साक्षात उदाहरण हैं नवशक्ति - प्रो शर्मा शक्ति उपासना : सांस्कृतिक और सामाजिक परिप्रेक्ष्य में अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी संपन्न प्रतिष्ठित संस्था राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना द्वारा शक्ति उपासना: सांस्कृतिक और सामाजिक परिप्रेक्ष्य में विषय पर अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। आयोजन के मुख्य अतिथि श्री ब्रजकिशोर शर्मा, मुख्य वक्ता, प्रोफेसर शैलेंद्र कुमार शर्मा, उज्जैन, विशिष्ट अतिथि डॉक्टर शहाबुद्दीन नियाज मोहम्मद शेख, पुणे महाराष्ट्र, विशिष्ट वक्ता, डॉ प्रभु चौधरी, उज्जैन, अध्यक्षता, श्रीमती सुवर्णा जाधव, मुंबई  एवं संयोजक, संचालक, डॉ. मुक्ता कान्हा कौशिक, रायपुर, छत्तीसगढ़ थीं। मुख्य वक्ता के रूप में  प्रोफ़ेसर शैलेंद्र कुमार शर्मा,कुलानुशासक एवं हिंदी विभागाध्यक्ष, विक्रम विश्वविद्यालय,उज्जैन ने कहा कि नवशक्ति नारी सशक्तीकरण का साक्षात उदाहरण हैं। दिव्य शक्ति चराचर जगत में परिव्याप्त है। हर कारण-वस्तु में  शक्ति हैं। बोलना, सुनना, विचार, आदान-प्रदान सभी क्रियाएँ शक्ति द्वारा ही हो रहा है।सामाजिक कार्य भी शक्ति के माध्यम से सम्भव है। शक्ति सर्वव्यापक है। ग्राम

शक्ति उपासना : सांस्कृतिक और सामाजिक परिपेक्ष्य मे अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी

  राष्ट्रीय प्रतिष्ठित संस्था राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना द्वारा शक्ति उपासना: सांस्कृतिक और सामाजिक परिपेक्ष्य विषय पर अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। जिस के मुख्य अतिथि श्री बृजकिशोर शर्मा, इंदौर, मुख्य वक्ता, प्रोफेसर शैलेंद्र कुमार शर्मा, उज्जैन, विशिष्ट अतिथि, डॉक्टर शहाबुद्दीन नियाज मोहम्मद शेख, पुणे महाराष्ट्र, विशिष्ट वक्ता, डॉ प्रभु चौधरी, उज्जैन, अध्यक्षता, श्रीमती सुवर्णा जाधव, मुंबई मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना के अध्यक्ष श्री ब्रजकिशोर शर्मा, इंदौर ने कहा, कि प्रकृति के गूढ़ शक्ति भारतीय संस्कृति में ही है। वंश,परिवेश,खानपान की परंपरा में नवरात्रि भी एक परिवारिक उत्सव है। नवरात्रि शक्ति की आराधना की आवश्यकता है। नवरात्रि में यह साधना नवशक्ति रूप में भय का नाश करती है। विशिष्ट अतिथि के रुप में उपस्थित प्राचार्य डॉ शहाबुद्दीन नियाज मोहम्मद शेख,पुणे, महाराष्ट्र में कहा कि नवरात्रि संस्कृत शब्द है जिसमें नवरात्रि का उल्लेख है जो नौ दिन तक मनाया जाता है। और दसवीं दिन की विजयादशमी मनाते हैं। प्राचीन काल से महिषासुर ने ब्रह्मा से वरदान

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