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ललित कला के विद्यार्थी कलाकारों की कलाकृतियों का अवलोकन कर उनकी सराहना की कुलगुरु प्रो पांडेय ने

विश्वविद्यालय के वाग्देवी भवन की दीवारों पर उकेरी गईं विरासत से जुड़ी कलाकृतियाँ उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन की ललित कला अध्ययनशाला में कुलगुरु प्रोफेसर अखिलेश कुमार पांडेय ने विद्यार्थियों द्वारा निर्मित कलाकृतियों, रंगोली एवं उनके द्वारा चित्रित भित्ति चित्रों का अवलोकन किया। उन्होंने विद्यार्थी कलाकारों की बहुत ही प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि कुछ अलग हटके करें और कुछ नया विचार ले कर आएँ। कुलानुशासक प्रो. शेलेंद्र कुमार शर्मा ने कहा कि वाग्देवी भवन की भित्तियों और भूमि पर विरासत से जुड़े चित्रों के साथ ही लोक और जनजातीय रूपांकन कला के दर्शन होंगे। पहले चरण में विद्यार्थी कलाकारों ने हमारी विरासत से जुड़े सांस्कृतिक प्रतीकों का मनोहारी रूपांकन किया है। इस अवसर पर माधव कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय की चित्रकला विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ अल्पना उपाध्याय उपस्थित थीं। उन्होंने विद्यार्थियों द्वारा निर्मित श्रीराम लला  रंगोली एवं उनकी कला कृतियों का अवलोकन किया और उनके उत्तम कार्य के लिए उनकी प्रशंसा की और उन्हें कला की बारीकियों के बारे में समझाया। इस अवसर पर ललित कला विभाग के विभ

महाकाल सांस्कृतिक वन हमारी संस्कृति और सभ्यता को झलकाता है, यह उज्जयिनी की एक धरोहर के रूप में विश्वविद्यालय परिसर को सुशोभित करता है - कुलगुरु प्रो अखिलेश कुमार पाण्डेय

विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन के विद्यार्थियों ने कुलगुरु और व न विभाग के अधिकारियों के सान्निध्य में महाकाल सांस्कृतिक वन का भ्रमण कर उसके विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की            उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन के विद्यार्थियों ने कुलगुरु और वन विभाग के अधिकारियों सान्निध्य में महाकाल सांस्कृतिक वन का भ्रमण कर उसके विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की। दिनांक 26 अप्रैल 2024 को हुए इस भ्रमण में जैव प्रौद्योगिकी, फॉरेंसिक साइंस एवं इंजीनियरिंग विभाग के विद्यार्थी सम्मिलित थे। विद्यार्थियों को भ्रमण करवाते हुए जिला वन मंडल अधिकारी डॉक्टर किरण बिसेन ने बताया कि महाकाल सांस्कृतिक वन मे अनेक आऔषधीय पौधे रोपित किए गए हैं जो गुणकारी होने के साथ-साथ वन की सुंदरता को भी सुशोभित करते हैं। उन्होंने विद्यार्थियों को वन में उपस्थित सभी पौधों की प्रजातियों से परिचित कराया। इस भ्रमण के दौरान विक्रम विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रोफेसर अखिलेश कुमार पाण्डेय भी उपस्थित थे।  वन के बारे में बात करते हुए  कुलगुरु जी ने कहा कि महाकाल सांस्कृतिक वन हमारी संस्कृति और सभ्यता को झलकाता है, यह उज्जयिनी की एक धरोहर के रूप

योग एवं ध्यान तन और मन को स्वस्थ रखने के सबसे अच्छे तरीके हैं - कुलगुरु प्रोफेसर अखिलेश कुमार पाण्डेय

योग एवं ध्यान तन और मन को स्वस्थ रखने के सबसे अच्छे तरीके हैं - कुलगुरु प्रोफेसर अखिलेश कुमार पाण्डेय विक्रम विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों द्वारा भैरवगढ़ जेल में महिलाओं के लिए योग शिविर का आयोजन किया गया उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय के योग विभाग के विद्यार्थियों द्वारा दिनांक 24 अप्रैल 2024 से 4 मई 2024 तक जेल को महिलाओं के लिए महिला योग शिविर का आयोजन किया जा रहा है। योग विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर एस के मिश्र ने बताया कि गौरतलब है कि योग विभाग के विद्यार्थी अलग-अलग जगह पर योग प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया जाता रहता है किंतु इस बार विक्रम विश्वविद्यालय के कुलगुरू प्रोफेसर अखिलेश कुमार पाण्डेय के विशेष आग्रह पर यह शिविर भेरुगढ़ जेल की महिलाओं के लिए आयोजित किया जा रहा है।  शिविर का आयोजन कर रही छात्राओं श्रीमती शकुंतला शर्मा और श्रीमती हर्षिता धनक चौहान ने बताया कि उनका उद्देश्य महिलाओं जो सामान्य और विशेष कर शरीर को चुस्त रखने वाले योग का ज्ञान देने का है, जिससे ज्यादातर महिलाएं लाभान्वित हो सके। इस अवसर पर विक्रम विश्वविद्यालय के कुलगुरू प्रोफेसर अखिलेश कुमार पाण्डेय ने विद्य

पौधों की बीमारियों सही दृष्टि से पहचानने का तरीका सीखना पादप रोग विज्ञान के विद्यार्थियों के लिए अत्यंत आवश्यक - कुलगुरु प्रो अखिलेश कुमार पाण्डेय

उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रोफेसर अखिलेश कुमार पाण्डेय ने एम एससी पादक रोग विज्ञान की कक्षा में पहुंच कर विद्यार्थियों को पौधों में कवक से होने वाली बीमारियों पर जानकारी दी। दिनांक 25 अप्रैल 2024 को विक्रम विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रोफेसर अखिलेश कुमार पाण्डेय ने एम एससी पादप रोग विज्ञान की कक्षा में पहुंच विद्यार्थियों को कवक से होने वाली बीमारियों के बारे में जानकारी दी।  कक्षा को संबोधित करते हुए माननीय कुलगुरु जी ने बताया कि अधिकांश पौधों की बीमारियाँ  कवक या फफूंद जैसे जीवों के कारण होती हैं। विद्यार्थियों को समझते हुए उन्होंने बताया कि पौधों की बीमारी का एक संकेत रोगजनक का भौतिक प्रमाण है जैसे, बकाइन के पत्ते पर ख़स्ता फफूंदी को देखी जा सकती है, जो वास्तव में परजीवी कवक रोग जीव माइक्रोस्फ़ेरा अलनी हैं। उसी प्रकार गुठलीदार फलों का जीवाणु नासूर गमोसिस का कारण बनता है, जो नासूरों से निकलने वाला एक जीवाणु स्राव है। पौधों के रोगों पर प्रकाश डालते हुए पौधे की बीमारी का एक लक्षण पौधे पर बीमारी का दिखाई देने वाला प्रभाव है। लक्षणों में रोगजनक के प्रति प्रतिक्रिया करते

विक्रम विश्वविद्यालय के सेवानिवृत कर्मचारियों की पेंशन को लेकर माननीय सर्वोच्च न्यायालय का ऐतिहासिक फैसला

प्रो एस एन गुप्ता,  सेवानिवृत्त आचार्य,विक्रम विश्वविद्यालय विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन के शिक्षकों और कर्मचारियों को मध्यप्रदेश शासन के कर्मचारियों के समान पेंशन देना मध्यप्रदेश शासन की संवैधानिक बाध्यता ही नहीं, उत्तरदायित्व भी  विक्रम विश्वविद्यालय शिक्षक संघ ने किया सर्वोच्च न्यायालय के ऐतिहासिक फैसले का स्वागत उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय के शिक्षकों और कर्मचारियों की पेंशन को लेकर माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने ऐतिहासिक फैसला दिया है। इसके अनुसार विक्रम विश्वविद्यालय के कर्मचारियों को मध्य प्रदेश शासन के कर्मचारियों के समान पेंशन देना मध्य प्रदेश सरकार की संवैधानिक बाध्यता ही नहीं, उत्तरदायित्व भी है। माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने मध्यप्रदेश सरकार की एसएलपी को खारिज कर माननीय उच्च न्यायालय, मध्यप्रदेश में डॉ. सुरेंद्र नारायण गुप्ता, सेवानिवृत्त आचार्य, विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन की याचिका क्रमांक 5314 / 20 में दिए गए उक्त निर्णय का अनुमोदन कर दिया है। मध्य प्रदेश शासन, उच्च शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों की हठधर्मिता से अनेक रिप्रेजेंटेशन और माननीय उच्च न्यायालय के पूर्व निर्णयों क

यूआईटी आरजीपीवी में टेक्नोफिलिक स्टूडेंट्स क्लब द्वारा तीन दिवसीय कार्यक्रम "विजयपथ" का आयोजन

भोपाल। यूआईटी, आरजीपीवी, भोपाल के सिविल इंजीनियरिंग विभाग के टेक्नोफिलिक स्टूडेंट्स क्लब - द्वारा 3 दिवसीय अंतर महाविद्यालयीन कार्यक्रम "विजयपथ" का आयोजन 24 से 26 अप्रैल, 2024 तक विश्वविद्यालय परिसर में किया जा रहा है जिसमें 10 तकनीकी शिक्षा संस्थानों के 700 विद्यार्थी सिविल इंजीनियरिंग विषय से जुड़े टेक्निकल इवेंट, खेलकूद एवं सांस्कृतिक स्पर्धाओं में भाग ले रहे हैं। विजयपथ आयोजन के अंतर्गत खेलकूद स्पर्धा में बैडमिंटन, कैरम, शतरंज, टेबल-टेनिस, रस्साकशी एवं खजाने की खोज प्रतिस्पर्धा होगी। टेक्निकल इवेंट्स के अंतर्गत ऑटोकैड प्रतियोगिता, क्विज़, पोस्टर मेकिंग, मॉडल प्रस्तुति एवं कंटेंट राइटिंग स्पर्धा का आयोजन होगा साथ ही सांस्कृतिक गतिविधियों में नृत्य, गायन और ओपन माइक प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी। विश्वविद्यालय के सभागार में तीन दिवसीय अंतरमहाविद्यालयीन स्पर्धा के उ‌द्घाटन सत्र के अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रूपम गुप्ता, विनेकल नेटवर्क के संस्थापक श्री आकाश श्रीवास्तव, श्री शुभम त्रेहान तथा मेड-ईजी के श्री विजय तिवारी के अलावा विश्वविद्यालय के प्रो. एससी चौबे, प्

विक्रम विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों में शैक्षणिक सत्र 2024-25 में प्रवेश हेतु सीयूईटी के माध्यम से रिकार्ड पंजीयन हुआ

विक्रम विश्वविद्यालय में नवीन सत्र में प्रारम्भ हुई ऑनलाइन प्रवेश की प्रक्रिया    उज्जैन। राष्ट्रीय स्तर पर नेशनल टेस्टिंग एजेंसी -  एन.टी.ए द्वारा आयोजित संयुक्त विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा – सी. यू. ई. टी. परीक्षा के माध्यम से प्रवेश के इच्छुक देश भर के अनेक राज्यों से अभ्यर्थियों ने विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन की विभिन्न अध्ययनशालाओं तथा संस्थानों के विभिन्न पाठ्यक्रमों में शैक्षणिक सत्र 2024-25 में प्रवेश हेतु रिकार्ड पंजीयन कराया है। विक्रम विश्वविद्यालय में एमपी ऑनलाइन के माध्यम से प्रवेश की प्रक्रिया प्रारम्भ हो गई है। विक्रम विश्वविद्यालय में मेरिट के आधार पर तथा एनटीए द्वारा आयोजित सीयूईटी परीक्षा के माध्यम से पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी स्नातक के 29 पाठ्यक्रमों तथा स्नातकोत्तर के 59 पाठ्यक्रमों में प्रवेश की प्रक्रिया प्रारंभ हो रही है। विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रमों की बढ़ती मांग तथा लोकप्रियता का ही परिणाम है कि शैक्षणिक स़त्र 2024-25 में एन. टी. ए. द्वारा आयोजित सी. यू. ई. टी. परीक्षा के माध्यम से स्नातक के 29 पाठ्यक्रमों हेतु कुल 77,460 तथा स्नातकोत्तर के 59 पाठ्

"चलता है" की प्रवृत्ति अब नहीं चलेगी - प्रो. सी.सी. त्रिपाठी

भोपाल। एनआईटीटीटीआर भोपाल  में रक्षा मंत्रालय के गुणता आश्‍वासन महानिदेशालय (DGQA)  की भोपाल यूनिट के क्वालिटी  एश्योरेंस ऑफीसर कैप्टन डॉ ओ पी शर्मा ने परस्पर सहयोग के लिए निटर भोपाल के सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस की लैब्स एवं विभिन्न विभागों को विजिट किया। गुणता आश्‍वासन महानिदेशालय सशस्त्र सेनाओं को आपूर्ति किए जाने वाले शस्त्रों, गोला-बारूद, उपकरण  और भंडार-सामग्री की संपूर्ण रेंज के लिए गुणता सुनिश्चित करता है।  इस अवसर पर निटर निदेशक प्रो. सी.सी. त्रिपाठी ने कहा कि, आज हर क्षेत्र में क्वालिटी एक महत्पूर्ण पैमाना बन गया है। आज इंजीनियरिंग, टेक्नोलॉजी और संबंधित विषयों के स्टूडेंट्स एवं कार्य करने वाले सभी लोगों को क्वालिटी स्टैंडर्ड्स की जानकारी आवश्यक है। निटर भोपाल इस दिशा में प्रयास कर रहा है। आज किसी को भी गुणवत्ता से समझौता करने की कोई आवश्यकता या बाध्यता नहीं है। "चलता हे " अब नहीं चलेगा । निटर भोपाल मिनिस्ट्री ऑफ़ डिफेन्स के साथ किसी भी रूप में कार्य करने पर अपने आपको गौरवान्वित महसूस करेगा।   दोनों संस्थानों ने विभिन्न क्षेत्रों में आपसी सहयोग पर विस्तृत चर्चा की। कैप्ट

धन्वन्तरि आयुर्वेद चिकित्सालय में रोगियों को निःशुल्क चिकित्सा परामर्श एवं दवाईयां होगी वितरित

धन्वन्तरि आयुर्वेद चिकित्सालय में विभिन्न रोगों पर हो रहे शोध कार्य उज्जैन। शासकीय धन्वन्तरि आयुर्वेद चिकित्सालय एवं महाविद्यालय चिमनगंज उज्जैन में महाविद्यालय के स्नातकोत्तर कायचिकित्सा विभाग के अंतर्गत डॉ. ओ.पी. व्यास, डॉ. नरेश जैन, डॉ. वंदना सराफ के अधीन अधोलिखित स्नातकोत्तर छात्राओं द्वारा उनके सम्मुख दर्शाये रोग पर शोध कार्य प्रारंभ किया जा चुका है। डॉ. मेघा गुप्ता, डॉ. ओ.पी. व्यास - ग्रहणी रोग (उदरशूल पूर्वक बार-बार शिथिल मल प्रवृत्ति) डॉ. आरती दीक्षित, डॉ. नरेश जैन - श्वास रोग (श्वास की तकलीफ) डॉ. आरती भण्डुले, डॉ. नरेश जैन - मूत्राश्मरी रोग (पथरी) डॉ. श्वेता धुर्वे, डॉ. वंदना सराफ - विचर्चिका रोग (त्वचा रोग) उक्त स्नातकोत्तर छात्राओं द्वारा इन रोगियों की स्थानीय चिकित्सालय में आवश्यक सभी परीक्षण (रक्त, मल, मूत्र आदि) निःशुल्क करवाये जा रहे हैं। तथा छात्राओं द्वारा शास्त्रोक्त तैयार औषधियां रोगियों को निःशुल्क प्रदान की जा रही है। उज्जैन व उज्जैन के आसपास के आम लोगों के लिए ये सूचना प्रसारित की जा रही है जिससे उक्त रोगों से पीड़ित रोगी चिकित्सालय में आकर आवश्यक चिकित्सा

विक्रम विश्वविद्यालय का 56 सदस्यीय दल उद्योग भ्रमण हेतु कच्छ रवाना

उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन के अर्थशास्त्र तथा प्रबन्धन विद्यार्थियों के 56 सदस्यीय दल को दो दिवसीय उद्योग भ्रमण हेतु कुलपति प्रो अखिलेश कुमार पाण्डेय द्वारा झण्डी दिखा कर कच्छ, गुजरात के लिए बस से रवाना किया गया। इस दल के 28 पुरुष तथा 28 महिला सदस्यों में प्रबन्धन के 36 विद्यार्थी तथा अर्थशास्त्र के 17 विद्यार्थी डॉ संग्राम भूषण, डॉ दीपा द्विवेदी तथा डॉ टीना यादव के नेतृत्व में गुजरात में फारस की खाड़ी पर मानवनिर्मित निजी क्षेत्र के भारत के सबसे बड़े बन्दरगाह मुन्द्रा का भ्रमण करेगा तथा प्रत्येक विद्यार्थी भ्रमण प्रतिवेदन तैयार करेगा।  विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन के आई आई पी एस तथा अर्थशास्त्र विभाग के विद्यार्थी उद्योगसमूह अडानी समूह के अडानी एनेर्जी, अडानी पवन उर्जा सहित अडानी समूह के अनेक अन्य उपक्रमों तथा स्पेशल इकोनामिक जोन का भ्रमण करेंगे। दल को रवाना करते हुए कुलपति प्रो अखिलेश कुमार पाण्डेय ने विद्यार्थियों को बताया कि यह विश्वविद्यालय द्वारा नयी पहल है तथा इस प्रयास से अर्थशास्त्र तथा प्रबन्धन के विद्यार्थी भारत के उभरते आर्थिक परिदृश्य  को मात्र देखेंगे ही नहीं, अपि

विद्यार्थी शिक्षा मन से ग्रहण करे और उसे जीवन में आत्मसात करे तभी वे अपना और समाज का उद्धार कर पाएंगे - कुलगुरु प्रो अखिलेश कुमार पाण्डेय

उज्जैन: विक्रम विश्वविद्यालय की प्राणिकी एवं जैव प्रौद्योगिकी एवं फॉरेंसिक साइंस के विद्यार्थियों को विक्रम विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रोफेसर अखिलेश कुमार पाण्डेय ने प्रायोगिक कार्य करने की बारीकियां समझाईं। दिनांक 23 अप्रैल 2024 को औचक निरीक्षण पर प्रIणिकी, जैव प्रौद्योगिकी एवं फॉरेंसिक साइंस अध्ययनशाला पहुंचे विक्रम विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रोफेसर अखिलेश कुमार पाण्डेय ने प्राणिकी, जैव प्रौद्योगिकी एवं फॉरेंसिक साइंस विभाग का निरीक्षण किया एवं विद्यार्थियों को प्रायोगिक कार्य करने की बारीकियां समझाईं।  माननीय कुलगुरु जी ने विद्यार्थियों को समझते हुए कहा किसी भी विज्ञान के विद्यार्थी के लिए यह आवश्यक है की वह अपनी लैब की साफ-सफाई रखे। उन्होंने कहा कि प्रायोगिक कार्य विज्ञान की पढ़ाई का एक अभिन्न अंग है और प्रायोगिक कार्य अच्छे से हो सके इसके लिए यह आवश्यक है कि लैब में उचित तरीके से साफ-सफाई रखी जाए। कुलगुरु जी ने विद्यार्थियों से कहा कि शिक्षा ग्रहण करने का यह मूल मंत्र है कि उसे विद्यार्थी पूरे मन से ग्रहण करें और उसे जीवन में आत्मसात करें। तभी वे अपना और समाज का उद्धार कर पाएं

विक्रम विश्वविद्यालय के प्राध्यापक मोहित कुमार प्रजापति को कंक्रीट मॉइश्चर कंटेंट मेजरिंग डिवाइस का इंडियन पेटेंट मिला

उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन के स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के प्राध्यापक मोहित कुमार प्रजापति ने अन्य प्राध्यापक के साथ मिलकर कंक्रीट मॉइश्चर कंटेंट मेजरिंग उपकरण पर डिजाइन पेटेंट हासिल किया, यह उपकरण इमारत के भीतर उच्च नमी का पता लगाने वह उसके रिसावों का पता लगाने के लिए कारगर साबित होगा, इसके अलावा कंक्रीट स्लैब में मौजूद या उसके माध्यम से स्थानांतरित होने वाली नमी का पता लगाने के लिए कंक्रीट मॉइश्चर कंटेंट परीक्षण उपकरण का उपयोग कर सकेंगे। प्राध्यापक प्रजापति द्वारा बताया गया कि कंक्रीट के पार्ट्स में अत्यधिक नमी के कारण महंगी फर्श कवरिंग या कोटिंग में विफलताएं हो सकती हैं जैसे कि डी बॉन्डिंग, वार्पिंग, ब्लिस्टरिंग और मोल्ड के बढ़ने की संभावनाएं बढ़ जाती है। फर्श उत्पाद रखने से पहले कंक्रीट स्लैब में नमी को मापने से व्यापक और महंगी क्षक्ति को रोकने में यह उपकरण कारगर साबित होगा। प्राध्यापक प्रजापति को यह चौथा इंडियन पेटेंट प्राप्त हुआ है।  इस उपलब्धि पर विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार पांडेय ने प्राध्यापक प्रजापति को बधाई और शुभकामनाएं दीं। उ

स्कूल ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के विद्यार्थियों का साइट विज़िट

उज्जैन। स्कूल आफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन के द्वारा विद्यार्थियों के प्रायोगिक ज्ञान को बढ़ाने के लिए एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट की निर्माणाधीन इमारत का निरीक्षण माननीय कुलगुरु प्रो. अखिलेश कुमार पांडेय, कुलसचिव डॉ अनिल शर्मा के नेतृत्व में करवाया गया। इस विजिट में स्कूल ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के विभिन्न ब्रांच से 100 से अधिक छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।  कुलगुरु डॉक्टर पांडेय ने इसे अत्यंत महत्वपूर्ण विजिट बताया जिससे विद्यार्थीगण प्रैक्टिकल नॉलेज के साथ आगे बढेंगे  उन्होंने विद्यार्थियों को सिविल इंजीनियरिंग के साथ-साथ वास्तु शास्त्र एवं पुरातन कालीन इंजीनियरिंग को भी समझाया कि किस तरह पुरातन इमारतें, किले, महल, मंदिर इत्यादि आज भी हजारों सालों के बाद बहुत ही अच्छी अवस्था में विद्यमान हैं। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि आप सभी यह सभी छोटी-छोटी विजिट करके समझ सकते हैं कि पुरानी और नई इंजीनियरिंग में क्या अंतर है? इस विजिट का उद्देश्य विद्यार्थियों को किताबी ज्ञान के साथ-साथ प्रायोगिक ज्ञान देना था। इसमें सभी ब्रांच के विद्यार्थियों द्वारा देखा गय

साहित्यिक संस्था ओपन बुक्स (ओबीओ) द्वारा साहित्यिक गोष्ठी का आयोजन

भोपाल। देश के अग्रणी ग़ज़लकार ज़हीर कुरेशी की तीसरी पुण्यतिथि पर दुष्यंन्त कुमार संग्रहालय में साहित्यिक संस्था ओपन बुक्स ऑनलाइन (ओबीओ) द्वारा साहित्यिक गोष्ठी का आयोजन अशोक निर्मल की अध्यक्षता, फरीदाबाद से आये वरिष्ठ साहित्यकार हरे राम समीप के मुख्य आतिथ्य में संपन्न हुआ। नवाचार करते हुए मंच संचालक बलराम धाकड़ ने ज़हीर के शे'रों के साथ ही साहित्यकारों को मंच पर आमंत्रित किया। हरे राम समीप ने कहा कि "ज़हीर कुरेशी जैसे दिखते थे उससे कहीं ज़्यादा विराट थे, ज़हीर की तहरीर जनवादी है"। कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए भोपाल के गीतकार एवं शायर महावीर सिंह ने सुनाया, "न जाने कितनी सदियों से ही मरते आ रहे हैं हम, जो ढंग से मर गए होते तो फिर मरने नहीं आते।" शशि बंसल ने लघुकथा ' लिंगभेद' सुनाई। सीमा सुशी ने सुन्दर दोहे सुनाये "कभी दिखाई धूप तो, कभी मिलाया प्यार, मां थी तो बिगड़े नहीं, रिश्ते और अचार। " मनीष बादल के शे'र को बहुत तालियाँ मिलीं, "वो जो सूरज चन्दा का इक टुकड़ा लेकर बैठे हैं, वो ही लोभी अँधियारे का दुखड़ा लेकर बैठे हैं "। मिथिलेश वामनकर क

भगवान महावीर स्वामी का विश्व को चिंतन, संगोष्ठी होगी

राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना की 288वीं राष्ट्रीय आभासी संगोष्ठी का आयोजन 21 अप्रेल 2024 रविवार सायं 6 बजे आयोजित किया जा रहा है। यह जानकारी देते हुए संस्था के राष्ट्रीय महासचिव एवं संयोजक डॉ. प्रभु चौधरी ने बताया कि राष्ट्रीय संगोष्ठी के मुख्य अतिथि जैन धर्म के लेखक विद्वान मनीषी श्री पदमचंद गांधी जयपुर, अध्यक्षता राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री ब्रजकिशोर शर्मा उज्जैन, मुख्य वक्ता विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन कुलानुशासक डॉ. शैलेन्द्रकुमार शर्मा, विशिष्ट अतिथि नागरी लिपि परिषद नई दिल्ली, महामंत्री डॉ. हरिसिंह पाल एवं श्री हरेराम वाजपेयी अध्यक्ष हिन्दी परिवार इन्दौर तथा डॉ. अनसूया अग्रवाल राष्ट्रीय संयोजक महासमुंद एवं श्रीमती सुवर्णा जाधव राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष पुणे रहेंगे। संगोष्ठी में विशेष अतिथि डॉ. शिवा लोहारिया राष्ट्रीय अध्यक्ष महिला इकाई जयपुर, डॉ. रश्मि चौबे राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष महिला इकाई गाजियाबाद, डॉ. रेनू सिरोया कुमुदनी राष्ट्रीय महासचिव महिला इकाई उदयपुर, डॉ. दीपिका सुतोदिया राष्ट्रीय उपाध्यक्ष गुवाहाटी, डॉ. सुनीता मंडल राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कोलकाता एवं श्री सुंदरलाल जोशी सू

भेराजी सम्मान सही अर्थों में लोक संस्कृति का नोबल पुरस्कार है – शैलेन्द्र शर्मा

उज्जैन । भेराजी सम्मान मालवी संस्कृति , बोली और भाषा का प्रतिष्ठित सम्मान है। लोक एवं जनजातीय संस्कृति भारत की संस्कृति के मूल आधार में है। सदियों से लोक संस्कृति लोकतांत्रिक मूल्यों का संवहन करती आ रही है। लोक संवेदना का इतिहास लोक संस्कृति और साहित्य में सतत प्रवहमान है। भेराजी सम्मान सही अर्थों में लोक संस्कृति का नोबल पुरस्कार है। ये विचार मालवा लोक कला एवं संस्कृति संस्थान द्वारा कालिदास अकादमी में आयोजित 37 वें भेराजी सम्मान समारोह में अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन के कुलानुशासक प्रो.शैलेन्द्र कुमार शर्मा ने व्यक्त किये। भेराजी सम्मान समारोह का आयोजन कालिदास संस्कृत अकादमी में दिनांक 18 अप्रैल 2024   की संध्या पर किया गया। आयोजन के सारस्वत अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार पद्मश्री डॉ. भगवतीलाल राजपुरोहित ने कहा कि पिछले सैंतीस वर्षों की परंपरा में निमाड़ी और मालवी के गुणी साहित्यकारों को भेराजी सम्मान से सम्मानित किया जाना मालवी का सम्मान बन गया है। मुख्य अतिथि प्रसिद्द मालवी साहित्यकार श्रीमती माया बदेका ने मालवी भाषा में संबोधित करते हुए कहा कि भेराजी सम्मान

श्रीराम भारत की संपूर्ण सांस्कृतिक चेतना के प्रतीक हैं – पूर्व कुलपति प्रो मिश्र

श्रीरामलला स्वरूप रूपांकन एवं सृजन सम्मान हुआ रामनवमी पर, प्रो मिश्र का हुआ सारस्वत सम्मान   रामनवमी पर्व पर बनाई गई श्री रामलला की बहुरंगी रंगोली विक्रम विश्वविद्यालय के वाग्देवी भवन में  उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन में रामनवमी के पावन अवसर पर पूर्व परम्परानुसार रूपांकन एवं सृजन सम्मान समारोह का आयोजन वाग्देवी भवन में 17 अप्रैल को प्रातः 10 बजे किया गया। इसमें ललित कला अध्ययनशाला के विद्यार्थी- कलाकारों द्वारा रंगोली के माध्यम से श्रीरामलला स्वरूप रूपांकन तथा विश्वविद्यालय के प्रतिभाशाली विद्यार्थी कलाकारों का सम्मान किया गया।  विशिष्ट उद्बोधन मुख्य अतिथि पूर्व कुलपति प्रो रामराजेश मिश्र ने दिया। प्रभारी कुलपति प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा की अध्यक्षता में संपन्न इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में कलाकार, साहित्यकार एवं कलाप्रेमियों ने भाग लिया।  विक्रम विश्वविद्यालय एवं रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर के पूर्व कुलपति प्रोफेसर रामराजेश मिश्र ने अपने उद्बोधन में कहा कि श्रीराम सर्वव्यापी हैं। वे भारत की संपूर्ण सांस्कृतिक चेतना के प्रतीक हैं। उन्होंने जिसका स्पर्श किया, वह मुक्

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