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जनसंचार माध्यमों ने हिन्दी के विस्तार और व्याप्ति में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है – प्रो शर्मा ; जनसंचार क्रांति और हिंदी पर केंद्रित राष्ट्रीय वेब संगोष्ठी का आयोजन हुआ

जनसंचार माध्यमों ने हिन्दी के विस्तार और व्याप्ति में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है – प्रो शर्मा  

जनसंचार क्रांति और हिंदी पर केंद्रित राष्ट्रीय वेब संगोष्ठी का आयोजन हुआ


संचार के क्षेत्र में अन्तर - वैयक्तिक संचार और समूह संचार से लेकर जनसंचार क्रांति तक आते आते व्यापक बदलाव हुए हैं। जनसंचार माध्यमों ने हिन्दी और भारतीय भाषाओं की व्याप्ति और विस्तार में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है। स्वतंत्रता संग्राम में जनसंचार माध्यमों और हिन्दी की अविस्मरणीय भूमिका रही है। वेब आधारित मीडिया विश्व पटल पर निरंतर विस्तार पा रहे हैं। जनसंचार के नए माध्यम, विशेष तौर पर नितनूतन आयामों के साथ गतिशील वेब मीडिया अपनी प्रविधि और प्रकृति में ही परम्परागत माध्यमों से भिन्न नहीं हैं, उसका चरित्र और पहुँच भी अलग है। इस वैशिष्ट्य का बड़ा कारण है- उसका गैर-व्यक्तिवादी रुझान, जिसके रहते जीवन से जुड़े हर क्षेत्र में जन-जन की सक्रिय भागीदारी के मौके बढ़ रहे हैं।

ये उद्गार जनसंचार क्रांति और हिंदी : उपलब्धियां एवं संभावनाएं (आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के परिप्रेक्ष्य में) पर केंद्रित एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी के प्रमुख वक्ता, हिन्दी के अंतराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त विद्वान, विक्रम विश्वविद्यालय के हिन्दी विभागाध्यक्ष एवं कुलानुशासक प्रो शैलेन्द्र कुमार शर्मा ने व्यक्त किए। संगोष्ठी का आयोजन शा. ने. स्नातकोत्तर महाविद्यालय, आगर मालवा की आईक्यूएसी सेल के तत्वावधान में हिन्दी विभाग द्वारा किया गया।

उद्घाटन सत्र में प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा ने जनसंचार क्रांति और हिन्दी : उपलब्धि एवं संभवनाएं (आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के परिप्रेक्ष में) विषय पर अत्यंत सारगर्भित और प्रासंगिक उद्बोधन से लाभान्वित किया। उन्होंने जनसंचार का अर्थ बताते हुए मानव सभ्यता के विकास से लेकर वर्तमान युग तक जनसंचार की विकासयात्रा पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि दुनिया को विश्वग्राम बनाने में और हिन्दी को विश्वपटल पर स्थापित करने में जनसंचार क्रांति का योगदान अद्वितीय है। उन्होंने वर्तमान युग में हिन्दी भाषा से सम्बंधित नवीनतम तकनीकी और टाइपिंग के विभिन्न तरीकों से हिन्दी शब्द संसाधन की प्रक्रिया पर विस्तार से प्रकाश डाला।


संगोष्ठी में विशिष्ट अतिथि के रूप में विदुषी एवम् शासकीय कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय, उज्जैन की पूर्व हिन्दी विभागाध्यक्ष, डॉ. उमा वाजपेयी ने अपना उद्बोधन देते हुए जनसंचार का महत्व और उसमें हिन्दी भाषा का योगदान बताते हुए, आज के तकनीकी युग में जनसंचार माध्यमों में हिन्दी की भूमिका विषय पर सारगर्भित वक्तव्य से श्रोताओं को लाभान्वित किया।

राष्ट्रीय संगोष्ठी के संरक्षक अतिरिक्त संचालक, उच्च शिक्षा उज्जैन संभाग डॉ. आर. सी. जाटवा रहे।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए संस्था की प्राचार्य डॉ. रेखा गुप्ता ने संगोष्ठी के विषय पर कहा कि यदि हमें अपने महाविद्यालय एवं मध्यप्रदेश को आत्मनिर्भर बनाना है तो अपने हृदय से सदैव सकारात्मक ऊर्जा का सृजन करते हुए कर्तव्यनिष्ठा को प्रमुखता देनी होगी।


संगोष्ठी में राजस्थान, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक व अन्य राज्यों से भी प्रतिभागियों ने सहभागिता की।

स्वागत उद्बोधन आक्यूएसी सेल प्रभारी डॉ. शशिप्रभा जैन ने दिया। अतिथियों का परिचय डॉ. रेखा कौशल ने दिया।

कार्यक्रम का संचालन, संगोष्ठी संयोजक और हिन्दी विभागाध्यक्ष डॉ. संतोष एस्के ने किया। डॉ. कला मौर्य ने आभार व्यक्त किया।

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